मां आदिशक्ति का स्वरुप, देवी दुर्गा की महिमा अपरंपार है। हिन्दू धर्म में उन्हें मां के रूप में पूजा जाता है, जो अपने भक्तों को हर कठिनाई से उबारती हैं और समस्त नकारात्मक शक्तियों से रक्षा प्रदान करती है। नवरात्रि के पावन नौ दिनों में, मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। धर्म शास्त्रों में चार नवरात्रि का उल्लेख किया गया है, जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि प्रमुख हैं। इसके अलावा माघ और आषाढ़ माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैं। आइए जानते है माघ गुप्त नवरात्रि 2025 से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिन बहुत पवित्र और शुभ माने जाते हैं। वेद-पुराणों में दो प्रकार के नवरात्रि का उल्लेख मिलता है, इसमें दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त नवरात्रि कहलाई जाती है। आपको बता दें की प्रत्यक्ष नवरात्रि यानि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में देवी आदिशक्ति की नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
वही दूसरी ओर, गुप्त नवरात्रि (magh gupt navratri 2025) के नौ दिनों में 10 महाविद्याओं के पूजन का विधान माना जाता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान भी कलश की स्थापना भी की जाती है, जिसे घटस्थापना विधि भी कहा जाता है। ऐसे में आइए जानते है, 2025 के पहले माघ गुप्त नवरात्रि 2025 तिथि, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और गुप्त नवरात्रि से जुड़ें कुछ महत्वपूर्ण उपाय-
दैनिक पंचांग के अनुसार, 2025 मे माघ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ गुरुवार, 30 जनवरी से हो रहा है। वही इसका समापन शुक्रवार, 7 फरवरी 2025 को होगा। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के इन पावन दिनों में पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसके साथ ही, यह भी माना जाता है कि इस दौरान देवी मां की पूजा से विशेष सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।
माघ गुप्त नवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त के अनुसार, 30 जनवरी को कलश स्थापना के लिए पहला मुहूर्त सुबह 09:25 से 10:46 (magh gupt navratri 2025 shubh muhurat) बजे तक रहेगा। ऐसे में यह मुहूर्त कुल 1 घंटा 21 मिनट तक रहेगा। वही दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक होगा। भक्त इन शुभ समय में कलश स्थापना कर सकते हैं।
गुप्त नवरात्रि अन्य प्रत्यक्ष नवरात्रि से भिन्न होती है, साथ ही इस दौरान किए जाने वाले अनुष्ठान भी अलग होते है। कहा जाता है की इस नवरात्रि में गुप्त विद्या और तंत्र साधना की जाती है। ऐसे में हम यहां कुछ विशेष गुप्त उपायों के बारे में बता रहे है, जो बहुत कल्याणकारक माने जाते है। तो आइए, जानते है-
गुप्त नवरात्रि (gupt navratri ke upay in hindi) के प्रथम दिन 9 गोमती चक्रों को लेकर मां दुर्गा के सामने रखें। इसके बाद 9वे दिन पूजा समाप्ति के बाद, इन गोमती चक्रों को लाल कपड़े में बांधकर धन के स्थान या तिजोरी में रखें। मान्यता है कि इस उपाय से आर्थिक संकट दूर होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
गुप्त नवरात्रि के आठवें दिन मां बगलामुखी की पूजा अर्चना की जाती है। बगलामुखी यंत्र को हर प्रकार की उन्नति और मनोकामना पूर्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। यह यंत्र दैवीय शक्तियों से सम्पन्न होता है, और इसे धारण करने से व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
ऐसा माना जाता है की देवी को लाल रंग विशेष रूप से प्रिय है। यदि आपके परिवार में कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है, तो इस गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें। साथ ही, 'ऊँ क्रीं कालिकायै नमः' मंत्र का जाप करें। इस पूजा से बीमारियों से छुटकारा मिलने की मान्यता है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान किए जाना वाला यह एक प्रभावशाली उपाय है। गुप्त नवरात्रि में निशिता काल के दौरान देवी दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं। इसके बाद नौ पताशे और दो लौंग रखें। हालांकि इस बात का विशेष ध्यान रखें की इस उपाय को गुप्त ही रखें। मान्यता है कि इस उपाय से वित्तीय संकट और शत्रु बाधाएं दूर होती है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान, सुख, समृद्धि और सम्मान में वृद्धि के लिए प्रतिदिन दुर्गा सप्तशक्ति का पाठ अत्यधिक फलदायक माना जाता है। इस दौरान, दुर्गा सप्तशती के 12वें अध्याय का 11 बार पाठ करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और नौकरी एवं व्यापार में तरक्की मिलती है। गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन नौ कन्याओं को भोजन कराने से सभी नौ दिनों के व्रत का फल प्राप्त होता है।
गुप्त नवरात्रि 2025 (magh gupt navratri 2025) में मां दुर्गा की पूजा से न केवल शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में समृद्धि और सफलता का भी आगमन होता है। कहा जाता है की माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान आप यहां दिए गए कुछ विशेष उपाय के माध्यम से दस महाविद्या का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी तरह की कष्ट व बाधाएं दूर होती है।