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Sawan Solah Somvar Vrat 2025: कब से शुरू करें सोलह सोमवार का व्रत? जानें पूजा विधि, तिथि और उद्यापन की संपूर्ण जानकारी

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पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व होता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन शिव भक्त विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करते हैं। साथ ही, शांति, सुख-समृद्धि और मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए पूरे दिन उपवास रखते हैं। हालांकि, यह उपवास और भी चमत्कारी हो जाते हैं, जब इन्हें लगातार 16 सोमवार तक किया जाए। इसे 'सोलह सोमवार व्रत' कहा जाता है। आइए, जानते हैं इस व्रत की पूरी जानकारी।

Sawan Solah Somvar Vrat 2025: कब से शुरू करें सोलह सोमवार का व्रत? जानें पूजा विधि, तिथि और उद्यापन की संपूर्ण जानकारी

Solah Somvar Vrat: क्या है सोलह सोमवार व्रत?

सोलह सोमवार व्रत (solah somvaar vrat) भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाने वाला एक प्रमुख व्रत है। इसे खासतौर पर श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) के पहले सोमवार से शुरू किया जाता है। यह व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।खासतौर पर उन लोगों के लिए, जिन्हें वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ रही हैं या जो अच्छे जीवनसाथी की तलाश में हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सोलह सोमवार व्रत किए थे। हालांकि, सोलह सोमवार व्रत को लेकर कई लोगों के बीच यह असमंजस रहता है कि इसे कब से शुरू किया जाए। मान्यता है कि, सोलह सोमवार का आरंभ श्रावण मास में सबसे अधिक शुभ माना जाता है।


Solah Somvar Vrat 2025 Date: 2025 में कब से शुरू होंगे सोलह सोमवार व्रत?

सावन भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। सोलह सोमवार व्रत किसी भी सावन माह के पहले सोमवार से या श्रावण मास में शुरू करना बेहद शुभ माना जाता है। 2025 की बात करें तो इस साल सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई (solah somvar vrat tithi) को पड़ेगा। वही आखिरी सावन का सोमवार 11अगस्त 2025 का हैं।

इस प्रकार 2025 के सावन माह में कुल पांच सोमवार आएंगे।

ऐसे में आप अपने सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत 14 जुलाई 2025 से कर सकते हैं।


Solah Somvaar Vrat Significance: क्यों रखा जाता है सोलह सोमवार व्रत?

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए किसी पर्व से कम नहीं होता। इस दौरान सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। इसकी शुरुआत श्रावण मास के पहले सोमवार से होती है।

श्रावण सोमवार से प्रारंभ होने वाके यह सोलह सोमवार व्रत कोई भी रख सकता है। हालांकि, इसे सबसे अधिक अविवाहित महिलाएं करती हैं। मान्यता है कि इससे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। व्रत की शुरुआत आमतौर पर श्रावण मास के पहले सोमवार से होती है। इसके बाद लगातार 16 सप्ताह तक पूजा, व्रत कथा और अनुष्ठान के साथ यह व्रत पूर्ण किया जाता है।


Sawan Solah Somvar Vrat Puja Vidhi : सोलह सोमवार व्रत पूजा विधि

• सोलह सोमवार व्रत पूजा विधि (solah somvar puja vidhi in hindi) इस प्रकार है-

• सावन के पहले सोमवार सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।

• भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखें।

• सोलह सोमवार के व्रत में प्रदोष काल में सूर्यास्त से पहले पूजा करना शुभ माना जाता है।

• इस दिन तांबे के पात्र या कलश में शिवलिंग का पंचामृत और जल से अभिषेक करें।

• भोलेनाथ को बेलपत्र, फूल, गन्ना, अष्टगंध सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।

• मां पार्वती को नए वस्त्र पहनाएं और सोलह श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।

• शिव-पार्वती पूजन के बाद सोमवार व्रत कथा पढ़ें। फिर महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।

• इस व्रत विधि का लगातार 16 सोमवार तक पालन करें।


Sawan Solah Somvar Vrat Udyapan: सोलह सोमवार व्रत का उद्यापन

सोलह सोमवार व्रत का फल तभी मिलता है जब इसका विधिवत उद्यापन किया जाए। उद्यापन व्रत के 17वें सोमवार को किया जाता है। इस दिन 16 विवाहित जोड़ों को आमंत्रित कर भोजन कराया जाता है। उद्यापन से सोलह सोमवार व्रत पूर्ण होता है। भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्ति होती है।

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