भगवान कृष्ण को समर्पित श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व में अब बस कुछ ही दिन शेष है। हर वर्ष की तरह, इस बार भी भारत के विभिन्न कृष्ण मंदिरों में खास रौनक देखने को मिलेगी। जन्माष्टमी के अवसर पर देश के कई प्रमुख और ऐतिहासिक मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं। इन लोकप्रिय कृष्ण मंदिरों में न केवल जन्माष्टमी के दौरान, बल्कि पूरे सालभर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको भारत के कुछ लोकप्रिय श्रीकृष्ण मंदिरों (Famous Lord Krishna Temples) के बारे में बताने जा रहे हैं…
गुजरात के द्वारका शहर में स्थित द्वारकाधीश मंदिर देश के प्रमुख तीर्थस्थलों में शामिल है।यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह पांच मंजिला भव्य मंदिर 72 स्तंभों पर आधारित है। मंदिर को 'जगत मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। जन्माष्टमी के दिन द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर की भव्य सजावट की जाती है, जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
शास्त्रों में पुरी को धरती का बैकुंठ स्थान कहा गया है। दुनिया भर से लोग जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आते है। यह मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में शामिल है। मंदिर की बनावट और विशेषताएं इसे अनोखा बनाती हैं। शिखर पर लहराता ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में फहराता है। वहीं, ऊपर लगा सुदर्शन चक्र भी आकर्षण का केंद्र है।
राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर एक प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के स्वरूप श्रीनाथ जी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में भगवान कृष्ण कि बाल स्वरूप कि प्रतिमा विराजमान हैं। हर साल हजारों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उदयपुर से श्रीनाथजी मंदिर की दूरी लगभग 50 किलोमीटर बताई जाती है
वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में राधे-कृष्ण की मनमोहक प्रतिमा देखने को मिलती है। इस मंदिर को श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर 1975 में स्थापित किया गया था। बता दें कि इस्कॉन एक अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संगठन है। इसकी स्थापना ए.सी. भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद ने की थी। वृंदावन में स्थित यह विशाल इस्कॉन मंदिर, उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। जन्माष्टमी से एक हफ्ता पहले ही यहां ज़ोर-शोर से तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
भारत के प्रसिद्द कृष्ण मंदिरों में अगला नाम है- गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर! यह एक प्राचीन कृष्ण मंदिर है, जिसे दक्षिण का द्वारका कहते हैं। कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति की पूजा की थी। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। गुरुवयूर मंदिर लगभग 5000 साल पुराना बताया जाता है। गुरुवायुर मंदिर केरल में हिंदू विवाहों के लिए एक प्रसिद्ध स्थल है।
मथुरा-वृंदावन को भगवान कृष्ण और राधा रानी की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है। ऐसे में वृंदावन में बसे कृष्ण मंदिरों का विशेष महत्व बताया जाता है।
यह कृष्ण मंदिर, वृंदावन में स्थित नवीनतम मंदिरों में से एक है। सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत और मनमोहक लगती है। मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण की लीलाओं को खूबसूरती से दर्शाया गया है। यह मंदिर कृष्ण भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है।
उडुपी श्री कृष्ण मठ कर्नाटक के उडुपी शहर में स्थित एक प्रमुख कृष्ण मंदिर है। यह एक द्वैत मठ भी है, जो एक आश्रम की तरह लगता है। मंदिर के पास कई अन्य धार्मिक स्थल भी स्थित हैं। इस मंदिर की स्थापना 13वीं शताब्दी में संत जगद्गुरु श्री माधवाचार्य ने की थी। भक्तगण यहां एक एक झरोखे के माध्यम से भगवान कृष्ण के दर्शन करते हैं। जिसे 'नवग्रह किटिकी' के नाम से भी जाना जाता है।
राधा रमण मंदिर वृंदावन में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इसे 'राधा का प्रिय' या राधा रमण के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर वृंदावन के सबसे प्रमुख कृष्ण मंदिरों में से एक है। मंदिर में विराजमान दिव्य मूर्ति में भगवान की मुख पर एक आकर्षक मुस्कान दिखाई देती है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। राधा रमण मंदिर की स्थापना 1542 में गोपाल भट्ट गोस्वामी द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि गोपाल भट्ट ने श्री चैतन्य महाप्रभु के सिद्धांतों का पालन किया।
राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित, गोविंद देव जी मंदिर जयपुर एक लोकप्रिय राधा-कृष्ण मंदिर है। यह मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस के पास स्थित है। मंदिर की वास्तुकला अद्भुत और आकर्षक है। यह आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक भी है। महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1735 में इस मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर में राधा और कृष्ण की सुंदर छवि देखने को मिलती है। जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपने भक्तों की सभी बातें सुन रहे हैं।
बैंगलोर का इस्कॉन मंदिर, भारत के टॉप 10 कृष्ण मंदिरों (top 10 Krishna mandir in India) में शामिल है। यह दक्षिण भारत का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो अपनी भव्यता और अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का मुख्य आकर्षण भगवान कृष्ण और राधा की सुंदर मूर्तियाँ हैं। ये सुंदर और भव्य मूर्तियां अपनी दिव्यता अनुभूति से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मंदिर परिसर में कृष्ण जन्माष्टमी और राधा अष्टमी जैसे विशेष अवसरों पर विशेष रौनक देखी जाती है।
इन अवसरों पर खास अनुष्ठान, भजन संध्या और भव्य भोज का आयोजन भी किया जाता है।