हिन्दू धर्म में कई वेद और पुराणों का उल्लेख मिलता है। इन पौराणिक ग्रंथों के माध्यम से गरुड़ पुराण को महापुराण का दर्जा दिया गया है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके प्रिय रथ गरुड़ के बीच संवाद के बारे में बताया गया है। इस पुस्तक में, भगवान नारायण ने जन्म और मृत्यु के संबंध के साथ-साथ गरुड़ देव के सांसारिक चक्रों का भी वर्णन किया है। ऐसे में आज हम आपको गरुड़ पुराण में लिखी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे, जिन्हें अपनाने से आप जीवन में प्रगति करेंगे।
वैष्णव समुदाय के महान ग्रंथ गरुड़ पुराण (Garuda Purana in Hindi) में ज्ञान, सदाचार, मौन, त्याग, यज्ञ, भिक्षा और तप इत्यादि जैसे कार्यों उल्लेख किया गया है। इसमें भगवान विष्णु जन्म और मृत्यु के चक्र,आत्मा की यात्रा और एक समृद्ध और खुशहाल जीवन कैसे प्राप्त करें, इसका वर्णन करते है। माना जाता है कि यदि व्यक्ति गरुड़ पुराण (garud puran katha) में लिखी हुई कुछ बातों को अपनाएं, तो उन्हें जीवन में न केवल कामयाबी मिलेगी और स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी।
आइए जानते है, क्या है ये महत्वपूर्ण बातें-
गरुण पुराण के मुताबिक, एक व्यक्ति को नियमित सुबह जल्दी स्नान करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि, जो भी व्यक्ति प्रतिदिन सुबह स्नान आदि कर शुद्ध होता है, उसका पूरा दिन ऊर्जा और सकारात्मकता से भरपूर होता है।
प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर भगवान के दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, सुबह स्नान आदि कर भगवान (garud puran ke upay) का विधिवत पूजन करने से जीवन में प्रगति के मार्ग खुल जाते है और सफलता मिलती है। भगवान के साथ ही हमे सुबह हमारे पितृ जनों का भी आशीर्वाद लेना चाहिए।
इस महापुराण के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को स्वयं कुछ भी खाने से पहले भगवान को भोग अवश्य लगाना चाहिए। मान्यता है कि प्रतिदिन भगवान को भोग लगाने से मां अन्नपूर्णा और देवी महालक्ष्मी प्रसन्न होती है और आपके घर में कभी धन-धान्य का अभाव नहीं होता।
हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में दान का विशेष महत्व बताया जाता है। इन ग्रंथों (garud puran tips) के अनुसार, अपने आय का एक हिस्सा दान-धर्म से जुडें कार्यों में ज़रूर लगाना चाहिए। जरूरतमंद व्यक्तियों को दान देने से जीवन में सुख -समृद्धि मिलती है। इसके साथ ही मरने के बाद उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
गरुड़ पुराण (garud puran katha) में आत्मचिंतन को महत्वपूर्ण माना जाता है। एक व्यक्ति को दिन भर में से कुछ समय निकालकर आत्मचिंतन ज़रूर करना चाहिए। ऐसा करने से उसे सही-गलत फैसलों में फर्क अंतर पता चलता है और इस कारण वह आने वाले समय में बहुत ही सूझ-बुझ से निर्णय लेने के तैयार हो जाता है।
इस प्रकार से यह कुछ कार्य है, जिनके बारे में गरुड़ पुराण (garuda puranam) में उल्लेख किया गया है। आप भी इन्हे अपनी दिनचर्या में अपनाकर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते है।