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Indira Ekadashi 2025: क्यों खास है इंदिरा एकादशी व्रत? जानें तिथि, पूजा विधि और दान का महत्व!

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हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) एक महत्वपूर्ण व्रत एवं पर्व है। यह एकादशी व्रत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में रखा जाता है। पंचाग के अनुसार, इंदिरा एकादशी का यह व्रत पितृ पक्ष के दौरान आता है। इसलिए इस तिथि का धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। माना जाता है कि यह एकादशी व्रत रखने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन जातक उपवास रखकर पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

Indira Ekadashi 2025: क्यों खास है इंदिरा एकादशी व्रत? जानें तिथि, पूजा विधि और दान का महत्व!

आइए जानते है इंदिरा एकादशी 2025 की तिथि (Indira Ekadashi 2025), महत्व, शुभ मुहूर्त व इस पर्व से जुड़ें महत्वपूर्ण अनुष्ठान।

Indira Ekadashi: इंदिरा एकादशी व्रत क्यों है खास?

इंदिरा एकादशी को पितृ पक्ष की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है। यह एकादशी तिथि पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत से पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।


Indira Ekadashi Date & Time : इंदिरा एकादशी तिथि एवं मुहूर्त

हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन इंदिरा एकादशी आती है।साल 2025 में यह व्रत 17 सितंबर, बुधवार (Indira Ekadashi Date) के दिन रखा रखा जाएगा। इस दिन एकादशी तिथि की शुरुआत रात 12:21 बजे होगी और यह तिथि रात 11:39 बजे तक रहेगी। व्रत का पारण अगले दिन यानी 18 सितंबर को किया जाएगा। पारण का शुभ समय सुबह 05:35 बजे से 07:55 बजे तक रहेगा।


Significance of Indira Ekadashi: श्री कृष्ण ने समझाया एकादशी व्रत का महत्व

ब्रह्मवैवर्त पुराण में इंदिरा एकादशी का उल्लेख मिलता है। इंदिरा एकादशी का महत्व ब्रह्मवैवर्त पुराण में विस्तार से बताया गया है। एक बार राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से इस एकादशी व्रत के बारे में पूछा। उन्होंने वासुदेव श्री कृष्ण से पूछा की इंदिरा एकादशी की विधि क्या है और इस व्रत को करने से क्या लाभ होता है?

तब भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तर देते हुए बताया की हे कुन्तीपुत्र! यह व्रत पापों का नाश करता है और पितरों को मोक्ष प्रदान करता है। इसे 'इंदिरा एकादशी' कहा जाता है। श्रीकृष्ण ने आगे बताया कि जो व्यक्ति इस कथा को ध्यान से सुनता है, उसे भी पुण्य की प्राप्ति होती है।

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Importance of Donation on Ekadashi : इंदिरा एकादशी पर दान धर्म का महत्व

• सनातन धर्म से संबंधित कई ग्रंथों और पुराणों में दान करने का विशेष महत्व बताया जाता है।

• हिंदू धर्म में एकादशी सिर्फ व्रत और पूजा तक सीमित नहीं है। इस दिन दान करने को भी बेहद शुभ माना गया है। शास्त्र कहते हैं कि एकादशी पर दान देने से पापों का नाश होता है। इसके साथ ही अच्छे कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

•ध्यान रखें की एकादशी के दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना पुण्यदायी माना गया है। एकादशी पर किया गया दान आंतरिक शांति और मोक्ष प्रदान करने में सहायक होता है।

• ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दान करना सिर्फ धर्म नहीं बल्कि जीवन की समस्याओं का समाधान भी है। मान्यता है कि दान से उम्र बढ़ती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

• धर्मशास्त्रों में दान को दीर्घायु और मानसिक शांति का आधार बताया गया है। यह सिर्फ पापों का नाश करता है और जीवन को संतुलन भी देता है।

• दान करते समय मन में अहंकार या दिखावे की भावना नहीं होनी चाहिए। यह भावना भी नहीं होनी चाहिए कि आप किसी पर उपकार कर रहे हैं। दान तभी फलदायी होता है जब वह नि:स्वार्थ भाव से किया जाए।


Indira Ekadashi Rituals : इंदिरा एकादशी के मुख्य अनुष्ठान

इंदिरा एकादशी (indira ekadashi rituals 2025) के मुख्य अनुष्ठान इस प्रकार है-

1. दशमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
2. इसके बाद पितरों के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्म करें।
3. एकादशी के दिन गाय और बछड़ों को भोजन कराना फलदायी माना जाता है।
4. इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें।
5. व्रत के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और विष्णु मंत्रों का जाप करें।

(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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