भाई-बहन को समर्पित भाईदूज का यह त्यौहार गोवर्धन पूजा के अगले दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली के 5 दिवसीय त्यौहारों में से एक भाईदूज का यह पर्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व रखता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और भाई अपनी बहन को सारी उम्र उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाला भाईदूज का यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। प्राचीन काल से ही भाई-दूज की यह परंपरा चलती आ रही है। भाईदूज के दिन जहां बहने अपनी भाई के अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु की कामना करती है, वहीं भाई अपनी अपनी बहन को खुशियां और उसकी रक्षा करने का वादा करता है। आइये जानते है इस साल 2022 में भाई दूज कब मनाया जाएगा और इस पर्व का महत्व क्या है-
हिन्दू दैनिक पंचांग के अनुसार इस साल 26 अक्टूबर 2022 को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है, जिसका आरंभ और समापन समय इस प्रकार है-
द्वितीया तिथि आरंभ | 26 अक्टूबर, दोपहर 02:42 से |
द्वितीया तिथि समापन | 27 अक्टूबर दोपहर 12: 45 तक |
भाई दूज टीका शुभ मुहूर्त | 26 अक्टूबर, दोपहर 01:18 से 03.33 तक |
भाईदूज हिन्दू धर्म के कुछ महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है। यह त्यौहार भाई- बहन के प्रेम और विश्वास को समर्पित है। भाईदूज के दिन बहनों के द्वारा भाई के माथे पर तिलक लगाने का विशेष महत्व बताया जाता है। इस दिन बहने न सिर्फ रोली-चन्दन से भाइयों का तिलक करती है बल्कि सप्रेम उनके लिए भोजन आदि भी तैयार करती है। माना जाता है की भाई-दूज के दिन भाइयों को अपनी बहन के घर भोजन ज़रूर ग्रहण करना चाहिए।
भाईदूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली के पर्व का भी समापन हो जाता है। रोशनी का यह पर्व दिवाली सबके जीवन में नयी खुशियां और उत्साह लेकर आता है। धर्मसार की ओर से आप सभी को दिवाली व भाईदूज की शुभकामनाएं।
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