गृह प्रवेश को भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक माना जाता है। गृह प्रवेश का यह दिन नए घर में प्रथम प्रवेश का प्रतीक है। यह दिन आपके नए घर में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद को आकर्षित कर, परिवार में शांति और समृद्धि लाता है। घर में प्रवेश करने के लिए शुभ मुहूर्त और अनुकूल समय का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में यहां हम साल 2025 में आने वाले श्रेष्ठ गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त की तिथि व समय साझा कर रहे है-
गृह प्रवेश (Griha Pravesh Muhurat 2025) पूजा का उद्देश्य घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाना और ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करना होता है, ताकि नए घर में खुशियाँ, स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़े। यह पूजा राशि, चंद्रमा चरण, शुभ नक्षत्र (Best nakshatra for Griha Pravesh 2025) और व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार सही शुभ तिथि पर पूजा करने से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। हालांकि श्राद्ध, खरमास और चातुर्मास जैसे समय को इस अनुष्ठान के लिए अशुभ माना जाता हैं। चूंकि पंचांग स्थान के आधार पर भिन्न होता है, इसलिए गृह प्रवेश मुहूर्त का चयन करने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
यदि आप साल 2025 में अपने नए घर में गृह प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो साल 2025 में शुभ गृह प्रवेश तिथि (Best Griha Pravesh Muhurat dates in 2025) यहां दी गई हैं-
तिथि (Griha Pravesh Muhurat Dates in 2025) | मुहूर्त (Griha Pravesh Muhurat in 2025) | नक्षत्र (Best Nakshatra for Griha Pravesh 2025) |
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06 फरवरी 2025 (गुरुवार) | रात्रि 10:53 से 7 फरवरी 2025 तक | रोहिणी |
06 मार्च 2025 (गुरुवार) | प्रातः 6:41 से 10:50 बजे तक | रोहिणी |
14 मार्च 2025 (शुक्रवार) | दोपहर 12:23 से 15 मार्च 2025 तक | उत्तरा फाल्गुनी |
30 अप्रैल 2025 (बुधवार) | प्रातः 5:41 से दोपहर 2:12 तक | रोहिणी |
01 मई 2025 (गुरूवार) | सुबह 11:23 से दोपहर 2:21 बजे तक | मृगशिरा |
07 मई 2025 (बुधवार) | शाम 6:17 से 8 मई 2025, सुबह 5:35 तक | उत्तरा फाल्गुनी |
28 मई 2025 (बुधवार) | सुबह 5:25 से दोपहर 12:29 तक | मृगशिरा |
4 जून 2025 (बुधवार) | रात्रि 11:54 से 5 जून 2025, प्रातः 3:35 तक | उत्तरा फाल्गुनी |
06 जून 2025 (शुक्रवार) | सुबह 6:34 से 7 जून 2025, सुबह 4:47 तक | चित्रा |
23 अक्टूबर 2025 (गुरूवार) | सुबह 04:51 से 24 अक्टूबर 2025, सुबह 06:28 तक | अनुराधा |
24 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) | सुबह 06:28 से 25 अक्टूबर 2025, सुबह 01:19 तक | अनुराधा |
3 नवंबर 2025 (सोमवार) | सुबह 6:34 से 4 नवंबर 2025, दोपहर 2:05 तक | उत्तरा भाद्रपद, रेवती |
6 नवंबर 2025 (गुरुवार) | दोपहर 3:28 से 7 नवंबर 2025, सुबह 6:37 तक | रोहिणी |
7 नवंबर 2025 (शुक्रवार) | सुबह 6:37 से 8 नवंबर 2025, सुबह 6:38 तक | रोहिणी, मृगशिरा |
14 नवंबर 2025 (शुक्रवार) | रात 9:20 से 15 नवंबर 2025, सुबह 6:44 तक | उत्तरा फाल्गुनी |
15 नवंबर 2025 (शनिवार) | सुबह 6:44 से रात 11:34 तक | उत्तरा फाल्गुनी |
24 नवंबर 2025 (सोमवार) | सुबह 9:53 से 25 नवंबर 2025, प्रातः 6:52 बजे तक | उत्तरा आषाढ़ |
29 नवंबर 2025 (शनिवार) | दोपहर 2:22 से 30 नवंबर 2025, सुबह 6:56 तक | उत्तरा भाद्रपद |
1 दिसंबर 2025 (सोमवार) | सुबह 6:56 बजे से शाम 7:01 तक | रेवती |
5 दिसंबर 2025 (शुक्रवार) | सुबह 6:59 से 6 दिसंबर 2025, सुबह 7:00 तक | रोहिणी, मृगशिरा |
6 दिसंबर 2025 (शनिवार) | सुबह 7:00 से 8:48 तक | मृगशिरा |
हिंदू अनुष्ठानों में गृह प्रवेश एक शुभ समारोह है, हालांकि, कभी-कभी नए घर में वास्तु दोष के कारण व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, वास्तु दोष निवारण यंत्र (benefits of vastu dosh nivaran yantra) एक शक्तिशाली उपाय है, जिसके पूजन से घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। यह यंत्र घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और समृद्धि तथा धन को आकर्षित करता है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
Buy Vastu Dosh Nivaran Yantraइस यंत्र को घर में स्थापित करने से पहले एक बार किसी अनुभवी ज्योतिष से परामर्श अवश्य लें। वह आपको इस यंत्र को स्थापित करने के लिए शुभ दिन और दिशा के बारे में उचित जानकारी देंगे।