भारतीय संस्कृति में मंदिरों का एक विशेष महत्व है। मंदिरों में लोग भगवान की पूजा-अर्चना और आराधना करने आते है। अक्सर मंदिरों से जुड़ी बहुत सी धार्मिक मान्यताएं देखने को मिलती है।आपने देखा होगा की हमारे देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहाँ महिलाओं का प्रवेश निषेध है, लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है की किसी मंदिर में पुरुषों का जाना वर्जित हो,आपको पढ़कर थोड़ा आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन यह सच है।
इस ब्लॉग में हम आपको भारत में स्थित ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे है। आइए जानते है कौनसे है ये मंदिर।
मां भगवती का यह मंदिर कन्याकुमारी में स्थित है। यहां देवी भगवती की पूजा उपासना की जाती है। इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है की देवी भगवती यहां एक बार भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तप और आराधना करने आयी थी। मां भगवती को सन्यास की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। इस मंदिर की परंपरा के अनुसार किसी भी पुरुष का मंदिर में आना वर्जित है। केवल सन्यासी पुरुषों को ही गेट तक जानें की अनुमति होती है।
भारत का यह मंदिर असम राज्य के एक नगर गुवाहाटी में स्थित है। नीलांचल पर्वत पर बना यह मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में माता की माहवारी के दिनों में उत्सव का माहौल होता है। बताया जाता है की माता के माहवारी के समय पुरुषों का इस मंदिर में प्रवेश करना बैन होता है। इतना ही नहीं इस दौरान माता की पूजा करने के लिए जो पुजारी होते है वो भी एक महिला ही होती है।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित यह मंदिर मां भद्रकाली के प्रचीन मंदिरो में से एक है। माना जाता ही की इस देवी के दर्शन मात्र से ही कलयुग के सारे दोष समापत हो जाते है। इतना ही नहीं इस मंदिर का नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में भी दर्ज किया गया है, क्योंकि एक बार इस मंदिर में पोंगल के उत्सव के समय 30 लाख से भी अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया था। मान्यता तो यह भी है मां भद्रकाली यहां पोंगल के समय दस दिनों तक मंदिर में निवास करती हैं। पुरुषों का इस मंदिर में आना मना है।
अब जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे है वो भी केरल में ही स्थित है। इस मंदिर में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। इस मंदिर में हर साल पोंगल के समय स्त्रियों की पूजा की जाती है। बताया जाता है की इस पूजा के दौरान पुरुष पुजारी महिलाओं के पैर धोते है। पोंगल के उत्सव के समय यहां महिलाओं का जमावड़ा देखने को मिलता है, वहीं पुरुष इस दौरान मंदिर में बिलकुल भी प्रवेश नहीं कर सकते।
राजस्थान के शहर जोधपुर में स्थित संतोषी माता के इस मंदिर में शुक्रवार के दिन पुरुषों का जाना मना होता है। यदि इस दिन के अलावा सप्ताह के किसी भी पुरुष इस मंदिर में जा रहे है तो वे सिर्फ माता के दर्शन ही कर सकते है, उन्हें पूजा करने की अनुमति नहीं होती है। दरअसल शुक्रवार का दिन मां संतोषी को समर्पित होता है और इस दिन महिलाएं व्रत आदि भी रखती है।
यहां दिए गए मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में गिने जाते है। यह मंदिर देश के विभिन्न कोनों में स्थित है। यदि आप भी इन मंदिरों में जाने का विचार बना रहे है तो यह सुनिश्चित कीजियेगा की आप कब और किस समय यहां प्रवेश कर सकते है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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