सबके प्रिय भगवान श्री गणेश के भक्तों में लगभग हर उम्र और हर वर्ग के लोग शामिल है। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसे गणपति से लगाव न हो और ऐसे में गणेश चतुर्थी का यह पर्व सभी के लिए देर साथ खुशियां लेकर आता है। गणेश चतुर्थी के इस अवसर पर बहुत से लोग बप्पा की मूर्ति को अपने घर लाते है और भक्ति भाव से उनका पूजन करते है।
गणेश चतुर्थी के दिन घर में बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाती है और अनंत चतुर्दशी के दिन इस मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। बप्पा अपने आगमन पर जितनी खुशियां लेकर आते है, उससे दुगनी खुशी जाते समय देकर जाते है। ऐसे में इस ब्लॉग के माध्यम से आइये जानते है की इस गणेश चतुर्थी के दिन आप कैसे गणपति का स्वागत कर सकते है?
गणपति जी के आगमन से पहले घर को बहुत खूबसूरती से सजाएं। घर के जिस स्थान पर आप प्रतिमा स्थापित करना चाहते है, उसे अच्छे से पानी से धोकर स्वच्छ करें।
गणपति जी की मूर्ति की स्थापना के लिए सही दिशा सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है। वास्तु के अनुसार गणपति जी मूर्ति को हमेशा ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा की ओर ही स्थापित करना चाहिए।
साफ किए हुए स्थान पर एक स्वास्तिक बनाएं और एक मुट्टी चावल रखें। इस पर एक चौकी रख कर, उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएँ और उसके आस-पास के स्थान की अच्छे से सजावट करें।
चौकी के पास दीप, धूप व अगरबत्ती के साथ ही मोदक आदि का प्रसाद भी रखें। इसके अलावा तांबे का एक कलश भर कर रखें। इस कलश को शुद्ध पानी से भरें और आम के पत्तों से सजाएं।
गणपति जी की प्रतिमा को घर लाने से पहले नए और साफ वस्त्र धारण करें। गणपति जी मूर्ति लाते समय पुरुषों को सिर पर रुमाल या अन्य कोई वस्त्र, वही महिलाएं को अपने सिर पर दुपट्टा इत्यादि रखना चाहिए
गणपति जी के घर में प्रवेश से पहले घर के द्वार पर ही उनका आरती कर स्वागत करें। इसके बाद मंत्रोच्चारण और गणपति जी के जय-जयकार के साथ शुभ मुहूर्त में प्रतिमा को घर के भीतर लाएं
गणपति जी की मूर्ति को चौकी पर रखने के बाद गंगाजल का मूर्ति पर छिड़काव करें। गंगाजल के छिड़काव कर मूर्ति को पूजन से पहले शुद्ध करें।
गणपति जी की मूर्ति को विधि-विधान से चौकी पर स्थापित करने के बाद, घर में मौजूद समस्त परिवार जन मिलकर गणपति जी की आरती करें।
गणेश जी के मूर्ति के पास एक थाल में लड्डू या मोदक का भोग अवश्य लगाएं। इसके साथ ही आप पाँच मेवे का भोग भी भगवान को अर्पित कर सकते हैं।
अब पूरे विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा करें। आप नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर गणेश चतुर्थी पूजन विधि से गणपति जी का पूजन कर सकते है।
भगवान गणेश को अनेकों नाम से जाना जाता है जिसमें गजानन, एकदंत, वक्रतुंड, लंबोदर और विनायक जैसे नाम शामिल है। गणपति जी की मूर्ति स्थापित करने के बाद आने वाले 10 दिनों तक नियमित इसका पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही तय समय पर ही गणपति जी आरती चाहिए और प्रसाद चढ़ना चाहिए अन्यथा गणपति जी रुष्ट हो सकते है।
गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर यहीं आशा करते है की गणपति बप्पा की कृपा आप और आपके परिवार पर ऐसे ही बनी रहे।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)