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सनातन धर्म में योग का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। योग की उत्पत्ति प्राचीन काल के समय ही मानी जाती है। पौराणिक समय में अनेक ऋषि-मुनियों में ध्यान साधना के रूप में योग को विकसित किया है। देव आदिदेव महादेव को इस ब्रह्मांड का सर्वप्रथम योगी माना गया है। भगवान शिव के साथ ही गुरु दत्तात्रेय को भी योग के जनक के रूप में जाना जाता है। माना जाता है की भगवान शिव ने सबसे पहले सप्तऋषियों को योग की यह शिक्षा प्रदान की थी।
देश नहीं बल्कि विश्वभर में योग को उच्च स्तर पर बढ़ाने के लिए, प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day 2023) मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाये जाने वाला योग का यह पर्व शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति का उत्सव है। ये अनुष्ठान कई लोगों के लिए अपने शरीर, मन और आत्मा को एक तरह से एकीकृत करने का एक तरीका है जो पीढ़ियों से अभ्यास किया जाता रहा है। आइये जानते है, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास और इस पर्व से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
• भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पहली बार 27 सितंबर 2014 के दिन, संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद भारत के राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी ने 21 जून की तारीख को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में नामित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया।
• 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएं जाने के चुनाव को लेकर बहुत से तर्क बताये जाते है। कहा जाता है कि 21 जून की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति है, साल का वह दिन जब सबसे ज्यादा धूप होती है। कुल मिलाकर, 177 देशों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित करने के लिए हस्ताक्षर किए, जो संयुक्त राष्ट्र के किसी भी प्रस्ताव के सह-प्रायोजकों की सबसे बड़ी संख्या है। 21 जून 2015 को नई दिल्ली में 35 मिनट के लिए प्रधान मंत्री मोदी और दुनिया भर के कई राजनीतिक हस्तियों के साथ ही लगभग 36,000 व्यक्तियों ने 21 योग आसनों (योग मुद्रा) का प्रदर्शन किया। उस दिन को पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जाने लगा।
• उस दिन के बाद से आज 2023 में 8वां अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। हर साल यह योग दिवस किसी न किसी थीम (yoga day theme 2023) के अनुसार आयोजित किया जाता है।
योग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए कई लाभ हैं। यह एक अमूल्य प्राचीन भारतीय साधना है। कोरोनावायरस महामारी के समय श्वसन संबंधी बीमारियों और तनाव को दूर करने के लिए योग ने एक अहम भूमिका निभाई है। योग, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाए रखने में भी सदा मददगार साबित होता है। कहा जाता है कि योग न केवल शारीरिक और मानसिक विश्राम प्रदान करता है बल्कि शक्ति और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी विकसित करता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण इस प्रकार से है-
1. योग के माध्यम से लोगों के बीच वैश्विक सामंजस्य को मजबूत करना।
2. दुनियाभर शामिल चुनौतीपूर्ण बीमारियों की दर को कम करने के लिए।
3. योग के समस्त फायदों की ओर दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित करना।
4. योग के माध्यम से लोगों के अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।
5. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से लोगों को एकजुट करना और प्राकृतिक संदेश देना।
6. लोगों को शारीरिक स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन शैली के अपने अधिकारों के बारे में बताना।
7. सभी समुदायों को अपने व्यस्त जीवनशैली में से एक दिन स्वास्थ्यपूर्वक बिताने के लिए एक साथ लाना।
8. योगाभ्यास के माध्यम से लोगों को शारीरिक और मानसिक रोगों और उनके समाधान के बारे में जागरूक करना।
योग के हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे दिमाग के लिए भी विभिन्न लाभ है। अन्य कसरत पद्धतियों के विपरीत, योग अधिक शांतिपूर्ण और आरामदेह है। योग आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है और कई अन्य स्वास्थ्य सबंधित जटिल समस्याओं को भी ठीक कर सकता है। इस साल 2023 में यह योग दिवस बुधवार के दिन मनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 (International yoga day 2023) के दिन पर आइये हम सब मिलकर एक स्वास्थ्यपूर्ण जीवन को ओर कदम बढ़ाए और हर दिन योगाभ्यास का प्रण करें।