सनातन धर्म में एकादशी और त्रयोदशी व्रत के समान ही पूर्णिमा व्रत का भी विशेष महत्व बताया जाता है। साल में लगभग 12 पूर्णिमा तिथि आती है, हालांकि उन सभी में से शरद पूर्णिमा को अत्याधिक महत्वपूर्ण माना जाता हैं। यह शरद पूर्णिमा उत्सव हर साल आश्विन माह की शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन ही देवी लक्ष्मी अवतरित हुई थीं। इसी कारण से इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
आइए जानते हैं, शरद पूर्णिमा 2024 (sharad purnima 2024) की डेट, चंद्रोदय का समय, इस पर्व महत्व व अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान।
दैनिक पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाता हैं। इस साल, 16 अक्टूबर 2024 (sharad purnima date 2024)के दिन देवी लक्ष्मी और चंद्रदेव को समर्पित यह त्यौहार मनाया जाएगा। इस तिथि का शुरुआत व समापन समय इस प्रकार से हैं-
शरद पूर्णिमा 2024 प्रांरभ समय - 16 अक्टूबर, रात 8: 45 PM से
शरद पूर्णिमा 2024 समापन समय - 17 अक्टूबर, शाम 4:50 मिनट तक
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय (sharad purnima 2024 chandrodaya time) के समय का खास महत्व बताया जाता है। शरद पूर्णिमा से संबंधित चंद्रोदय व अन्य शुभ मुहूर्त के बारे में यहां जानें।
शरद पूर्णिमा चंद्रोदय समय - शाम 5:10 मिनट पर
शरद पूर्णिमा लक्ष्मी पूजन मुहूर्त - रात 11:42 से 12:32 बजे तक
देवी लक्ष्मी पूजन
शरद पूर्णिमा के दिन भक्त धन व समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन करते हैं।
पूर्णिमा व्रत
इस दिन, कई भक्त देवी लक्ष्मी के लिए उपवास करते हैं और रात में भजन कीर्तन जैसे अनुष्ठान करते हैं।
खीर बनाने की परंपरा
शरद पूर्णिमा के अवसर पर, पारंपरिक चावल का दूध तैयार किया जाता है और इस खीर के लाभकारी गुणों को बढ़ाने के लिए इसे रात भर चांदनी में रखा जाता है।
इस प्रकार यह कुछ मुख्य अनुष्ठान है, जिन्हें शरद पूर्णिमा (sharad purnima 2024) के दिन करने से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता हैं।