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रावण ने लक्ष्मण को क्या सिखया | जानें 5 बातें | Ravan - Lakshman Conversation

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रावण, दशानन, लंकापति, इन्ही कुछ नामों से रावण को जाना जाता है। रावण की कहानी इतनी प्रसिद्द है की बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति सभी ने रावण की अनेक कहानिया सुनी हुई हैं। रावण लंका का राजा था जहाँ असुरों का राज था। रावण से जुडी एक कथा का आज हम पढ़ेंगे जहाँ उसकी बुरी नहीं बल्कि अच्छी बातों का पता चलेगा।

रावण ने लक्ष्मण को क्या सिखया | जानें 5 बातें | Ravan - Lakshman Conversation

कहा जाता है की रावण महादेव का बहुत बड़ा भक्त था। शिव की तपस्या से रावण ने बहुत से शास्त्र और वरदान प्राप्त किये थे जिसमें से एक था अमर होने का वरदान। परंतु तब भी श्री राम ने रावण का वद्ध किया। यह कथा रावण के वद्ध के समय की है जब श्री राम से अपने भाई लक्ष्मण को रावण से ज्ञान प्राप्त करने को कहा।

जब लक्ष्मण रावण के पास पहुंचे और कहा की उनके भाई राम ने उन्हें ज्ञान लेने के लिए भेजा है तो रावण ने कुछ ना कहा। रावण का अहंकार समझकर लक्ष्मण जी श्री राम के पास लौट आए और कहा की रावण ने कुछ नहीं कहा। तब प्रभु श्री राम ने कहा की जिस समय तुम रावण से ज्ञान लेने गए थे, उस समय वो तुम्हारे गुरु थे, और गुरु के सदैव चरणों के पास रहना चाहिए जबकि तुम रावण के शीश के पास खड़े थे।

लक्ष्मण को अपनी गलती का अहसास हुआ और वे दोबारा रावण के पास गए, उन्होंने रावण से क्षमा मांगी। तब रावण ने उन्हें जीवन की 5 ऐसी सीख दी जिसका शायद खुद रावण को अपने अंतिम समय में अहसास हुआ। तो आइये देखते हैं रावण द्वारा लक्ष्मण को बताई गयी 5 बातें।


  1. जो कार्य गलत या अशुभ हो उसे अंतिम में ही करना चाहिए और अच्छे कार्यों को बिना सोचे जल्द से जल्द पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए।

  2. अपने दुश्मन को कभी काम मत समझो। भले ही आप हर समय जीत रहे हों, आपको अपने दुश्मन द्वारा हमले के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए क्योंकि वे हमेशा आपके कमज़ोरी पर ही वार करेगा।
    रावण ने श्री राम और उनकी वानर सेना को अपनी शक्तियों के आगे छोटा समझा और वह हार गया।

  3. कोई फर्क नहीं पड़ता आप भगवान के भक्त हैं या उनसे नफरत करते हैं। परंतु जो भी हो, वह अपार और दृढ होना चाहिए।

  4. अपना रहस्य किसी को ना बताएं और अपनी कमज़ोरी तो बिलकुल भी नहीं। यह कहीं न कहीं आपके लिए नुक्सान का सौदा बन सकता है।
    रावण ने भाई विभीषण को अपनी मृत्य का राज़ बताया था जो की रावण के जीवन की सबसे बड़ी गलती साबित हुई।

  5. अपने साथ काम करने वाले या आपके लिए काम करने वाले व्यक्तियों के प्रति कभी कठोरता या शत्रुता न करें। वे कभी भी आपको हानि पंहुचा सकते हैं।

रावण में चाहे कितनी भी बुराइयां हों और उन्होंने कितनी भी गलतियां की हों, परंतु जब जब ग्यानी और सिद्ध व्यक्तियों की बात होगी तो रावण का नाम वहां ज़रूर मिलेगा। उनकी यह 5 सलाह न केवल लक्ष्मण के लिए थी, अपितु हम सभी के लिए है। इन्हे हमें अपने जीवन में अवश्य अपनाना चाहिए।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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