हिन्दू पंचांग में कुछ महीनों को विशेष महत्व बताया गया है, उन्ही में से एक पौष का महीना भी है। पौष माह दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, पौष माह में दान के साथ-साथ भगवान सूर्यदेव की पूजा का भी खास महत्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस माह में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ सूर्यदेव की पूजा करता है, उसका आगामी साल स्वास्थ्य और समृद्धि से परिपूर्ण रहता है।
आइए जानते हैं, इस पवित्र महीने का धार्मिक महत्व और इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण उपाय-
दैनिक कैलेंडर के अनुसार, पौष माह हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना है, जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन शुरू होता है। इस साल पौष का यह माह 16 दिसंबर (kab shuru hoga paush mahina) से शुरू हो रहा है, वही पौष महीने का समापन मकर सक्रांति से एक दिन पहले यानि 13 जनवरी 2024 तक होगा।
धार्मिक दृष्टिकोण से पौष का महीना हिन्दू धर्म में अत्याधिक महत्व रखता है, आइए जानते है कैसे-
1. पौष पूर्णिमा का महत्व
पौष माह को धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्याधिक शुभ माना जाता है। इस दिन को लेकर यह मान्यता बताई जाती है की जो भी व्यक्ति इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करता है, उसे सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती हैं। इस दिन संत-महात्मा गंगा स्नान के लिए पहुंचते है और मां गंगा का आशीर्वाद लेते है।
2. सूर्य का मकर राशि में प्रवेश
पौष माह में आने वाले मकर संक्रांति (paush mahine ka mehatv) का पर्व सूर्य के धनु राशि में परिवर्तन का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन खास तौर पर सूर्य देव की पूजा करने का विधान माना जाता है। उत्तरायण के नाम से लोकप्रिय यह दिन सुख-समृद्धि, सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य को भी आकर्षित करता है। खासकर राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में इस दिन विशेष अनुष्ठान संपन्न किए जाते है।
3. दान-धर्म का महत्व
पौष का महीना दान-पुण्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, कंबल आदि दान करना बहुत फलदायी माना जाता हैं। साथ ही, पौष माह में पितरों की आत्मा की शान्ति के लिए विशेष अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। कहा जाता है की इस माह में दान करने से पुण्य बढ़ता है और अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पौष माह में भगवान शिव की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस माह आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए पौष सोमवार के दिन भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें। इस उपाय न केवल धन वृद्धि के मार्ग खुलेंगे बल्कि सुख व ऐश्वर्य में वृद्धि होगी।
पौष माह के दौरान यदि आप शनि दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो काले तिल का दान अवश्य करें। हालांकि यदि किसी भी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह (paush mahine ke upay in hindi) के अशुभ प्रभाव देखने को मिल रहे है तो काले के जगह सफेद तिल का दान करें। इस उपाय को करने से शुक्र देव आपसे प्रसन्न होंगे और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तांबे के बर्तन का संबंध सूर्य से होता है। इसलिए इस महीने आपको तांबे का बर्तन दान करना शुभ माना जाता है, खासकर जब आप सूर्य दोष (paush month 2025 remedies) से पीड़ित हो। इसके अलावा इस उपाय से आप पितृ दोष और अन्य ग्रह संबंधी दोषों से भी मुक्ति पा सकते है।
यहां दिए गए उपाय के साथ ही आप पौष के इस पावन महीने में श्रीमद भगवद गीता का भी दान कर सकते है। खासतौर पर वैकुण्ठ एकादशी के दिन आप यह उपाय कर सकते है। एकादशी तिथि पर गीता दान करने से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी प्रकार के दुःख, बाधाएं और परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
पौष माह में सफेद वस्त्र, चावल, या अन्य सफेद चीजों का दान चंद्र दोष को दूर करता है। इस माह में सूर्य देव(paush mah ke upay) को प्रसन्न करने के लिए गुड़, सेब, मूंगफली, गेहूं, और चिक्की का दान करें। इसके अतिरिक्त, अगर आप लाल व पीले रंग की वस्तुएं भी दान करते है तो सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
Buy Suraj Nag Locketपौष का यह महीना आपके आध्यात्मिक कल्याण के साथ ही ग्रह संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी जाना जाता है। इसके साथ ही इस पावन महीने में दान-पुण्य, पवित्र नदियों में स्नान व सूर्य देव की पूजा का भी विशेष उल्लेख मिलता है। ऐसे में अपने जीवन में सूर्य के प्रभाव को मजबूत करने के लिए, आप धर्मसार का यह सूरज लॉकेट (Suraj Nag Locket) धारण कर सकते है। यह लॉकेट सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के साथ ही सूर्य से संबंधित दोषों को कम करने के लिए कल्याणकारक है।
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