हर साल शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन महानवमी का त्यौहार मनाया जाता है। महानवमी को रामनवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के सभी नौ अवतारों के रूप में नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है। आइए जानते हैं इस साल महानवमी तिथि का शुभ समय और इस त्योहार का धार्मिक महत्व-
रामनवमी (ramnavami 2023) एक ऐसा महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है, जो नवरात्रि के नौ दिनों के उपवास के अंत का प्रतीक है। नवरात्रि के यह नौ दिन देवी दुर्गा और उनके नौ सशक्त अवतारों को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा में ने राक्षस महिषासुर का वध करने के लिए धरती पर अवतार लिया था। नौ दिनों तक उस भयावय राक्षस से युद्ध के करने बाद विजयादशमी के दिन मां दुर्गा ने उनका वध किया। इसकी कारण से उन्हें 'महिषासुरमर्दिनी' के नाम से भी जाना जाता है।
नवरात्रि और महानवमी के पावन अवसर पर आप मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्री दुर्गा बिसा यंत्र (shree durga bisa yantra online) की भी स्थापना कर सकते है। इस यंत्र के पूजन के लिए आप किसी अनुभवी पंडित जी (pandit) से सलाह भी ले सकते है।
श्री दुर्गा बिसा यंत्र ख़रीदेप्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल नवमी यानी 9वें दिन मनाई रामनवमी या महानवमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल, सोमवार 23 अक्टूबर 2023 (Mahanavmi 2023 Date) के दिन महानवमी का व्रत रखा जाएगा।
महानवमी 2023 (Mahanavmi 2023 Samay) तिथि का शुरुआत व समापन समय इस प्रकार से है-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि के 9वें दिन राम नवमी भी मनाई जाती है। यह दिन किसी भी कार्य की शुभ शुरुआत, जैसे गृह प्रवेश, नए बिजनेस या नए वाहन इत्यादि खरीदने के लिए अनुकूल माना जाता है।
भारत में, देश भर के हिंदू इस नौ दिवसीय त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते है। शारदीय नवरात्रि उत्तर और पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दौरान विभिन्न राज्यों मां दुर्गा के विशेष पांडाल सजाए जाते है, जिसे देखने के लिए विश्वभर से लोग एकत्रित होते है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी दुर्गा और राक्षस राजा महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध चला था। इसके बाद विजयदशमी के दिन देवी दुर्गा ने अपनी दिव्य शक्तियों से महिषासुर जैसी बुराई का सर्वनाश किया। इसलिए, महानवामी मनाई जाती है और उनके सम्मान में विशेष पूजा-अर्चना आयोजित की जाती हैं। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।
श्री दुर्गा बिसा यंत्र ख़रीदेइस शुभ दिन पर, ज्ञान और शिक्षा की देवी, सरस्वती के अवतार में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।
महानवमी के दिन, एक विशेष होम या हवन करने का भी रिवाज माना जाता है। इस दिन लोग मां की अखंड ज्योत भी जलाते है।
महानवमी के दिन विशेष रूप से कन्या पूजन किया जाता है। इस अनुष्ठान के अनुसार, नौ छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा के नौ रूपों स्वरूपों के रूप में पूजा जाता है और भोजन कराया जाता है।
इस दिन, उपासक सुबह जल्दी उठकर षोडशोपचार पूजा करते है, जिसमें पवित्र स्नान करना और मंत्रों का जाप करना शामिल होता है। इस दिन देवी दुर्गा की महिषासुरमर्दिनी के रूप में भी पूजा की जाती है।
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