गौरी तृतीया, जिसे गणगौर के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। गणगौर का यह त्यौहार 18 दिनों का त्यौहार है, जो चैत्र माह के पहले दिन से शुरू होता है। भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह त्योहार अखंड सुहाग और वैवाहिक सुख समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
गणगौर(about Gangaur festival) शब्द में "गण" का अर्थ है- शिव और "गौर" का अर्थ है- पार्वती। इस दिन सभी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और इस पवित्र जोड़े की पूजा करती हैं। इस दिन को सौभाग्य तीज के नाम से भी जाना जाता है। गणगौर उत्सव होली के अगले दिन शुरू होता है और चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तक चलता है।
इन 18 दिवसीय गणगौर (Gangaur 2024) उत्सव के दौरान, स्थानीय लोग विभिन्न स्थानों पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। आइए जानते है, गणगौर 2024 व्रत की तिथि, पूजन मुहूर्त व गणगौर से जुड़ें अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान-
गणगौर उत्सव 25 मार्च 2024 (Gangaur 2024 Tithi) को शुरू होगा और 11 अप्रैल 2024 तक चलेगा। ऐसे में गणगौर पूजा का मुख्य दिन गुरुवार 11 अप्रैल 2024 (Gangaur 2024 date) को होगा। इस दिन महिलाएं रीति-रिवाज के अनुसार गणगौर की पूजा (Gangaur Pooja) करती हैं और अपने पति और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती है।
तृतीया तिथि समापन समय - 11 अप्रैल 2024, 15:03 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.21 से दोपहर 01.22 तक
अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त - सांय 06:55 से 08:21 तक
शुभ - उत्तम मुहूर्त - सांय 05:21 से 06:55 तक
गणगौर (Gangaur Vrat Rituals) पूजा अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से की जाती है। हालाँकि, इस दिन किए जाने वाले कुछ प्रमुख रीति-रिवाज इस प्रकार से है-
• सबसे पहले, एक टोकरी में ईसर-पार्वती की मूर्ति रखें।
• इसके बाद मिट्टी के बर्तन में अंकुरित गेहूं और जौ के बीज रखें।
• अब गणगौर गीत गाएं और व्रत व्रत कथा का श्रवण करें। नवविवाहित महिलाएं 18 दिन का गणगौर पूजन करे।
• गणगौर से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथ व पैरों पर मेहंदी रचाती है।
• गणगौर उत्सव की आखिरी दिन अनेकों लोक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इस दिन लोग घेवर जैसे राजस्थानी व्यंजन तैयार करते हैं और इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ बांटते हैं।
होलिका दहन की राख और मिट्टी को मिलाया जाता है और फिर गेहूं और जौ के दानों को गणगौर (Gangaur Vrat 2024) महोत्सव के अंत तक 18 दिनों तक धूप और पानी दिया जाता है। इस दिन, विवाहित और अविवाहित महिलाएं गौरी और इसर को रंग-बिरंगे पारंपरिक कपड़े पहनाती हैं और विधि विधान से इनका पूजन करते है।
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