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त्यौहार

Akshaya Tritiya 2025: जानिए सोना खरीदने का सही मुहूर्त, धार्मिक महत्व और इस दिन खरीदें जाने वाली प्रमुख वस्तुओं की सूची!

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अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज भी कहा जाता है हिन्दू धर्म के सबसे शुभ दिनों में से एक है। समृद्धि, सौभाग्य और सफलता का प्रतीक माना जाने वाला यह पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को विशेष तौर पर अभूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, यही कारण है की इस दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त के भी मांगलिक कार्य शुरू किए जा सकते हैं। आइए जानते है, 2025 में अक्षय तृतीया तिथि, पूजन मुहूर्त इस पर्व से जुड़ें कुछ खास अनुष्ठान-

Akshaya Tritiya 2025: जानिए सोना खरीदने का सही मुहूर्त, धार्मिक महत्व और इस दिन खरीदें जाने वाली प्रमुख वस्तुओं की सूची!

Akshaya Tritiya 2025 Date and Muhurat | अक्षय तृतीया 2025 डेट और मुहूर्त

इस साल आखा तीज का यह पर्व बुधवार, 30 अप्रैल 2025 के दिन मनाया जाएगा। इस तृतीया तिथि का प्रारंभ समय 29 अप्रैल को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। वही इस तिथि का समापन 30 अप्रैल के दिन दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगा। बता दें की अक्षय तृतीया का यह पर्व शादी, गृह प्रवेश और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।


Akshaya Tritiya Gold Purchase Muhurat | अक्षय तृतीया सोना खरीदने का मुहूर्त

अक्षय तृतीया सोना खरीदने का समय-

29 अप्रैल 2025 को शाम 05:31 PM से लेकर 30 अप्रैल 2025 सुबह 05:48 तक!

अवधि: 12 घंटे 18 मिनट


अक्षय तृतीया शुभ चौघड़िया समय (Akshay Tritiya Shubh Choghadiya Muhurat)

लाभ मुहूर्त (सायंकाल) - 30 अप्रैल, शाम 07:49 बजे से रात्रि 09:15 बजे तक

शुभ, अमृता, चर मुहूर्त (रात्रि मुहूर्त) - 30 अप्रैल, रात्रि 10:40 बजे से 02:57 तक

Also Read: 5 कारण क्यों अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना है शुभ?


Akshaya Tritiya Significance : अक्षय तृतीया मनाने का धार्मिक महत्व

1. अक्षय तृतीया का धार्मिक अर्थ

अक्षय का मतलब है "जो कभी खत्म न हो"। ऐसे में इस दौरान किए जाने वाले सभी कार्यों मे अनंत लाभ मिलता है, साथ ही उसका फल भी दोगुना हो जाता है। चाहे वह जप हो, यज्ञ हो, दान हो या फिर पूजा इन सभी के लाभ व्यक्ति के जीवन में हमेशा बने रहते हैं।

2. अक्षय तृतीया कैसे बना शुभ दिन

हिंदू धर्म के अनुसार, समय को चार प्रमुख युगों में बांटा गया है। इनमें से पहला है सत्य युग, दूसरा त्रेता युग, तीसरा द्वापर युग और चौथा है कलियुग। ये युग एक चक्रीय क्रम में चलते हैं। ऐसे में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya significance in hindi) वह दिन है, जब सत्य युग का समापन हुआ और त्रेता युग का आरंभ हुआ।

3. अक्षय तृतीया से जुड़ें महत्वपूर्ण अनुष्ठान

अक्षय तृतीया का महत्व केवल धार्मिक कर्म तक सीमित नहीं है। इस दिन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए कई लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं। इसके साथ ही इस दिन अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति देने के लिए तर्पण करने का भी विशेष महत्व माना जाता है।

4. भगवान परशुराम की जयंती

अक्षय तृतीया का दिन भगवान परशुराम की जयंती से भी जुड़ा हुआ है, जिसे परशुराम जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्त और ब्राह्मण समुदाय के लोग, भगवान परशुराम की विधि-विधान से पूजा करते हैं।


Things to Buy on Akshaya Tritiya : अक्षय तृतीया पर खरीदें जाने वाली प्रमुख वस्तुएं

• मिट्टी के बर्तन (Earthenware)
श्री यंत्र (Shree Yantra)
• सेंधा नमक (Rock Salt)
• प्रॉपर्टी (Property)
• सोना और चांदी (Gold & Silver)
•स्फटिक क्रिस्टल कछुआ (Sphatik Crystal Kachua)
• बर्तन या सफेद कौड़ी (Utensils and White Kauri)
• जौं या पीली सरसों (Barley or Yellow Mustard)

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