माघ मास को धार्मिक रूप से बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में स्नान और दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा भी कहते हैं, इस महीने के आखिरी और सबसे श्रेष्ठ दिनो में से एक माना जाता है। इस पावन दिन पर भक्त प्रयाग के त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं।
माघ पूर्णिमा को लेकर एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस दौरान में किए गये दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों का फल बहुत जल्द मिलता हैं। ऐसे में आइए जानते है इस साल माघ पूर्णिमा कब मनाई जाएगी, माघ पूर्णिमा पर किस शुभ मुहूर्त में स्नान करना फलदायी है और माघ पूर्णिमा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण पूजा और अनुष्ठान कौन से हैं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा का यह पर्व 12 फरवरी 2025 (Magh Purnima 2025 Date) को मनाया जाएगा। माघ पूर्णिमा समय की बात करें तो इसका शुरुआत समय 11 फरवरी को शाम 06:55 बजे से होगा, वही इस तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 07:22 बजे होगा।
माघ पूर्णिमा 2025 के शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह इसका प्रारंभ सुबह 10 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 11 मिनट (Magh Purnima Shubh Muhurat) तक रहेगा। वही पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय 05 बजकर 40 मिनट पर होगा।
इसके अलावा, माघ पूर्णिमा 2025 का चौघड़िया मुहूर्त (magh purnima 2025 choghadiya muhurat) शाम 06:53 से 08:13 तक रहेगा, और लाभ व उन्नति मुहूर्त शाम 04:08 से 05:28 बजे तक रहेगा।
1. माघ पूर्णिमा के दिन हर साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की संगम नदी में माघ मेला आयोजित किया जाता है।
2. माघ पूर्णिमा के इस पवित्र अवसर पर स्नान के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन, गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाने के बाद ही उन्हें वस्त्र, कंबल आदि दान किए जाते हैं।
3. माघ पूर्णिमा के पावन दिन पर प्रसिद्ध कुंभ मेले का हिस्सा बनने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां एकत्रित होते हैं। माना जाता है कि इस दिन पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान करने से जीवन में आने वाली सभी कष्ट एवं बाधाएं दूर होती है।
एक अन्य मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा (magh purnima significance) के दिन पवित्र सरयू नदी में स्नान का फल अयोध्या नगरी के दर्शन के बिना अधूरा माना जाता है। यही कारण है कि प्रयागराज में स्नान-दान करने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीधे भगवान राम की नगरी अयोध्या धाम दर्शन के लिए पहुंचते हैं।