हिन्दू कैलेंडर या पंचांग के अनुसार हर माह की तेरहवीं तिथि को त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। त्रयोदशी के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है। वैसे तो यह तिथि महीने में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आती है। इन तिथि के लेकिन, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी भगवान शिव की सर्वाधिक प्रिय मानी जाती है।
प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मासिक शिवरात्रि का यह व्रत, लाखों शिव भक्तों के द्वारा रखा जाता है। बहुत से लोग कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी यह व्रत रखते है। धर्म शास्त्रों में मासिक शिवरात्रि के इस व्रत को अनेक शुभ फल प्रदान करने वाला बताया गया है। माना जाता है की इस दिन सच्चे मन से व्रत रख, भगवान शिव का पूजन करने से सभी प्रकार के दोषों से एवं कष्टों तक मुक्ति मिलती है। इसके साथ भगवान शिव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। आइये एक नज़र डालते है, इस चमत्कारी व्रत की तिथि, महत्व व शुभ मुहूर्त पर-
हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष माह 2022 की कृष्ण त्रयोदशी के दिन साल 2022 की आखिरी मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। मासिक शिवरात्रि का यह व्रत 21 दिसंबर 2022 को बुधवार के दिन रखा जाएगा। इस व्रत का शुभ मुहूर्त निम्न प्रकार से है-
पौष मासिक शिवरात्रि प्रारंभ - | 21 दिसंबर 2022, रात 10 बजकर 16 मिनट से |
पौष मासिक शिवरात्रि प्रारंभ समापन - | 22 दिसंबर 2022, सुबह 07 बजकर 13 मिनट तक |
मासिक शिवरात्रि पूजन मुहूर्त - | रात 11:58 मिनट से 12:52 मिनट तक |
1. शिवरात्रि का व्रत रखने से गृह क्लेश जैसी समस्याओं से मुक्ति है।
2. इस दिन 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
3. सच्चे मन से शिवरात्रि का यह व्रत रखने से बहुत से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
4. मासिक शिवरात्रि का विधि -विधान से व्रत रखने से भगवान शिव बहुत अधिक प्रसन्न होते है।
5. इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन करने से, जीवन में चल रही सभी परेशानी एवं बाधाओं से मुक्ति है।
मासिक शिवरात्रि के दिन आप भगवान शिव के मूल मंत्रो का जाप कर सकते है। इसके साथ ही, आप इस दिन 'शिव चालीसा' (shiv chalisa) ‘श्री रुद्राष्टकम्’ (Shri Rudrashtakam) का पाठ कर भी भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते है।
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