यह 9 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। चैत्र नवरात्रि साल में चार बार मनाई जाती है और चैत्र नवरात्रि उनमें से एक है। यह हिंदू कैलेंडर के पहले महीने चैत्र मास में मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है क्योंकि यह वसंत ऋतु में आता है। यह त्यौहार घटस्थापना नामक एक अनुष्ठान के साथ शुरू होता है और राम नवमी के साथ समाप्त होता है।
Date | Day |
22 March 2023 | प्रतिपदा |
23 March 2023 | द्वितीय |
24 March 2023 | तृतीया |
25 March 2023 | चतुर्थी |
26 March 2023 | पंचमी |
27 March 2023 | षष्ठी |
28 March 2023 | सप्तमी |
29 March 2023 | अष्टमी |
30 March 2023 | नवमी |
31 March 2023 | दशमी |
नवरात्रि के पहले दिन कलश रखा जाता है। इस दिन आप अपने मंदिर को साफ करें और लाल रंग का कपड़ा फैलाएं। अब इस कपड़े पर कुछ चावल रखे। कलश में जौ बोएं, जल से भरा कलश रखें और कलश पर कलावा बांधें। अब कलश में सुपारी, अक्षत के पत्ते और एक सिक्का डालें। नारियल को कपड़े में लपेटकर उसमें अशोक और आम के पत्ते रखें। कलावे को नारियल पर बांधें।
पूजन विधि संपन्न करने के बाद मां अम्बे की आरती गाएं और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही आप चैत्र नवरात्रि स्थापना के दिन (Chaitra Navratri 2023) घर में दुर्गा बिसा यंत्र की भी पूजा कर सकते है। नवरात्रि के 9 पवित्र दिनों में मां दुर्गा को समर्पित इस यंत्र का पूजन, अनेक शुभ फल प्रदान करता है।
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