आज के तनावपूर्ण दौर में, हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में शांति और सुख-समृद्धि का वास हो। वास्तु शास्त्र में कई प्रभावशाली उपायों का वर्णन है, जिनमें कुछ प्राचीन और दिव्य धार्मिक चिह्न भी शामिल हैं। मान्यता है कि की इन धार्मिक चिह्नों से घर में आने वाली बुरी या नकारात्मक शक्तियां दरवाजे से ही लौट जाती है। इन्हीं कुछ धार्मिक चिह्नों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
वास्तु शास्त्र (Powerful Vastu Symbols for Positivity) में इन धार्मिक चिह्नों को विशेष महत्व दिया गया है। लोग अक्सर गृह प्रवेश या ऑफिस में इन्हें स्थापित करते हैं, ताकि घर और आसपास के माहौल में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। ये चिह्न इतने प्रभावशाली होते हैं कि इन्हें लगाने से शांति और सौम्यता कभी कम नहीं होती और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बना रहता है।
आइए जानते हैं, आप कौन-कौन से धार्मिक चिह्न अपने घर या ऑफिस में लगा सकते हैं
ॐ शब्द में पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा समाहित होती है। इसके उच्चारण से मानसिक शांति मिलती है और कई गंभीर बीमारियों में भी लाभ हो सकता है। 'ॐ' (Om Symbol) शब्द मुख्य रूप से तीन अक्षरों- अ, ओ और म से मिलकर बना है। यह तीनों शब्द ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। ॐ के उच्चारण से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और नकारात्मक शक्तियों दूर भागती है।
'ॐ’ का चित्र लगाने से घर में दिव्य ऊर्जा का वास होता है।
स्वास्तिक को हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य को स्वस्तिक चिह्न के बिना अधूरा माना जाता है। आज भी कई हिंदू घरों में मुख्य द्वार के बाहर स्वास्तिक का चिह्न (swastik significance in hinduism) देखने को मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, स्वास्तिक चारों दिशाओं से शुभता और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। यही कारण है की इसे सौभाग्य और मंगल का प्रतीक माना जाता है।
इसके लिए घर में स्वास्तिक पिरामिड लगाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
त्रिशूल (Trishul) एक अत्यंत शक्तिशाली धार्मिक चिह्न है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। भोलेनाथ को समर्पित यह त्रिशूल व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भौतिक कष्टों से छुटकारा दिलाने में सहायक है। त्रिशूल के तीन शूल जीवन में आने वाले विभिन्न कष्टों का नाश करते हैं। वास्तु शास्त्र में भी त्रिशूल को शुभता और सुरक्षा का प्रतीक माना गया है। घर में किसी तरह की बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए यह अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।
आप इसे अपने घर के मेन गेट या पूजन स्थल में रख सकते है।
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, त्रिशक्ति यंत्र (Trishakti Yantra) उपरोक्त दी गई तीन शक्तियों (ॐ, स्वास्तिक व त्रिशूल) का संगम देखने को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में इन तीनों को शुभ और कल्याणकारी माना गया है। इन्हीं शक्तियों से मिलकर ही यह त्रिशक्ति यंत्र बनाया गया है। इस यंत्र से नकारात्मक शक्तियों और प्रेत-बाधाओं से रक्षा होती है। साथ ही, यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर, वातावरण को शुद्ध करता है।
भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए, त्रिशक्ति यंत्र को घर के मुख्य द्वार पर स्थापित करें ।
वास्तु शास्त्र में दर्पण को बहुत प्रभावशाली उपकरण माना जाता है। यदि घर में सही जगह पर दर्पण (mirror significance in vastu) लगाया जाए तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकता है। अंधेरे कोनों में रौशनी ला सकता है। वास्तु के अनुसार, दर्पण को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना सबसे शुभ माना गया है। यह दिशा ऊर्जा के प्रवाह को सही दिशा देती है।
हालांकि, दक्षिण या पश्चिम दीवार पर दर्पण लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। इसलिए मिरर लगाते समय सही दिशा सुनिश्चित करना ज़रूरी है।
श्री लक्ष्मी गणेश हैंगिंग यंत्र एक सुंदर और शक्तिशाली आध्यात्मिक प्रतीक है। यह घर में पॉजिटिविटी के साथ ही धन, सफलता और सकारात्मकता का आशीर्वाद लाता है। जहां देवी लक्ष्मी की धन-धान्य का आशीर्वाद देती है। वही विग्नहर्ता भगवान गणेश जीवन में आने वाली सभी कष्ट एवं बाधाओं को दूर करते है। इसका हैंगिंग डिज़ाइन इसे घर, कार्यालय या मंदिर में आसानी से लगाने में मदद करता है। यह शक्तिशाली यंत्र (Shri Lakshmi Ganesh Hanging Yantra) वास्तु दोष को दूर करने की भी क्षमता रखता हैं।
Buy Shri Laxmi Ganesh Hanging Yantraश्री लक्ष्मी गणेश हैंगिंग यंत्र को घर के पूजा घर, ऑफिस या फैक्ट्री में उत्तर पूर्व दीवार पर लगाएं।
यहां बताए गए शक्तिशाली धार्मिक चिह्न (Powerful Vastu Symbols for Positivity) घर या ऑफिस में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। शास्त्रों के अनुसार, इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। ये धार्मिक चिह्न न केवल नेगेटिविटी को दूर भगाते हैं, बल्कि सुख-शांति और सफलता को भी आकर्षित करते हैं।