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Nag Vasuki Temple | नागवासुकी मंदिर | इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है काल सर्प दोष? जानें रोचक इतिहास व तथ्य

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उत्तर प्रदेश में स्थित नागवासुकी मंदिर, एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है। यह मंदिर भगवान वासुकी को समर्पित है, जो सर्पों के देवता माने जाते हैं। इस मंदिर के बारे में यह मान्यता प्रचलित है कि जो व्यक्ति काल सर्प दोष या अन्य ज्योतिषीय समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें खास तौर पर इस मंदिर में दर्शन करना चाहिए। इस मंदिर का निर्माण वैदिक काल के समय समुद्र मंथन के बाद हुआ था। आइए जानते है, भगवान वासुकी को समर्पित इस खास मंदिर के रोचक इतिहास व तथ्य-

Nag Vasuki Temple | नागवासुकी मंदिर | इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन मात्र से दूर होता है काल सर्प दोष? जानें रोचक इतिहास व तथ्य

कुंडली में कालसर्प दोष के चलते कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जो व्यक्ति इन दोषों को दूर करने के लिए कई उपाय करता है। हालांकि, यह तथ्य कम लोग ही जानते होंगे कि उपाय किए बिना भी कालसर्प दोष (kaal sarp dosh se bachne ke upay) को दूर किया जा सकता है। आपको बता दें की ऐसा एक विशेष तीर्थस्थल है, जहां केवल दर्शन मात्र से ही यह दोष समाप्त हो जाता है। आइए जानें कि यह पवित्र स्थान कहां स्थित है और यहां दर्शन कर आप किस प्रकार से कालसर्प दोष को दूर कर सकते है।

Where is Vasuki Nag Temple? कहां है वासुकी नाग मंदिर?

कालसर्प दोष दूर करने वाला यह नागवासुकी मंदिर (vasuki nag temple location) उत्तर प्रदेश राज्य के पवित्र शहर प्रयागराज में स्थित है। यह मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है और भारत के सबसे महत्वपूर्ण नाग मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में भक्तगण दूर-दूर दर्शन के लिए आते है और वासुकी देव से सभी प्रकार के काल सर्प सम्बंधित दोषों से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करते हैं।


Nagvasuki Temple Interesting Historical Facts | नागवासुकी मंदिर रोचक इतिहास

•नागवासुकी मंदिर का उल्लेख पद्म पुराण में विशेष रूप से मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के पश्चात् भगवान नागवासुकी अत्यधिक थक गए और घायल हो गए। इसके बाद, उन्होंने एक उपयुक्त स्थान की तलाश शुरू की, जहां वह आराम कर सकें।

•जिसके बाद भगवान विष्णु के कहने पर, वे प्रयागराज स्थित सरस्वती नदी के शीतल जल में स्नान करने पहुंच गए, जहां उन्हें शांति प्राप्त हुई। स्नान के बाद, जब वासुकी देव प्रस्थान करने लगे, तो ऋषियों और देवताओं ने उनसे वहीं रुकने का आग्रह किया। वासुकी देव ने कुछ शर्तों के साथ उनकी बात मानी, जिनमें प्रमुख शर्त यह थी कि जो भी भक्त यहां दर्शन के लिए आएंगे उन्हें त्रिवेणी संगम में स्नान करना होगा, साथ ही सावन माह में आने वाली नाग पंचमी के दिन विधि-विधान पूजन संपन्न करना होगा।

•भारतीय इतिहास में मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल के दौरान, जब वह हिंदू मंदिरों को नष्ट करने का प्रयास कर रहे थे, तब नागवासुकी मंदिर का अस्तित्व ऐसे ही कायम रहा। ऐतिहासिक किंवदंती के अनुसार, जब औरंगजेब ने इस मंदिर (nagvasuki temple interesting history in hindi) को नष्ट करने का प्रयास किया, तो भगवान नागवासुकी स्वयं एक क्रूर रूप प्रकट हुए। उन्होने मंदिर की रक्षा की और दीवारों पर एक खरोंच भी नहीं आने दी।


Nag Vasuki Temple Kaal Sarp Dosh Puja | कालसर्प दोष मुक्ति के लिए ऐसे करें मंदिर में पूजा

मंदिर के पुजारियों के अनुसार, वासुकी मंदिर में पूजा करने के लिए भक्तों को पूजा सामग्री स्वयं लेकर आनी चाहिए। इसके बाद नाग वासुकी मंदिर में आप निम्नलिखित विधि से पूजन (Kaal Sarp Dosh Puja) संपन्न कर सकते है-

पौराणिक कथा के अनुसार, काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे पहले संगम नदी में स्नान करना आवश्यक है।

•स्नान के बाद मंदिर में प्रवेश कर भगवान वासुकी के दर्शन करना चाहिए।

•पूजा सामग्री में मटर, चना, फूल, माला, और दूध जैसी वस्तुएं विशेष रूप से शामिल करनी चाहिए।

•इन पूजन सामग्रियों के साथ, भक्त नागराज वासुकी की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा-अर्चना करें।

•अंत में, इन सामग्री को अर्पित करते हुए भक्त कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए नागराज वासुकी से प्रार्थना करें।


Nag Nagin Jode ke Upay | नाग नागिन जोड़े का उपाय

काल सर्प दोष के निवारण हेतु नाग-नागिन की पूजा (nag nagin Jode ki puja for kaal sarp dosh) अत्यंत शुभ मानी जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, दिव्य नाग जोड़े की पूजा करने से इस दोष के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है।

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नाग पंचमी के अवसर पर, भक्त नाग देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। वे दूध, धूप, फूल, और तिल जैसे प्रसाद अर्पित करके नाग-नागिन जोड़े की पूजा करते हैं। इस पूजन के साथ-साथ, शुभ फल के लिए आप निम्नलिखित मंत्र का जाप भी कर सकते है-

"ॐ वासुकि नागराजाय स्वाहा"


नागवासुकी मंदिर (nag vasuki temple in India) प्रयागराज में स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जहां दर्शन मात्र से काल सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में यदि आप भी बहुत समय से काल सर्प दोष से परेशान है तो एक बार इस मंदिर में दर्शन के लिए जरूर जाएं। इसके साथ आप नाग-नागिन जोड़ें का पूजन कर सकते है। काल सर्प संबंधी दोषों से मुक्ति पाने के लिए यह बहुत ही चमत्कारी उपाय माना जाता है।

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