भगवान शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, जो हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। पंचांग के अनुसार, शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए बेहद शुभ होता है। कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ शनि महाराज के आराध्य देव हैं। ऐसे में, शनिदेव के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए शिवलिंग के उपाय बहुत प्रभावशाली माने जाते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही चमत्कारी शिवलिंग उपायों के बारे में बताने जा रहे है।
ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव के दुष्प्रभावों को शांत करने के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों में से एक है शिवलिंग के उपाय। मान्यता है कि शिवलिंग से जुड़े कुछ उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही जातक की कुंडली में शुभ फल प्रदान करते है। यह उपाय इतने प्रभावशाली माने गए है कि शनि की साढ़ेसाती के दौरान भी शनि महाराज आपको हानि नहीं पहुंचा सकते है। इन उपायों से आपके रुके हुए कार्य आसानी से पूरे होंगे।
तो आइए जानते हैं शिवलिंग से जुड़ें यह 5 अद्भुत उपाय। शनिवार शाम के दिन शिवलिंग (Shivling Upay for Shani Sade Sati) पर यह उपाय करना अत्याधिक फायदेमंद है-
काले तिल शनिदेव की पूजा में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते है। ऐसे में आप शनिवार को संध्याकाल में शिवलिंग पर जल से अभिषेक करें। इस जल में थोड़े काले तिल मिलाएं। जल चढाने के लिए तांबे या कांसे के कलश का ही प्रयोग शुभ होता है। यही कारण है की शिवलिंग पर जल में काले तिल मिलाकर अर्पित करने से शनि दोष से जल्द मुक्ति मिलती है।
शनि गायत्री मंत्र, शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए बेहद शक्तिशाली साधन माना जाता है। इसका प्रभावशाली मंत्र का सच्चे मन से जाप करने पर शनि की साढ़े साती के बुरे असर से सुरक्षा मिलती है। आप शनिवार की सुबह या शाम को शिवलिंग के पास बैठकर इस मंत्र का 108 बार जाप करें। शनि गायत्री मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें। यह मंत्र इस प्रकार है-
"ॐ शं शनिश्चराय विद्महे, सूर्यपुत्राय धीमहि, तन्नो शनिश्चरः प्रचोदयात्"
ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सरसों के कुछ सरल उपाय बताए गए हैं। माना जाता है कि सरसों के दाने शनि के दुष्प्रभावों को दूर करने में सक्षम होते हैं। ऐसे में आप शनिवार को 9 काली सरसों के दाने लें और उन्हें एक-एक करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। सरसों का यह प्रत्येक दाना चढ़ाते वक्त "ॐ शनि देवाय नमः" का जाप करें। इस उपाय से शनि से होने वाली अशुभ परिणामों से राहत मिलती है।
सनातन धर्म में तुलसी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। शनि के उग्र प्रभाव को शांत करने के लिए तुलसी के पत्ते और शहद का उपाय बहुत फायदेमंद है। शनिवार को ताजे तुलसी के पत्ते और थोड़ा सा शहद लेकर शिव मंदिर जाएं। वहां शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते रखें और उन पर शहद की कुछ बूंदें डालें। इस दौरान "ओम नमः शिवाय" का जाप करें। आप यह उपाय 4 शनिवार तक लगातार कर सकते हैं।
महा मृत्युंजय मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है। शिवलिंग को समर्पित इस मंत्र से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। शनि के साढ़ेसाती के दौरान अक्सर मानसिक अशांति की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में शनिवार के दिन सबसे पहले भोलेबाबा को जल चढ़ाएं। फिर हाथ जोड़कर शिवलिंग के सामने महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय से सभी तरह स्ट्रेस और भय को दूर करता है।
शिवलिंग से जुड़े 5 प्रभावशाली उपाय (5 Shivling Upay for Shani Sade Sati) बेहद असरदार माने गए हैं। इसके अलावा, अगर आप शनि के प्रभाव से परेशान हैं, तो शनि यंत्र का पूजन भी कर सकते हैं।
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