भारत एक ऐसा देश जहां अनेक प्रकार की विविधताएं देखने को मिलती है। यहां हर दिशा के अलग-अलग कोनों में भिन्न-भिन्न प्रकार की संस्कृति और रीती-रिवाज देखे जाते है। इसके साथ ही भारत के हर हिस्से में मनाएं जाने वाले व्रत -त्यौहार भी अपने आप में एक अलग महत्व रखते है। जिस प्रकार राजस्थान में श्रावण मास में तीज को बहुत लोकप्रिय है, उसी प्रकार ओणम को साउथ इंडिया यानि दक्षिण भारत के प्रसिद्ध पर्वों में से एक है।
ओणम (what is onam) केरल का सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक माना जाता है। विभिन्न मान्यताओं के अनुसार, यह राजा महाबली की वार्षिक घर वापसी का प्रतीक है और साथ ही भगवान विष्णु के वामन अवतार के पूजन की परंपरा को भी दर्शाता है। ओणम के बारे में एक दिलचस्प बात यह भी मानी जाती है कि, एक दिन नहीं, दो दिन नहीं बल्कि यह त्यौहार दस दिनों तक मनाया जाता है। केरल के लोगों के बीच ओणम का यह पर्व उत्सव और खुशियों की नई सोगात लेकर आता है।
ओणम देवताओं कि श्रद्धा और आस्था को समर्पित एक प्रमुख पर्व है। यह वह समय होता है, जब केरल तुरही, ड्रम, हाथी, नाव दौड़, नृत्य, कला, संगीत, फूलों की भव्य सजावट रोशन होता है। इस पर्व के कुछ समय पहले से ही सभी ओर रोशनी, रंग, अनुष्ठान और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की ज़ोरों शोरों से तैयारी शुरू हो जाती है।
आइये इस ब्लॉग में आगे जानते है, इस साल 2023 में ओणम का यह ऐतिहासिक पर्व कब मनाया जाता है और दस दिन तक मनाएं जाने वह कौनसे पर्व होते है-
मलयालम कैलेंडर के अनुसार, ओणम का पर्व चिंगम के महीने में पड़ता है। वही यदि हम अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक ओणम का त्यौहार अगस्त-सितंबर के महीनों में आता है। इस साल 2023 में, सोमवार, अगस्त 28, 2023 (Onam 2023 Date) के दिन हर्षोल्लास के साथ ओणम (onam 2023) का यह उत्सव मनाया जाएगा।
वही ओणम के उत्सव की शुरुआत 20 अगस्त 2023 को अथम के साथ होगी, वही थिरुवोनम के साथ समाप्त होगा। थिरुवोनम गुरुवार, 31 अगस्त को ओणम उत्सव (2023 thiruvonam date )के अंत का प्रतीक है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा महाबली केरल के सबसे महान राजा थे और उनके शासनकाल के दौरान स्थानीय लोगों ने सबसे अच्छा समय देखा था।
इस दौरान सम्पूर्ण क्षेत्र में समृद्धि और वैभव का बोलबाला था। पृथ्वी पर महाबली के शासन को समाप्त करने के लिए, भगवान विष्णु एक वामन (छोटे कद के ब्राह्मण) के रूप में अवतार लिया और राजा को धोखा दिया कि उसके पास जो भी भूमि हो वह उसे दे दी जाए। इस प्रकार, राजा महाबली (significance of Onam Festival) को पाताल लोक में भेज दिया गया; लेकिन विष्णु ने उन्हें यह वरदान भी दिया कि वह हर साल एक बार उनकी भूमि पर आ सकेंगे।
ओणम राजा की इस घर वापसी का जश्न मनाता है।
ओणम के दस दिवसीय कार्यक्रम इस प्रकार से है-
पहला दिन महत्वपूर्ण है और केरल के लोगों द्वारा इसे पवित्र और शुभ माना जाता है।
ओणम के दूसरे दिन, लोग विभिन्न फूलों के साथ पुक्कलम का आकार या रंगोली बनाते है।
विभिन्न फूलों के साथ डिज़ाइन जोड़ने से अत्था पू का आकार और भी बढ़ जाता है।
विशाखाम के दिन बाजार और घरों में रौनक देखने को मिलती है।
पांचवे दिन सबसे अधिक लोकप्रिय नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।
जो लोग अपने घरों से दूर रहते हैं, वे मुख्य दिन नजदीक आते ही अपने घर आना शुरू कर देते है।
इस त्यौहार में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं, केरल राज्य में जोरों-शोरों से उत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती है।
ओणम उत्सव में इस दिन का विशेष महत्व है। भक्त छोटे-छोटे पिरामिडों के आकार में मिट्टी की मूर्तियाँ बनाते है।
यह तिरुवोनम से एक दिन पहले है। कुछ लोग इस दिन बड़े पैमाने पर उत्सव शुरू करते है, और राजा महाबली के आगमन का इंतज़ार करते है।
दसवां दिन सभी में सबसे बड़ा दिन दसवां दिन है जिसे थिरुवोणम (onam 2023 date thiruvonam) कहा जाता है। वहां के स्थानीय लोगों के द्वारा, ऐसा माना जाता है कि थिरुवोणम के दिन ही महान राजा महाबली की आत्मा केरल राज्य में आती है।
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