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वसंत या बसंत पंचमी हिंदू कैलेंडर में माघ महीने का पांचवां दिन है। यह त्यौहार आमतौर पर हर साल फरवरी से मार्च माह में मनाया जाता है और अद्भुत वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है। आइये जानते है वसंत पंचमी 2024 से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य-
बसंत पंचमी (basant panchami 2024) के दिन व्यक्ति समस्त भक्ति और उल्लास के साथ ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती जी की पूजा करते है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह माघ महीने के पांचवें दिन पड़ता है और सभी मौसमों के राजा, यानी वसंत के आगमन का प्रतीक है।
बसंत पंचमी एक अनोखा हिंदू त्योहार है जो विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। सूफ़ी स्थलों में यह त्यौहार "सूफ़ी बसंत" के रूप में और पंजाब तथा आसपास के अन्य क्षेत्रों में "बसंत पतंग महोत्सव" के रूप में मनाया जाता है। इसे गुरुद्वारे में "सिख उत्सव" के रूप में जाना जाता है। वही बिहार राज्य में इसे "पतंग महोत्सव" के रूप में मनाया जाता है।
बसंत पंचमी 2024 (basant panchami 2024) की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन का समय (basant panchami 2024 date and time) व अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान इस प्रकार से है-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष वसंत पंचमी 14 फरवरी 2024, (Basant panchami 2024 Date) बुधवार को मनाई जाएगी। शिक्षा से जुड़े हर व्यक्ति के लिए यह दिन खास मायने रखता है। क्योंकि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है।
वसंत पंचमी पूजा मुहूर्त (Basant Panchami 2024 Puja Time)
सुबह 07:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
वसंत पंचमी पूजन अवधि
05 घंटे 35 मिनट
वसंत पंचमी मध्याह्न मुहुर्त
दोपहर 12:35 बजे
पंचमी तिथि प्रारम्भ समय
13 फरवरी 2024, दोपहर 02:41 बजे से
पंचमी तिथि समापन समय
14 फरवरी 2024, दोपहर 12:09 बजे तक
• बसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित त्योहार है। इस दिन सरस्वती पूजा 2024 (saraswati puja 2024) करने का कोई निश्चित समय नहीं है। हालाँकि, ऐसा माना जाता है कि सभी अनुष्ठान तब किए जाने चाहिए जब पंचमी (5वां दिन) तिथि प्रबल हो।
• बसंत पंचमी के दिन लोग पीले कपड़े पहनते हैं। पीला एक ऐसा रंग है जो जीवन की रोशनी और प्रकृति की जीवंतता का प्रतीक है।विशेष रूप से युवा लड़कियाँ चमकीले पीले परिधानों में उत्सव में भाग लेती हैं। पीला रंग प्रेम, समृद्धि और पवित्रता का भी रंग माना जाता है।
• भक्त सुबह जल्दी उठकर देवी सरस्वती की पूजा की तैयारी में लग जाते हैं। सरस्वती मूर्तियों को खूबसूरती से सजाया (Vasant Panchami 2024 Celebrations) जाता है और भक्तों द्वारा पूरी भक्ति के साथ उनकी पूजा की जाती है।
• इस दिन, देवी सरस्वती को पीले फूल चढ़ाए जाते हैं और हवन जैसे अन्य पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं। पूजा के बाद सभी विद्यार्थियों और भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
• वसंत पंचमी का दिन विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है। चूँकि सरस्वती बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं, इसलिए विद्यार्थी अत्यंत उत्साह और जोश के साथ उनकी पूजा करते हैं।
• उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, विशेषकर पंजाब और हरियाणा में, बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने की परंपरा बहुत प्रसिद्ध है। पतंग उड़ाने की विभिन्न प्रतियोगिताओं में बच्चे और वयस्क दोनों भाग लेते हैं।
ज्योतिष में वसंत पंचमी (basant panchami 2024) को "अबूझ मुहूर्त" माना जाता है जिसका अर्थ है कि दिन के दौरान कोई भी अच्छा काम किया जा सकता है।इसलिए बसंत पंचमी को देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ मनाया जाता है।
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