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Pithori Amavasya 2024: संतान सुख और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के उपाय जानें, पिठोरी अमावस्या व्रत की तिथि, पूजा विधि, और पौराणिक महत्व।

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पिठोरी अमावस्या का पर्व हर साल भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह दिन खासतौर से माताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन वे अपनी संतानों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि, और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं।

Pithori Amavasya 2024: संतान सुख और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के उपाय जानें, पिठोरी अमावस्या व्रत की तिथि, पूजा विधि, और पौराणिक महत्व।

इस पवित्र दिन पर भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। इस अमावस्या का व्रत विवाहित माताएँ अपने बच्चों की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। 'पीठ' का अर्थ आटा होता है, जिससे इस त्यौहार का नाम अस्तित्व में आया।पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2024) की पूर्व संध्या पर, विवाहित महिलाएं और मुख्य रूप से माताएं अपने बच्चों की भलाई और लंबी उम्र के लिए चौसठ देवियों की पूजा करती हैं। पुराने समय में, पिठ (आटे) से 64 देवियों की मूर्तियाँ बनाई जाती थीं, और उन्हें विशेष भोजन अर्पित किया जाता था। पिठोरी अमावस्या पर अष्टमातृकाओं और सप्तमातृकाओं की भी पूजा की जाती है।


पिठोरी अमावस्या 2024 तिथि व शुभ मुहूर्त Pithori Amavasya 2024 date and auspicious time

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पिठोरी अमावस्या भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2024 Date) का व्रत 2 सितम्बर 2024, सोमवार को रखा जाएगा। व्रत का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार है।

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 02, 2024 को 05:21 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त - सितम्बर 03, 2024 को 07:24 बजे

पिठोरी व्रत प्रदोष मूहूर्त - 18:46 से 21:02

समय - 02 घण्टे 16 मिनट्स


पिठोरी अमावस्या का महत्व Significance of Pithori Amavasya 2024

• देवी पार्वती ने भगवान इंद्र की पत्नी को पिठोरी अमावस्या व्रत कथा सुनाई थी। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से वीर और स्वस्थ पुत्र की प्राप्ति होती है। पिठोरी अमावस्या की पूर्व संध्या पर पिंडदान और पितृदर्पण कुछ महत्वपूर्ण कार्य हैं।

• पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya Vrat 2024) का संबंध पौराणिक कथाओं से है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव से पुत्र गणेश को पाने की कामना की थी। माता पार्वती ने इस दिन व्रत किया और विशेष पूजा-अर्चना की। उनकी भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें गणेश जी का वरदान दिया। तब से इस दिन को विशेष रूप से माताओं के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, जो अपने बच्चों के कल्याण के लिए व्रत और पूजा करती हैं।

• पिठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2024) का दिन केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत करने से न केवल संतान सुख की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में शांति और समृद्धि भी बनी रहती है। यह दिन पितरों की पूजा और उन्हें तर्पण करने के लिए भी उत्तम माना गया है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष हवन और पूजा का आयोजन भी किया जाता है।

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