मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता परिणय सूत्र में बंधे थे। इसी उपलक्ष्य में देशभर में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि और रिश्तों में पवित्रता का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन कुछ सरल उपाय करने से विवाह में देरी और दाम्पंत्य जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती है। आज के इस ब्लॉग में हम ऐसे ही 5 विशेष उपायों पर चर्चा करेंगे।
विवाह पंचमी भगवान राम और देवी सीता के वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। इस साल, विवाह पंचमी 25 नवंबर 2025 (Vivah Panchami 2025 Date), मंगलवार को पड़ रही है।
इस दिन की शुरुआत 24 नवंबर 2025 को रात 9:22 बजे से होगी। तिथि का समापन अगले दिन, 25 नवंबर को रात 10:56 बजे होगा।
1. यह दिन उन लोगों के लिए शुभ है। जिनके रिश्ते पक्के नहीं हो पा रहे हैं।
2. जिनकी शादी में अचानक बाधाएं आती हैं। उन्हे खासतौर पर विवाह पंचमी का पूजन करना चाहिए।
3. विवाह पंचमी उन सभी जातक के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। जिनके विवाह में बहुत देरी हो रही है।
4. मान्यता है कि इस दिन किए गए उपाय बहुत फलदायक है। विवाह संबंधी रुकावटों को दूर करता हैं।
आइए, जानते हैं विवाह पंचमी पर किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय (Vivah Panchami Ke Upay in hindi) जो विवाह संबंधी समस्याएं दूर कर सकते हैं।
विवाह पंचमी के दिन प्रातः स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनें। 11 हल्दी की गांठ और 11 दूर्वा एकत्र करें और उन्हें पीले कपड़े में बांध लें। यह पोटली भगवान गणेश के सामने अर्पित करें। मन ही मन अपनी विवाह से जुड़ी इच्छा व्यक्त करें। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है। यह उपाय विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने में मदद करता है।
विवाह पंचमी के दिन श्री राम और माता जानकी की पूजा करने का महत्व है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा में माता जानकी को सुहाग की सामग्री अर्पित (Vivah Panchami Ke Upay) करें। सिंदूर, बिंदी और लाल चुनरी जैसी सामग्री दान करें। इससे पति-पत्नी के बीच मनमुटाव और झगड़ें कम होते है। साथ ही, विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
विवाह पंचमी के दिन छोटी कन्याओं को भोजन कराना और उन्हें उपहार देना बहुत शुभ माना जाता है। इसे कन्या पूजन कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन छोटी कन्याओं को भोजन कराने से अविवाहित सदस्य का विवाह जल्दी हो सकता है। इससे विवाह से जुड़ी बाधाएं भी दूर होती हैं। कन्या पूजन से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
विवाह पंचमी के खास दिन, श्री रामचरितमानस की कुछ विशेष चौपाइयों के पाठ करने का विशेष महत्व है। यह तुलसीदास जी द्वारा रचित एक पवित्र ग्रंथ है। विशेष तौर पर, रामचरितमानस के विवाह प्रसंग का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की चालीसा का पाठ भी किया जाता है।
शीघ्र विवाह यंत्र (shighra vivah yantra) को ज्योतिष शास्त्र में एक शक्तिशाली यंत्र माना जाता है। यंत्र विवाह में आने वाली देरी और रुकावटों को दूर करने में मदद करता है।
इसके यंत्र के पूजन से विवाह संबंधी समस्याएं जल्द दूर होती हैं। माना जाता है कि शीघ्र विवाह यंत्र के नियमित पूजन से ग्रहों के अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं। हालांकि यंत्र स्थापना से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
विवाह पंचमी का पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है। विवाह पंचमी के दिन यहां दिए गए कुछ सरल और प्रभावी उपाय (Vivah Panchami ke upay) करने से विवाह में आ रही देरी और रुकावटें दूर होती हैं। 2025 में विवाह पंचमी 25 नवंबर को मनाई जाएगी। यहां दिए गए विशेष उपाय विवाह संबंधी सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक हैं।
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