अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते है कि वास्तु का सही होना बहुत आवश्यक होता है। यदि कोई भी वस्तु, वास्तु के अनुसार न हो या गलत जगह पर रखी गई हो, तो इसके बहुत से नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है। गृह-कलेश, आर्थिक तंगी, मानसिक व शारीरिक तनाव इत्यादि, वास्तु दोष के कारण ही होने वाली कुछ समस्याएं है। ऐसे में यदि हम घर में रखने वाली चीज़ों की जगह का विशेष ध्यान रखें, तो यह समस्या बहुत हद तक कम की जा सकती है।
हमारे शास्त्रों में दिशाओं का विशेष महत्व बताया जाता है। इसके अनुसार, किसी भवन निर्माण के समय यदि कोई वास्तु दोष हो जाए, तो उस स्थान पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जा का ही संचार होता है। इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि और शांति भी भंग हो जाती है। वही दूसरी ओर उन सभी घरों में, जहां वास्तु दोष जैसी समस्याएं नहीं होती है, उस स्थान पर देवी महालक्ष्मी की कृपा होती है।
इन सभी महत्वपूर्ण दिशाओं के अलावा, वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी चीजों के बारे में भी बताया जाता है, जिन्हे ठीक करने से भी वास्तु दोष को कम किया जा सकता है। ऐसे में आज के ब्लॉग में हम आपको उन 5 चीज़ों के बारे में बताने जा रहे है, जिससे वास्तु दोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। तो, आइए जानते है, वो कौनसी पांच वस्तुएं है, जिनके बारे में हमें कुछ एहतियात बरतने चाहिए -
हमारे घर में रसोई घर का स्थान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारा रसोई घर, एक वह स्थान है, जो देवी अन्नपूर्णा का निवास स्थान माना जाता है। जहां देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद होता है, उस घर में सदा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में वास्तुशास्त्र कहता है कि घरों के खाद्य भंडार कभी भी खाली नहीं होना चाहिए। चाहे थोड़ा ही सही, लेकिन घर का अनाज भंडार कभी भी खाली नहीं होना चाहिए।
घर, व्यापार या ऑफिस में मौजूद तिजोरी एक ऐसा स्थान है, पर देवी लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में वास्तु के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि आपके पर्स या तिजोरी को कभी खली नहीं छोड़ना चाहिए। कुछ रुपये हमेशा आपको तिजोरी में रखने चाहिए। खाली पर्स या तिजोरी कंगाली की ओर ले जाते है। ऐसे में यदि आप वर्त्तमान में किसी प्रकार की आर्थिक तंगी का सामना कर रहे है तो इसके एक कारण यह भी हो सकता है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखे, और इन्हें एकदम से खाली न करें।
इसके साथ ही आप कुछ पैसो के साथ ही तिजोरी में गोमती चक्र, शंख और कौड़ी भी रख सकते हैं। यह आपकी संपत्ति को और बढ़ाता है।
अधिकतर घरों में पूजन घर और पूजा से जुड़े सामान होते है, जैसे जलपात्र और घंटी। वास्तु शास्त्र कहता है कि पूजा घर में जल को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए। विधि पूरी करने के बाद एक जलपात्र में जल भरकर थोड़ा गंगाजल और एक तुलसी पत्ता डालें। ऐसा कहा जाता है कि भगवान को भी प्यास लगती है।ऐसे में घर में मौजूद जलयुक्त पात्र होने से,भगवान प्यासे नहीं रहते और वे आपसे प्रसन्न होते है। इससे घर में खुशी, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि खाली जलपात्र या कलश घर और जीवन में नकारात्मक प्रभाव ला सकता है, इसके साथ ही आर्थिक समस्याएं भी उत्पन्न करता है।
इंसान के स्वाभाव के साथ ही, उसकी जुबान भी उसके चरित्र का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति को हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए, की वे अपने बातों के ज़रिये किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ खासतौर पर अपना रवैया हमेशा अच्छा होना चाहिए। अपने बड़ो से बात करते वक़्त, हमेशा हमें अपनी जुबान को साफ़ रखना चाहिए और भूलकर भी उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है, घर की औरतों और बड़े-बुजुर्गों का अपमान करने से देवी मां लक्ष्मी नाराज होती है। इसके साथ ही वह कभी भी ऐसे घर में निवास नहीं करती है।
वास्तुशास्त्र कहते है, कि बाथरूम में रखी हुई बाल्टी को कभी भी खाली नहीं रखनी चाहिए। कुछ मान्यताओं के अनुसार, बाथरूम में नकारात्मक ऊर्जा रहती है, जो कई समस्याओं को जन्म देती है। ऐसे में यदि आप भी अपने घर में खाली बाल्टी को रखने की गलती को रखते है, तो आज ही इसका त्याग कर दें।
ऐसा करने से न केवल आप देवी लक्ष्मी को रुष्ट को कर सकते है, बल्कि इससे अनेकों आर्थिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही, कभी भी टूटी या काली बाल्टी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। आप बाथरूम में रखी बाल्टी का प्रयोग करें और उसके बाद वापस बाल्टी में जल से भरकर रख दे।
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