माघ महीने की धार्मिक मान्यता बहुत अधिक मनाई जाती है। सभी महत्वपूर्ण एकादशियों से लेकर वसंत पंचमी का पावन उत्सव भी माघ माह में मनाया जाता है। ऐसे में इसी माह में मां नर्मदा को समर्पित नर्मदा जयंती का भी पर्व मनाया जाता है। आइये जानते है, इस साल यह पर्व कब मनाया जाएगा और नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा स्नान करने के पीछे का महत्व क्या है-
सनातन धर्म में सभी धार्मिक नदियों को मां कहकर सम्बोधित किया जाता है। गंगा, यमुना एवं सरस्वती समेत नर्मदा नदी को भारत में पूजनीय माना जाता है। कहा जाता है कि इन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। हर साल माघ शुक्ल महीने की शुक्ल सप्तमी के दिन नर्मदा जयंती का उत्सव मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी नर्मदा धरती पर अवतरित हुई थी। नर्मदा नदी मुख्य रूप से गुजरात महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बहती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। आज हम आपको नर्मदा जयंती की तिथि व धार्मिक महत्व के बारे में जानकारी देने जा रहे है।
साल 2023 में, नर्मदा जयंती 28 जनवरी 2023 (narmada jayanti 2023 date) के दिन मनाई जाएगी। माघ शुक्ल सप्तमी का प्रारंभ समय 27 जनवरी 2023 के दिन सुबह 09 बजकर 10 मिनट से होगा। वही इसका समापन 28 जनवरी 2023 के दिन सुबह 08 बजकर 43 मिनट पर होगा। इस दिन नर्मदा नदी में स्नान करने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-
नर्मदा स्नान शुभ मुहूर्त (प्रातः काल) | सुबह 05.29 AM से 7.14 AM तक (28 जनवरी 2023) |
नर्मदा स्नान शुभ मुहूर्त (दोपहर) | दोपहर 12.18 PM से 01.02PM तक (28 जनवरी 2023) |
धार्मिक शास्त्रों में नर्मदा जयंती के दिन इस नदी में स्नान व पूजन करने से व्यक्ति को सभी कष्टों एवं शारीरिक समययाओं से मुक्ति मिलती है। इसके साथ उसके जीवन में सुख-समृद्धि का भी आगमन होता है। विष्णु पुराण के अनुसार, नाग राजाओं द्वारा देवी नर्मदा को एक वरदान प्राप्त हुआ था। इस वरदान के मुताबिक जो भी व्यक्ति कल्याणमयी एवं मोक्षदायिनी नर्मदा नदी में स्नान करता है, उसे सभी पापों के साथ ही समस्त रोगों से भी छुटकारा मिल जाता है।
नर्मदा नदी में नर्मदेश्वर शिवलिंग की उत्पत्ति की भी मान्यता बताई जाती है। कहा जाता है देवी नर्मदा को यह वरदान है की उसके किनारे पाए जाने सभी पत्थर शिवलिंग के आकार में होंगे। इसलिए इस नदी में पाएं जाने वाले सभी शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग के नाम से जाना जाता है।
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