हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में से एक हैं - देवी बगलामुखी। इन्हें शत्रुओं का नाश करने वाली देवी' कहा जाता है। देवी बगलामुखी को समर्पित रक्षा कवच सूत्र एक शक्तिशाली माध्यम माना जाता है। वैसे तो मां बगलामुखी को समर्पित इस रक्षा कवच यंत्र को घर में स्थापित करना बहुत आसान है। हालांकि इसके लिए कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। कहा जाता है कि यदि इसे वास्तु और सही विधि विधान के अनुसार स्थापित किया जाए, तो यह यंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मकता से रक्षा करता है।
तो आइए जानते हैं बगलामुखी रक्षा कवच सूत्र यंत्र को घर में कहां और कैसे स्थापित करें, ताकि इस यंत्र की सही ऊर्जा को आकर्षित किया सके।
बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं। उन्हें वाणी, शत्रु नाश और न्याय की देवी माना जाता है। मां बगलामुखी को समर्पित यह शक्तिशाली चौकी यंत्र एक पवित्र यंत्र है।
इस चमत्कारी यंत्र को विशेष तौर पर रक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य जीवन की बाधाओं को दूर करना है। यह काले जादू और कानूनी झगड़ों में सफलता दिलाने में बेहद प्रभावशाली है।
बगलामुखी रक्षा कवच सूत्र यंत्र निम्नलिखित में अत्यंत प्रभावी माना जाता है-
• एकाग्रता और बोलचाल में सुधार के लिए
• कानूनी और अदालत के मामलों में जीत के लिए
• करियर और बिजनेस के क्षेत्र में सफलता के लिए
• शत्रु और विरोधियों पर जीत हासिल करने के लिए
• नकारात्मक ऊर्जा और काले जादू से बचाव के लिए
यह यंत्र नकारात्मक ऊर्जा के साथ ही दुश्मनों के प्रकोप को भी रोकता है।
यह एक ऐसा शक्तिशाली यंत्र है, जो भय और तनाव को कम करता है। इस यंत्र के नियमित पूजन से स्ट्रेस को दूर को किया जा सकता है।
बिजनेस और कानूनी मामलों में सफलता के लिए यह यंत्र मदद करता है। कोर्ट या किसी ज़रूरी मीटिंग में जाने से पहले इस यंत्र का पूजन करना चाहिए।
मां बगलामुखी का यह यंत्र एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। इस यंत्र के चारों ओर एक-एक त्रिशूल है, जिसे लाल पवित्र रक्षा सूत्र से बांधा गया है।
1. पूजा कक्ष
घर के पूजन कक्ष में आप इस यंत्र को रख सकते है। ध्यान रखें कि यंत्र को किसी साफ़ लकड़ी या पीतल की चौकी पर रखे।
2. घर या ऑफिस
घर को किसी भी तरह की नेगेटिविटी से बचाने के लिए इसे एंट्री गेट के पास रख सकते है। ध्यान रखें कि इस यंत्र का मुख घर के अंदर की ओर हो। इसके अलावा ऑफिस में आप इसे अपने डेस्क या कैश काउंटर के पास रख सकते है।
3. लिविंग या स्टडी रूम
घर या ऑफिस के अलावा आप लिविंग रूम, स्टडी रूम या मेडिटेशन कक्ष में इस यंत्र को रख सकते है। ध्यान रखें कि बगलामुखी रक्षा कवच यंत्र को किसी ऊंचे स्थान पर ही रखें।
बगलामुखी रक्षा कवच यंत्र से जुड़े लाभ को आकर्षित करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें-
यंत्र स्थापना के लिए नवरात्रि या पुष्य नक्षत्र का समय सबसे शुभ होता है। इसके अलावा आप गुरुवार के दिन भी इस यंत्र की स्थापना कर सकते है। सुबह का समय खासकर ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से पहले) सबसे शुभ होता है।
यंत्र स्थापित करने वाले स्थान को अच्छे से साफ करें। स्नान के पीले रंग के वस्त्र पहनें। पीला रंग देवी बगलामुखी का प्रिय माना जाता हैं।
यंत्र का मुंह पूर्व या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में रखें। पूजा करते समय, आपका मुख भी पूर्व दिशा में होना चाहिए।
यंत्र को एक साफ कपड़े से साफ़ करें। आप गंगाजल या हल्दी और केसर मिला जल छिड़क सकते हैं। ताकि यंत्र की शुद्धि हो सके।
यंत्र के सामने पीले फूल, चना दाल, फल, हल्दी, कुमकुम इत्यादि अर्पित करें। अब घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
यंत्र को सिद्ध करने के लिए बगलामुखी बीज मंत्र का जाप करें-
'ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा'
यदि संभव हो तो, पीली हल्दी की माला से 108 बार इस मंत्र का जाप करें।
ध्यान रखें की एक बार यंत्र की स्थापना के बाद नियमित रूप से इस यंत्र का पूजन करें और मां बगलामुखी से सुख-समृद्धि की कामना करें।
बगलामुखी रक्षा कवच यंत्र (Baglamukhi Raksha Kavach Yantra) देवी बगलामुखी को समर्पित एक शक्तिशाली यंत्र है। इसे सही विधि से स्थापित करने पर यह न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि सभी प्रकार की बुरी शक्तियों से सुरक्षा कवच का काम भी करता है। यहां दी गई स्थापना विधि का पालन करें और जीवन में सफलता को आकर्षित करें।
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