हिन्दू धर्म व संस्कृति के एक अभिन्न हिस्सा माने जाने वाली गाय को, भारत में माता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है गौ माता में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गोपाअष्टमी एक यह पर्व गौ माता को ही समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्वापरयुग में भगवान कृष्ण और बलराम जी को गौ रक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी, जिस कारण उन्होंने गौ पालन में प्रशिक्षण भी हासिल किया था।
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक महीने की शुक्ल अष्ठमी तिथि को गोपाष्टमी का त्यौहार व उपवास रखा जाता है। आइये जानते है इस साल किस तारीख को गोपष्ठमी का यह त्यौहार मनाया जाएगा और आखिर इस त्यौहार को मनाने के पीछे का महत्व क्या है-
कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गौ माता की पूजा की जाती है। गौ माता के इस पर्व को गोपाष्टमी कहा जाता है। इस वर्ष 2022 में 1 नवंबर के दिन गोपाष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा।
कार्तिक शुक्ल अष्टमी तिथि | 01 नवंबर, 2022 |
अष्टमी तिथि प्रारम्भ | 01 नवंबर को दोपहर 01:11 बजे से |
अष्टमी तिथि समापन | 01 नवंबर को रात्रि 11:04 बजे तक |
1. सनातन धर्म में गाय को मां के समान पूजनीय माना जाता है।
2. हिन्दू धर्म में गोपाष्टमी की पूजा महत्वपूर्ण पूजाओं में से एक मानी जाती है।
3. इस दिन गौ माता का श्रध्दापूर्वक पूजन करने से अच्छा भाग्य और समृद्धि मिलती है।
4. गोपाष्टमी के दिन गाय माता की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।
5. इस दिन गाय माता का विधिवत पूजन करने से खुशहाल जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
• गोपाष्टमी के दिन प्रातः गायों को स्नान कराएं।
• अब पुष्प इत्यादि से गाय का पूजन करें और गाय के पैर छूएं।
• गायों का पूजन करने के बाद उनकी परिक्रमा अवश्य करें।
• इस दिन गायों का अच्छी तरह श्रृंगार करें और उन्हें अच्छी तरह सजाएं।
• गायों का अच्छे तरह से श्रृंगार कर उन्हें भोजन कराएं।
• शाम के समय गायों का पंचोपचार पूजन करके उन्हें कुछ खाने को दें।
• अब गौ माता के पैरों की मिट्टी को मस्तक पर लगाएं और हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
इस प्रकार आप गोपाष्टमी के दिन गाय माता का पूजन कर सकते है।
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