हिंदू धर्म में देव शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शालिग्राम जी ही सृष्टि के पालनकर्ता श्रीहरि विष्णु के प्रकार हैं। ये पत्थर काले, गोल और चिकने पत्थरों के रूप में आते हैं। शालिग्राम जी से तुलसी जी का विवाह हुआ है। शालिग्राम जी अधिकांश हिंदुओं के पूजा स्थल पर रखे जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में नियमित रूप से शालिग्राम जी की पूजा की जाती है, वहां भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है। इन्हें घर में रखने और नियमित रूप से इनकी पूजा करने से आप कई परेशानियों से बच जाएंगे। यह आपके घर में सौभाग्य और समृद्धि भी लाता है।
मुख्य शालिग्राम पत्थर नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गण्डकी नदी के किनारे पाया जाता है।अयोध्या में रामलला के निर्माण के लिए नेपाल से विशेष शालिग्राम शिलाएं लाई गईं। कहा जाता है कि शालिग्राम में भगवान विष्णु विद्यमान हैं। शालिग्राम 33 प्रकार के होते हैं, जिनमें से 24 प्रकार भगवान विष्णु के स्वरूप से संबंधित हैं। आपने कई लोगों को घर में शालिग्राम रखते हुए देखा होगा। शालिग्राम स्टोन की माला (shaligram stone mala) भी उतनी ही लाभकारी होता है क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम माला को घर में स्थापित करना कितना शुभ है? इसे आपके घर में स्थापित करने के आशाजनक परिणाम क्या हैं? आइए जानते है:-
• शास्त्र कहते हैं कि जिन घरों में प्रतिदिन तुलसीजी के साथ शालिग्राम शिला की पूजा होती है, वहां दरिद्रता दूर रहती है। साथ ही जब आप शालिग्राम की माला धारण करते तो परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
• श्री शालिग्राम और तुलसी का विवाह हर वर्ष कार्तिक माह में होता है। पत्थर के रूप में पृथ्वी पर रहने वाले भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह तुलसी से कराने से परिवार में होने वाली दरिद्रता, चिंताएं, परेशानियां और रोग भी दूर हो जाते हैं।
• पुराण कहते हैं कि जिस घर में भगवान शालिग्राम विराजमान होते हैं वह घर सभी तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस स्थान पर भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है, वहां भगवान विष्णु के साथ धन की देवी लक्ष्मी भी निवास करती हैं।
• शालिग्राम की माला धारण कर शालिग्राम शिला का जल अपने ऊपर छिड़कने से आपको यज्ञ या तीर्थ में स्नान करने के समान फल मिलेगा।
• शालिग्राम रखने से घर में वास्तु दोष और परेशानियां दूर हो जाती हैं। घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में शालिग्राम पूजा बहुत कारगर है।
• इसके अलावा जो व्यक्ति शालिग्राम की माला धारण करता है और शालिग्राम पत्थर को नियमित रूप से जल देता है, वह अत्यंत प्रसन्न होता है।
शालिग्राम माला की पूजा करने के लिए पूजा स्थल पर पीला कपड़ा बिछाएं, माला को शालिग्राम की मूर्ति के साथ माला को चांदी या स्टील की थाली में रखें और पंचामृत से धो लें। चंदन का टीका लगाएं और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं। शालिग्राम की माला पर फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं और शालिग्राम की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
• आप शालिग्राम को न केवल तुलसी के बगल में रख सकते हैं, बल्कि आप इसे अपने घर के किसी पवित्र स्थान या मंदिर में भी रख सकते हैं जहां शालिग्राम की आधिकारिक तौर पर पूजा की जाती है। या शालिग्राम पत्थर से बनी माला अपने गले में पहन सकते है।
• धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शालिग्राम की पूजा पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए, नहीं तो घर में झगड़े या अशांति की स्थिति पैदा हो सकती हैं।
• अगर आपने अपने घर के मंदिर में शालिग्राम स्थापित किया है तो उन्हें प्रतिदिन तुलसी दल या तुलसी के पत्ते चढ़ाये।
• एक से अधिक शालिग्राम रखने की गलती ना करें। वित्तीय संकट और बीमारियाँ आपको घेर लेंगी।
• शालिग्राम की माला धारण करते समय या घर में शालिग्राम शिला रखते समय कभी भी मांस या शराब का सेवन न करें।
• अगर आपके घर में शालिग्राम हैं तो आपको नियमित रूप से उनकी पूजा करनी चाहिए।
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(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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