गोगा नवमी को गुगा नौमी के नाम से भी जाना जाता है। नवमी का यह पर्व नाग देवता भगवान गुगा को समर्पित एक मुख्य त्यौहार है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गोगा नवमी हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि (9वें दिन) को मनाई जाती है। वही यदि हम अंग्रेजी कैलेंडर की बात करें, तो गोगा नवमी का यह पर्व मुख्यतः अगस्त या सितम्बर के माह में मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि गोगादेव सर्पों के देवता होते है और उनके जीवन की रक्षा करते है। इतना ही नहीं, गोगा नवमी (गोगा नवमी 2023) के दिन जाहरवीर जी की पूजा करने से सर्पों के काटने का खतरा टल जाता है। यही कारण है कि इस दिन गोगा जी की पूजा के साथ-साथ नाग देवता की पूजा करने का भी विधान है। आइये जानते है, गोगा नवमी 2023 तिथि, समय, शुभ मुहूर्त व महत्व-
प्रत्येक वर्ष गोगा नवमी का यह त्यौहार भादों के महीने में कृष्ण नवमी के दिन मनाया जाता है। इस साल शुक्रवार, 08 सितंबर 2023 (Goga Navami 2023 Date) के दिन यह पर्व मनाया जायेगा।
नवमी तिथि प्रांरभ - 07 सितंबर 2023, शाम 04:14 बजे से
नवमी तिथि समापन - 08 सितंबर 2023, शाम 5:30 बजे तक
• गोगा नवमी का यह पर्व एक पूजनीय देवता, वीर गोगादेव जी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
• गोगा नवमी के पावन पर्व के दिन नाग देवता एवं समस्त नागों का श्रद्धापूर्वक पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोगा देव (importance of goga navmi) की पूजा करने से हमे सांपों से रक्षा मिलती है।
• भारत के कई राज्यों में गोगा नवमी का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी इसे धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को राजस्थान का एक प्रमुख उत्सव माना जाता है।
• नवमी का यह पर्व गाँवों एवं नगरों में भक्ति, उत्साह और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान गोगा देव का पूजन श्रावण मास की पूर्णिमा(goga navmi ka mehatv) के दिन से प्रांरभ होता है। इसके बाद लगभग 9 दिनों तक यानी नवमी तिथि तक गोगा देव का श्रद्धापूर्वक पूजन किया जाता है।
• नवमी तिथि के दिन गुगा जी के मंदिरों में कई पूजा- अर्चना की जाती है और अनेकों रथ यात्राओं (rituals of goga navmi ) का भी आयोजन किया जाता है। इस मौके पर बहुत से लोग भगवान को राखी या रक्षा स्तोत्र बांधते है, जो उन्हें किसी भी प्रकार की चोट या हानि से रक्षा प्रदान करते है।
• गोगा नवमी के अवसर पर उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी भारत के विभिन्न हिस्सों में विशाल एवं भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है। राजस्थान, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश में गुगा नवमी के सबसे अधिक लोकप्रिय मेलों का आयोजन किया जाता है।
• भक्त गोगा नवमी पर 'गुगाजी' की पूजा करते है। कुछ स्थानों में, भगवान गोगा की पूजा रक्षा बंधन के दिन या 'श्रावण पूर्णिमा' से शुरू होती है और नवमी (rituals of goga navmi ) तक नौ दिनों तक जारी रहती है। इसलिए इसे गोगा नवमी भी कहते हैं। अंत में भक्त गोगाजी कहानी सुनते है।
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