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12 Jyotirlinga Temple Tour Guide: भारत के किसी भी कोने से करें 12 ज्योतिर्लिंग यात्रा की शुरुआत, यहां जानें पूरी गाइड!

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हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंगों का अत्यंत महत्व है। ये भगवान शिव के पवित्र स्वरूप हैं, जो भारत के 12 अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं। ये सिर्फ मंदिर नहीं, बल्कि शक्तिशाली आध्यात्मिक केंद्र हैं। पौराणिक मान्यता है कि जहां-जहां भोलेबाबा प्रकट हुए, वहां-वहां इन दिव्य ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई। ऐसा माना जाता है कि इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से जीवन से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। अगर आप छुट्टियों में शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए मददगार साबित होगा।

12 Jyotirlinga Temple Tour Guide: भारत के किसी भी कोने से करें 12 ज्योतिर्लिंग यात्रा की शुरुआत, यहां जानें पूरी गाइड!

भगवान शिव को समर्पित 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आपके लिए एक आसान गाइड लेकर आए हैं, जिससे आप अपने ज्योतिर्लिंग टूर को आसानी से प्लान कर सकें। तो चलिए जानते है-

East India Jyotirlinga Tour: पूर्वी भारत से कैसे करें ज्योतिर्लिंग यात्रा?

• झारखंड से काशी और केदारनाथ तक

अगर आप देश के पूर्वी हिस्से से है, तो झारखंड से आप अपनी ज्योतिर्लिंग यात्रा का प्रारंभ कर सकते है। झारखंड में देवघर में बाबा वैद्यनाथ धाम स्थित हैं। यह मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

• मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर धाम

इसके बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर (east India jyotirlinga tour) आता है। काशी विश्वनाथ भारत के सबसे पवित्र हिंदू स्थलों में से एक है। इसके बाद करीब 1500 किलोमीटर की दूरी तय कर आप उत्तराखंड पहुंचगे। वहां है बाबा केदारनाथ का धाम। हिमालय की बर्फीली चोटी पर स्थित यह अत्यधिक प्रसिद्ध शिव मंदिर है।

• महाराष्ट्र के तीन चमत्कारी ज्योतिर्लिंग

इस सूची में अब मध्य प्रदेश के दो ज्योतिर्लिंगों महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर धाम। बता दें की वाराणसी से मध्य प्रदेश तक लगभग 616 किलोमीटर का सफर है। ओंकारेश्वर में भोलेबाबा के दिव्य मंदिर में दर्शन के बाद महाराष्ट्र में तीन ज्योतिर्लिंग हैं। सबसे पहले नासिक का त्र्यंबकेश्वर। दूसरे है पुणे का भीमाशंकर। तीसरा है औरंगाबाद का घृष्णेश्वर धाम!

• पश्चिम भारत में अगला पड़ाव

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद गुजरात तीसरा राज्य है, जहां दो पवित्र ज्योतिर्लिंग हैं। पहला है सोमनाथ, जो सौराष्ट्र में स्थित है। दूसरा है नागेश्वर, जो द्वारका के पास है।सोमनाथ, त्र्यंबकेश्वर के सबसे नजदीक है। इसलिए यात्रा यहीं से शुरू करें। इसके बाद नागेश्वर जाएं। सोमनाथ से इसकी दूरी करीब 668 किलोमीटर है।

• अब दक्षिण भारत की ओर बढ़ें

गुजरात से अगला पड़ाव है श्रीशैलम। यहां भगवान शिव मल्लिकार्जुन रूप में विराजते हैं। सोमनाथ से इसकी दूरी लगभग 1798 किलोमीटर है।इसके बाद यात्रा का अंतिम और बेहद खास पड़ाव है , रामेश्वरम। यहां स्थित है प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।


West India Jyotirlinga Tour: पश्चिम भारत से कैसे करें ज्योतिर्लिंग यात्रा?

• गुजरात से यात्रा की शुरुआत

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग द्वारका, गुजरात में स्थित है। यह पश्चिमी भारत का पहला ज्योतिर्लिंग है। इसके बाद है सोमनाथ ज्योतिर्लिंग। इस ज्योतिर्लिंग को प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। यह नागेश्वर से लगभग 252 किमी दक्षिण में सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है।

• महाराष्ट्र में तीन प्रमुख ज्योतिर्लिंग

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है। यह सोमनाथ से लगभग 887 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से अगला ज्योतिर्लिंग (west India jyotirlinga tour in hindi) भीमाशंकर है, जो पुणे के पास स्थित है। यह त्र्यंबकेश्वर से लगभग 233 किलोमीटर दूर है। इसके बाद ज्योतिर्लिंग कि सूची में अगला नाम है औरंगाबाद में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग है। यह भीमाशंकर से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर है। ये तीनों शिवधाम महाराष्ट्र के प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं।

• मध्य प्रदेश में दो ज्योतिर्लिंग

जैसे की हमने देखा मध्य प्रदेश में दो प्रमुख ज्योतिर्लिंगों है। पहला ओंकारेश्वर है। इसके बाद उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर है। यह ओंकारेश्वर से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। यहां से आगे का सफर आपको उत्तराखंड में स्थित बाबा केदारनाथ ज्योतिर्लिंग तक तय करना होगा। यह महाकालेश्वर से लगभग 1290 किलोमीटर की दूरी पर बसा है।

• उत्तर प्रदेश और झारखंड के दिव्य ज्योतिर्लिंग

बाबा केदारनाथ का बाद आपका अगला स्टॉप होगा। उत्तर प्रदेश और झारखंड में दो और पवित्र ज्योतिर्लिंग हैं। पहला काशी विश्वनाथ मंदिर, जो वाराणसी में स्थित है। यह केदारनाथ से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूसरा बैद्यनाथ धाम है, जो देवघर यानि झारखंड में स्थित है। बता दें कि यह काशी विश्वनाथ से लगभग 70 km दूर है।

• दक्षिण भारत में अंतिम दो ज्योतिर्लिंग

दक्षिण भारत में इस यात्रा के अंतिम दो पड़ाव मल्लिकार्जुन और रामेश्वरम हैं। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश में स्थित है। बैद्यनाथ से लगभग 1798 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में आपकी यह पावन ज्योतिर्लिंग कि पवित्र यात्रा रामेश्वरम में स्थित रामनाथस्वामी मंदिर में पूर्ण होती है। यह मल्लिकार्जुन से लगभग 1018 किलोमीटर दूर है।


North India Jyotirlinga Tour: उत्तर भारत से कैसे करें ज्योतिर्लिंग यात्रा?

• उत्तर भारत से शुरुआत करें

उत्तर भारत से ज्योतिर्लिंग यात्रा (north India jyotirlinga tour in hindi) की शुरुआत के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है केदारनाथ। केदारनाथ से लगभग 1216 किलोमीटर दूर है उत्तर प्रदेश का काशी विश्वनाथ मंदिर।

वाराणसी से लगभग 476 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ मंदिर स्थित है। यहां से आप मध्य प्रदेश की ओर बढ़ सकते हैं।

• मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के प्रमुख ज्योतिर्लिंग

देवघर से उज्जैन की दूरी लगभग 920 किलोमीटर है। उज्जैन में महाकालेश्वर और शिवपुरी द्वीप पर ओंकारेश्वर दो पवित्र ज्योतिर्लिंग हैं। मध्य प्रदेश से अगला गंतव्य है महाराष्ट्र, जिसकी दूरी लगभग 697 किलोमीटर है। यहां स्थित तीन ज्योतिर्लिंग में औरंगाबाद में घृष्णेश्वर, नासिक में त्र्यंबकेश्वर और पुणे के पास भीमाशंकर शामिल है।

•गुजरात में सोमनाथ और नागेश्वर दर्शन

इसके बाद, महाराष्ट्र से लगभग 815 किलोमीटर की यात्रा कर आप गुजरात पहुंचेंगे। यहां सौराष्ट्र में स्थित है सोमनाथ ज्योतिर्लिंग। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है। सोमनाथ के बाद, आप गुजरात में ही नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते है। यह पावन शिव मंदिर द्वारका में स्थित है।

• दक्षिण भारत में मल्लिकार्जुन से रामेश्वरम

अब आगे बढ़ते है, ज्योतिर्लिंग के अगले पड़ाव कि ओर। यह यात्रा दक्षिण भारत में समापत होती है। दक्षिण भारत में पहला गंतव्य है आंध्र प्रदेश का श्रीशैलम। यहाँ स्थित है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग। अंत में, रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में यह पवित्र यात्रा पूर्ण होती है।


South India Jyotirlinga Tour: दक्षिण भारत से कैसे करें ज्योतिर्लिंग यात्रा?

• दरामेश्वरम से श्रीशैलम से करें शुरुआत

दक्षिण भारत से यात्रा की शुरुआत करें। इसमें सबसे पहले है रामेश्वरम में स्थित रामनाथस्वामी मंदिर। इसके बाद रामेश्वरम ( south India jyotirlinga tour in hindi)से श्रीशैलम यानी मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की दूरी लगभग 1019 किमी है।

• महाराष्ट्र के तीन ज्योतिर्लिंग

आंध्र प्रदेश से आगे बढ़ते हुए अब आप जाएं महाराष्ट्र। यहां सबसे पहले जाएं पुणे में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग। इसके बाद औरंगाबाद का घृष्णेश्वर मंदिर और फिर आखिर में नासिक के त्र्यंबकेश्वर के दर्शन करें। भीमाशंकर से घृष्णेश्वर की दूरी लगभग 300 किमी और त्र्यंबकेश्वर की लगभग 233 किमी है।

• ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

अब महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश की ओर बढ़ें। त्र्यंबकेश्वर से ओंकारेश्वर (शिवपुरी द्वीप) की दूरी लगभग 412 किमी है। ओंकारेश्वर के बाद उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। यह करीब 200 km दूर है।

• गुजरात में सोमनाथ और नागेश्वर धाम

मध्य प्रदेश से अगला राज्य है गुजरात। महाकालेश्वर से सोमनाथ की दूरी लगभग 951 किमी है। सोमनाथ के बाद द्वारका में नागेश्वर मंदिर के दर्शन करें।

• उत्तर भारत की ओर केदारनाथ

अब गुजरात से उत्तर भारत की ओर यात्रा करें। नागेश्वर से उत्तराखंड के केदारनाथ की दूरी लगभग 1456 किमी है। केदारनाथ 3553 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और चार धामों में से एक है।

• काशी विश्वनाथ और बैद्यनाथ में बाबा के दर्शन

केदारनाथ के बाद, यात्रा करें उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ओर। यहां स्थित है काशी विश्वनाथ मंदिर, जो केदारनाथ से लगभग 1022 किमी दूर है। अंत में जाएं झारखंड के देवघर, जहां स्थित है बाबा बैद्यनाथ धाम। वाराणसी से देवघर की दूरी लगभग 468 किमी है।


हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंगों (12 jyotirlinga temple tour guide in hindi) का विशेष स्थान है। माना जाता है कि भगवान शिव इन स्थानों पर स्वयं विराजमान हैं। ये ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं। आप चाहे देश के किसी भी कोने से हों, अपनी यात्रा पूर्व, पश्चिम, उत्तर या दक्षिण भारत से शुरू कर सकते हैं। प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में देवघर, वाराणसी, केदारनाथ, महाकालेश्वर, सोमनाथ और रामेश्वरम शामिल हैं।

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