चैत्र मास के साथ हिन्दू नव वर्ष का शुभारंभ किया जाता है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास विक्रम संवत का तीसरा महीना है, जो आमतौर पर अंग्रेजी कैलेंडर के मई या जून महीने में आता है। आमतौर पर इसे जेठ का मास भी कहा जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में निर्जला एकादशी, शनि जयंती एवं व्रत सावित्री जैसे प्रमुख व्रत त्यौहार मनाएं जाते हैं। यहां हम जयेष्ठ महीने में आने वाले प्रमुख व्रत त्यौहारों की लिस्ट साझा करने जा रहे है।
कहा जाता है कि हिन्दू महीनों का निर्धारण ब्रह्मांड में मौजूद नक्षत्रों के आधार पर किया जाता है। ऐसे में चंद्रमा के चक्र के अनुसार हिन्दू महीनों में बदलाव देखने को मिलता हैं। ऐसे में जब चंद्रमा किसी खास नक्षत्र में होता है, तो उस महीने का नाम उसी नक्षत्र पर रखा जाता है। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है, इस कारण इस महीने को ज्येष्ठ मास कहा जाता है।
पंचांग के अनुसार, जयेष्ठ मास 2025 की शुरुआत मंगलवार के दिन 13 मई 2025 (Jyeshtha month starting date 2025) से हो रही हैं। वही बुधवार, 11 जून 2025 (Jyeshtha month ending date 2025) को इस माह का समापन होगा।
जयेष्ठ मास 2025 के दौरान आने वाले प्रमुख व्रत-त्यौहार निम्न प्रकार से है-
तारीख | त्यौहार / व्रत / जयंती |
13 मई 2025 | ज्येष्ठ माह प्रारंभ |
14 मई 2025 | वृषभ संक्रांति |
16 मई 2025 | संकष्टी चतुर्थी |
20 मई 2025 | मासिक कालाष्टमी |
23 मई 2025 | अपरा एकादशी |
24 मई 2025 | शनि प्रदोष |
25 मई 2025 | मासिक शिवरात्रि |
26 मई 2025 | वट सावित्री व्रत |
27 मई 2025 | शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या |
29 मई 2025 | महाराणा प्रताप जयंती |
30 मई 2025 | विनायक चतुर्थी |
1 जून 2025 | स्कन्द षष्ठी |
3 जून 2025 | धूमावती जयंती |
4 जून 2025 | महेश नवमी |
5 जून 2025 | गंगा दशहरा |
6 जून 2025 | निर्जला एकादशी |
8 जून 2025 | प्रदोष व्रत |
10 जून 2025 | वट पूर्णिमा व्रत |
11 जून 2025 | ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान-दान |
जेठ माह में प्रमुख हिन्दू त्योहार मनाएं जाते है, जिसमें मुख्य रूप से गंगा दशहरा, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और निर्जला एकादशी जैसे त्योहार शामिल हैं। ये त्योहार हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं।
जेठ महीना कैलेंडर के अनुसार मई या जून के महीने के बीच आता है। यह विक्रम संवत के तीसरे महीने के रूप में जाना जाता है। इस माह में मुख्य रूप से गर्मी के मौसम आता है और आमतौर पर सबसे अधिक तापमान होता है। जेठ मास में शनि जयंती और गंगा दशहरा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं।
सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी माह में भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था। इसके साथ ही मां गंगा का धरती पर अवतरण भी इसी माह में हुआ था। यही कारण है की ज्येष्ठ मास (jyeshta month significance) को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है।