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त्यौहार

Vat Savitri 2024 | वट सावित्री 2024 | तिथि, पूजन मुहूर्त, समय व पूजन विधि

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल जयेष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री (Vat Savitri 2024) का यह व्रत रखा जाता है। वट सावित्री व्रत महिलाओं के द्वारा विधि-विधान से रखा जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती है। व्रत सावित्री का यह व्रत मुख्य रूप से देवी सावित्री और माता गौरी को समर्पित है। वट सावित्री व्रत के दिन खास तौर पर बरगद के पेड़ की पूजा करने का विधान माना जाता है।

Vat Savitri 2024 | वट सावित्री 2024 | तिथि, पूजन मुहूर्त, समय व पूजन विधि

हिन्दू पंचांग के मुताबिक ,हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री (Vat Savitri 2024 ) का यह व्रत रखा जाता है। वट सावित्री व्रत महिलाओं के द्वारा विधि-विधान से रखा जाता है। यह व्रत विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखती है। शास्त्रों में मान्यता है कि वट सावित्री व्रत करने वाली महिलाओं का सुहाग अमर रहता है, इस दिन अमरता के प्रतीक वट वृक्ष यानि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है वट सावित्री का यह व्रत मुख्य रूप से देवी सावित्री और माता पार्वती को समर्पित है।

वट सावित्री व्रत, जिसे सावित्री अमावस्या या वट पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है,सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पावन दिन पर महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा कर अपने पति की समृद्धि, कल्याण, दीर्घ आयु और शांतिपूर्ण विवाहित जीवन के लिए प्रार्थना करती है। बहुत से लोगो का यह भी कहना है की इस व्रत का महत्व करवा चौथ के व्रत जितना होता है।जहां उत्तरी भारत में स्त्रियां, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन इस व्रत का पालन करते हैं, वही दक्षिण भारतीय राज्यों में स्त्रियां ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन यह व्रत रखती है। आइए जानते है, साल 2024 मे आने वाले वट सावित्री व्रत की तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि-

Vat Savitri date 2024 | वट सावित्री तिथि 2024

हर साल जेष्ठ माह की कृष्ण अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का यह व्रत रखा जाता है। इसी अमावस्या दिन भगवान शनिदेव की जयंती भी मनाई जाती है। इस साल शुक्रवार, 21 जून 2024 (vat savitri vrat date 2024 ) के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। वट सावित्री पूजा का शुभ मुहूर्त व समय कुछ इस प्रकार से है-


Vat Savitri Shubh Muhurat 2024 | वट सावित्री 2024 मुहूर्त

अमावस्या तिथि प्रारंभ 20 जून, 2024 रात्रि 10:01 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 21 जून, 2024 रात्रि 09 :07 बजे
वट सावित्री व्रत 2024 डेट शुक्रवार, 21 जून, 2024

Significance of Vat Savitri Vrat | वट सावित्री व्रत का महत्व

• हिंदू धर्म में वट या बरगद के पेड़ का बहुत महत्व है। बरगद का पेड़ हिंदू के तीन सर्वोच्च देवताओं - ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतिनिधित्व करता है।

•विवाहित महिलाएं वट सावित्री व्रत (vat savitri vrat importance) को तीन दिनों तक रखती हैं और यह व्रत ज्येष्ठ महीने में अमावस्या या पूर्णिमा से दो दिन पहले शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से, विवाहित महिलाएं अपने पतियों के लिए सौभाग्य और भाग्य लाने में सक्षम होती हैं, जिस तरह पवित्र और प्रतिबद्ध सावित्री ने अपने पति के जीवन को मौत के मुंह से वापस लाया था।

• वट के वृष को ज्ञान, निर्वाण और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। जो विवाहित स्त्री वट सावित्री का व्रत करती है और बरगद या वट के पेड़ की पूजा करती है, उन्हे अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है और सभी प्रकार के संकटों से भी मुक्ति मिलती है।

• वट सावित्री का व्रत रखने से पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम भी बढ़ता है और उनका वैवाहिक जीवन और अधिक आनंदमय व सुखमय हो जाता है।


Vat Savitri Vrat Puja Vidhi | वट सावित्री पूजन विधि

1.वट सावित्री व्रत (vat savitri vrat vidhi) के दिन सुहागिन महिलाएं प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
2. फिर साफ़- सुथरे वस्त्र धारण कर, सोलह श्रृंगार करें और वट सावित्री व्रत का संकल्प लें।
3. अब दो बांस की टोकरी ले, पहले में सात तरह का अनाज ले और दूसरे में देवी सावित्री की मूर्ति/तस्वीर रखें।
4. वट वृष (बरगद) के पास जाए और उसे जल, कुमकुम, चावल, फल एवं पुष्प इत्यादि अर्पित करें।
5.यह सभी वस्तुएं चढ़ाने के बाद अब वट वृष के पास धुप, अगरबत्ती व दीया प्रज्वल्लित करें।
6. अब वट वृष के चारों ओर कलावा या कच्चा सूत बांधे और कलावा बांधते समय वट वृक्ष कि पांच या सात परिक्रमा लगाएं।
7. कलावा बांधने और परिक्रमा लगाने के बाद वट सावित्री की व्रत कथा (savitri vrat katha) का पाठ या श्रवण करें और हाथ जोड़कर अपने पति की लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करें।

अखंड सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला वट सावित्री (Vat Savitri 2024) का यह व्रत बहुत कल्याणकारक माना जाता है। इस दिन जो भी महिलाएं सच्चे मन से वट वृष की पूजा करती है उनकी सभी मानोकामनाएं पूर्ण होती है।

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