जहां कृष्ण का नाम लिया जा रहा है, वहां राधा का नाम तो अवश्य लिया जाता है। इसलिए हमारे धर्म शास्त्रों में हमेशा राधा-कृष्ण का नाम सदा एक साथ लिया जाता है। राधा जी भले ही भगवान कृष्ण की पत्नी न बनी हो, लेकिन आज भी उनके बिना श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है। हाल ही में 19 अगस्त, 2022 के दिन भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया था, और उनके जन्म के ठीक 15 दिन बाद राधा रानी के जन्म का उत्सव मनाया जाता है।
ऐसे में आज के इस पोस्ट में हम आपको इस त्यौहार से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी देने जा रहे है, तो आइये जानते है-
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल अष्टमी तिथि के दिन राधा रानी के जन्म का उत्सव मनाया जाता है। साल 2022 में यह त्यौहार सितम्बर माह के 4 तारीख को मनाया जायेगा। राधा अष्टमी का यह त्यौहार कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद मनाया जाता है। देशभर के सभी राधा-कृष्ण मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ यह त्यौहार मनाया जाता है।
राधा अष्टमी 2022 तिथि - 4 सितम्बर, 2022
राधा अष्टमी प्रांरभ समय - 3 सितंबर 12:25 PM से
राधा अष्टमी समापन समय - 4 सितंबर 10:40 AM तक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राधा अष्टमी के दिन सुबह 04:36 बजे से लेकर सुबह 05:02 तक का समय, पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है।
राधा रानी को सदा ही कृष्ण भगवान की संगिनी के रूप में विश्वभर में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की भगवान कृष्ण का नाम हमेशा राधा के बाद ही लिया जाता है। वेद- पुराणों के अनुसार राधा जी का जन्म बरसाना के यादव परिवार में हुआ था। उनके पिता एक राजा थे, जिनका नाम वृषभानु था और उनकी माता का नाम कीर्ति था। माना जाता है जब राधा जी का जन्म हुआ तो उन्होने अपनी आंखे नही खोली थी, जिसके कारण उनके माता पिता को लगा की वे अंधी है। लेकिन राधा जी सबसे पहले श्री कृष्ण को देखना चाहती थी, जिसके बाद बाल स्वरूप में श्री कृष्ण के दर्शन कर ही उन्होंने अपनी आंखे खोली। ग्रंथों में राधा-कृष्ण की बहुत सी लीलाओं का वर्णन किया गया है। भगवान कृष्णा राधा जी से अटूट प्रेम करते थे और उन दोनों यह प्रेम युगों युगों तक ऐसे ही याद किया जाएगा।
माना जाता है की, विधि-विधान इस दिन पूजन और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। ऐसे में राधा रानी को समर्पित इस त्यौहार के दिन यदि आप राधा-कृष्ण का पूजन करते तो शुभ फल की प्राप्ति होती है। धर्मसार की ओर से आप सभी को राधा अष्टमी, 2022 (Radha Ashtami 2022) की ढेरों शुभकामनाएं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)