धनतेरस के एक दिन बाद छोटी दिवाली (Choti Diwali 2025) का पर्व मनाया जाता है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दीपवाली से जुड़ी सभी तैयारियां की जाती हैं और संध्या काल के समय चौदह दीये जलाए जाते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन श्री कृष्ण के साथ यमराज की पूजा का विशेष महत्व है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की राक्षस नरकासुर पर विजय का भी प्रतीक है।
नरक चतुर्दशी का उल्लेख भागवत पुराण में मिलता है। एक कथा के अनुसार, नरकासुर नामक राक्षस ने अंधकार और कष्ट फैलाए थे। इसके बाद भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर नरकासुर को हराया। इस विजय के रूप में छोटी दिवाली मनाने की परंपरा शुरू हुई। यह दिन नकारात्मकता को दूर करने और सुख-शांति के आगमन का प्रतीक है।
हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस साल छोटी दिवाली का यह पर्व 20 अक्टूबर 2025, सोमवार (kab hai Narak Chaturdashi 2025) को मनाया जाएगा। नरक चतुर्दशी 2025 की तिथि और समय इस प्रकार है-
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:51 बजे से
चतुर्दशी तिथि समापन: 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे तक
द्रिक पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान मुहूर्त (Narak Chaturdashi Snan Muhurat) इस प्रकार है-
सोमवार, अक्टूबर 20, 2025
सुबह 05:13 AM से 06:25 AM तक
01 घण्टा 12 मिनट
प्रातः 05:13 बजे
शाम 07 बजकर 05 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक
ऐसा माना जाता है कि अभ्यंग स्नान, मन और आत्मा को शुद्ध कर नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है। इस सायं काल पूजन मुहूर्त में घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर यम दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इससे अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्ति मिलती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली पर ये 5 उपाय करने से सुख-समृद्धि और धन का आगमन होता है। आइए जानते हैं ये उपाय-
इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। यह वही तिथि है, जब उन्होंने नरकासुर का वध किया था। यही कारण है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
छोटी दिवाली को रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए कई उपाय करती हैं। हल्दी और चंदन का उबटन लगाना भी एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। जो त्वचा में निखार लाने के लिए किया जाता है।
रूप चतुर्दशी के दिन हल्दी-चंदन के उबटन के साथ तिल के तेल से स्नान करने की परंपरा है। माना जाता है कि यह स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करता है और शरीर नई ऊर्जा प्रदान करता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। ऐसे में इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। हनुमान चालीसा के पाठ से घर में सभी तरह कि नेगेटिविटी दूर होती है।
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन एक विशेष दीपक जलाना चाहिए। इसे यमराज के लिए दीपदान कहा जाता है। यह दीपक दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि इस विशेष उपाय से यमदेवता प्रसन्न होते है और अकाल मृत्युं का भय खत्म होता है।
छोटी दिवाली (choti diwali 2025) के दिन आप कुछ चमत्कारी यंत्र स्थापित कर सकते है। इनमें प्रमुख हैं श्री अष्टलक्ष्मी यंत्र और श्री कुबेर यंत्र। इन यंत्रों को स्थापित करने के बाद, दिवाली के दिन उनका पूजन करें। ये कुछ विशेष दिवाली यंत्र है, जिन्हें खासतौर पर शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया हैं। छोटी दिवाली 2025 के इस पावन अवसर पर, आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।