भारत अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह तीर्थ स्थल न केवल भारतीय टूरिस्ट, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्ही तीर्थ स्थलों में से एक है चार धाम यात्रा। सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, चार धाम यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चारधाम यात्रा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक मानी जाती है। यह यात्रा हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए खास धार्मिक महत्व रखती है। इस पवित्र यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। सुरम्य हिमालय की ऊंची चोटियों पर स्थित यह चारों धाम, अपनी धार्मिक महिमा के लिए प्रसिद्ध हैं।
चार धाम को हिन्दू धर्म में दिव्य ऊर्जा का प्रमुख निवास स्थल माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड की चार धाम यात्रा दर्शन हेतु आते हैं।
तो आइए, जानते है 2025 में चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra 2025) कब से शुरू हो रही है और आप कैसे अपनी चारधाम यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ अक्षय तृतीया के दिन होता है। यह दिन समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है। इस खास मौके पर हर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कि जाती है। चार धाम के मंदिरों को फूलों और दीपों से सजाया जाता है।
बता दें की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 को बद्रीनाथ के कपाट खोलने के साथ प्रारंभ हो गई है। इसके बाद, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट भी दर्शनार्थियों के लिए खोले गए। चार धाम के कपाट खुलने का समय इस प्रकार है-
गंगोत्री मंदिर | 30 अप्रैल 2025 |
यमुनोत्री मंदिर | 30 अप्रैल 2025 |
केदारनाथ मंदिर | 02 मई 2025 |
बद्रीनाथ मंदिर | 04 मई 2025 |
चारधाम यात्रा का समापन बद्रीनाथ में होता है, जहां श्रद्धालु विजय दशमी के दिन इसे भगवान विष्णु के दर्शन करते हैं। दिवाली के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री के पट बंद किए जाते हैं। जबकि केदारनाथ के कपाट भाई दूज पर बंद किए जाते हैं।
चार धाम के कपाट बंद होने का समय इस प्रकार है-
गंगोत्री मंदिर | 22 अक्टूबर 2025 |
यमुनोत्री मंदिर | 23 अक्टूबर 2025 |
केदारनाथ मंदिर | 23 अक्टूबर 2025 |
बद्रीनाथ मंदिर | 06 नवंबर 2025 |
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन (chardham yatra registration process in hindi) की प्रक्रिया बेहद आसान है। यात्रा पर निकलने से पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य है। अगर आप 2025 में चारधाम यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन के लिए नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें-
1. सबसे पहले https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाएं।
2. फिर 'Register for Chardham' सेक्शन पर जाएं। वहां अपना नाम, मोबाइल नंबर और अन्य डिटेल्स भरें, फिर लॉग इन करें।
3. रजिस्ट्रेशन पेज पर ‘Registration for Tour’ पर क्लिक करें। अब 'Plan Your Tour' पेज खुलेगा।
4. इस पेज पर, अपनी ट्रेवल संबंधी सभी जानकारी भरें। जैसे ट्रेवल डेट, ईमेल आईडी, इमरजेंसी नंबर, और अन्य डिटेल्स।
5. रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा करने के बाद, रजिस्ट्रेशन लेटर या ई-यात्रा डाउनलोड करें।
6. ध्यान रखें, यात्रा के दौरान यह पंजीकरण कार्ड साथ रखना अनिवार्य है।
• यात्रा से पहले हेल्थ चेकअप ज़रूर करवाएं, खासकर अगर आपको ब्लड प्रेशर या दिल की समस्या है।
• मई से अक्टूबर के बीच यात्रा करना सबसे अच्छा है, क्योंकि तब मंदिर के पट खुले होते हैं। मानसून में यात्रा से बचें।
• चारधाम यात्रा के लिए गर्म कपड़े, मजबूत जूते, सनस्क्रीन और ज़रूरी दवाएं पैक करें। पानी की बोतल और कुछ स्नैक्स भी रखें।
• पीक सीज़न में परेशानियों से बचने के लिए, रहने की जगह और ट्रांसपोर्ट (जैसे हेलीकॉप्टर सर्विस) पहले से बुक कर लें।
• यात्रा के दौरान हाइड्रेटेड रहें और एनर्जी बनाए रखने के लिए हल्का भोजन करें। हैवी मील्स से बचें।
• दूरदराज के इलाकों में ट्रेकिंग करते समय, सुरक्षा के लिए किसी ग्रुप या गाइड के साथ ही ट्रेवल करें।
धार्मिक दृष्टिकोण से चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2025) का विशेष महत्व बताया जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस यात्रा से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यमुनोत्री और गंगोत्री पवित्रता का प्रतीक मानी जाती हैं। वहीं, केदारनाथ भगवान शिव के विराट रूप और बद्रीनाथ विष्णु के दिव्य प्रकाश का प्रतिनिधित्व करता है। यदि संभव हो, तो जीवन में एक बार चारधाम यात्रा अवश्य करें।