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जप माला के विभिन्न प्रकार और उनके लाभ | Types of Japa Mala and Their Benefits

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यदि आप हिंदुस्तान में रहते हैं तो आपके घर में जप माला ज़रूर मिलेगी। खासकर उन घरों में तो ज़रूर मिलेगी जहाँ वृद्ध लोग रहते हैं। लोग इन्हे रोज़ाना मंत्रों की जाप के लिए इस्तेमाल करते हैं और अब ये उनके जीवन का एक हिस्सा बन गया है। परंतु क्या आप जानते हैं की जप माला कितने प्रकार की होती हैं? सभी प्रकार की माला किसी ना किसी ख़ास कार्य या मंत्र के लिए उपयोग करि जाती है। आइये जानते हैं की जप माला क्या है और वे कितने प्रकार की होती हैं।

जप माला के विभिन्न प्रकार और उनके लाभ | Types of Japa Mala and Their Benefits

जप माला क्या है?

जप माला मंत्रों के उच्चारण की गिनती करने या गिनती याद रखने का खास यंत्र है। जप माला अनुमन 108 या 27 मोतियों की होती हैं क्योंकि मंत्र का जाप भी हम 108 या 27 बार ही करते हैं।

क्या आप जानते हैं की जप माला में 108 या 27 मोती ही क्यों होते हैं? इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। आइये जानते हैं।


जप माला में 108 मोती क्यों होते हैं?

वेदों के अनुसार 108 अंक का विज्ञान और अध्यात्म में बहुत अहम महत्व है।

वैज्ञानकों के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी से अपने व्यास के 108 गुना दूरी पे है। वहीँ सूरज और पृथ्वी के बीच की दूरी भी सूर्य के व्यास के 108 गुना है।

जप माला में उन 108 मोतियों के अलावा भी एक 109वा मोती होता है जो की माला का केंद्र माना जाता है। यह मोती बाकी सभी मोतियों से आकार में बड़ा होता है। यह मनका / बीज / मोती माला के प्रारंभ और समापन को दर्शाता है।

आइये अब जानते हैं की जप माला कितने प्रकार की होती हैं।


जप माला के प्रकार

जप माला के निम्नलिखित प्रकार हैं -


  1. रुद्राक्ष जप माला

यह माला ज़्यादातर घरों में उपयोग ली जाती है। रुद्राक्ष माला अधिकतम भगवान शिव के मंत्रों में उपयोग करि जाती है। रुद्राक्ष माला के लाभ भी अनेक हैं। रुद्राक्ष माला के मोती अलग अलग प्रकार के होते हैं। इनको हम मुख से पहचानते हैं। यह 1 से लेकर 38 मुख के होते हैं।

जब इन मोतियों का सही तरीके से उपयोग किया जाता है तो यह आपके दिमाग और आपके आस-पास की ऊर्जा को स्वास्थ्य, खुशी, आध्यात्मिक उत्थान, समृद्धि, रचनात्मकता, सहज क्षमता, इच्छा पूर्ति, सद्भाव, आकर्षण और आत्म-सशक्तिकरण में विशिष्ट परिणामों के लिए संरेखित कर सकते हैं।

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  1. तुलसी जप माला

तुलसी माला का संबंध भगवान विष्णु के सभी अवतारों के साथ है, और विशेष रूप से श्री कृष्ण के लिए। इसे आमतौर पर श्री कृष्ण के मंत्र हरे कृष्ण हरे रामा का जाप करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। यही कारण है की इसे सबसे शुभ माना जाता है। इस माला को लेकर महा मंत्र का जाप करने से आत्मा शुद्ध होती है, मन को शान्ति मिलती है और हम बुरी नज़र से बचते हैं।

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  1. रत्न जप माला

रत्न माला कोई भी मंत्र का जाप करते समय उपयोग नहीं की जाती है। इस माला को ग्रहों की स्तिथि के अनुसार घर में रखा जाता है। इससे मनुष्य के ग्रहों के दोष के निवारण के लिए ही घर में रखा जाता है।

इतना ही नहीं, आप इस मालाओं को धारण भी कर सकते हैं। कुछ मालाओं के उदाहरण है - अमेथिस्ट स्टोन, नीला पत्थर, नवरत्न, आदि।

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  1. स्फटिक माला

स्फटिक माला एक तरह से क्रिस्टल की तरह ही होती है परंतु इनका कोई रंग नहीं होता है। जब आप इस माला का उपयोग करके मंत्रों का जाप करते हैं तो यह मोतियां आपके आसपास की नेगेटिव ऊर्जा को सिख लेता है जिससे आपका मन और मस्तिष्क शांत होता है।

यह माला मुख्या रूप से माँ लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने के लिए सर्वोत्तम मानी गयी है। इसे धारण करने से आपको अच्छी नींद आती है।

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  1. कमल बीज माला

यदि आपने अनुमान लगाया है कि इसका उपयोग देवी सरस्वती के मंत्रों के जाप के लिए किया जाएगा, तो आप सही हैं। यह देवी लक्ष्मी के लिए भी है। जैसा कि नाम से पता चलता है, कमल के बीजों से निर्मित, जब कोई व्यक्ति जप करता है, तो उसे विकास, ज्ञान और धन के अच्छे स्तर का लाभ मिलता है।

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  1. चंदन माला

जैसा की नाम से पता चल रहा है, यह माला जिन मोतियों की बानी हैं वे शुद्ध चंदन की लकड़ियों से बानी हैं। चंदन की लकड़ियां परंपरागत रूप से एक भारतीय जड़ी बूटी से है। जप में इसका उपयोग करने से एकाग्रता में सुधार होता है और जैसा की चंदन की खासियत है की वे ठंडक प्रदान करती है, यह मंत्र के जाप के दौरान और बाद में आपके मन को शांत रखती है।

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तो जैसा की आपने पढ़ा, जप मालाएं मुख्य रूप से 6 प्रकार की होती हैं। प्रत्येक माला का अपना एक अलग रूप होता है। अधिकतम मालयों का संबंध किसी ना किसी देवी-देवताओं से है। इनका उपयोग आप स्वयं की मान्यताओं के अनुसार कर सकते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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