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त्यौहार

Rang Panchami 2025: कब मनाई जाएगी रंग पंचमी 2025? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त!

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हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की कृष्ण पंचमी को रंग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। भारत के कुछ स्थानों पर, रंग पंचमी के दिन होली का उत्सव मनाया जाता है। हालांकि, मथुरा और वृन्दावन के कुछ मंदिरों में रंग पंचमी का दिन होलिका उत्सव के समापन का प्रतीक है। रंग पंचमी को मुख्य रूप से देव पंचमी व कृष्ण पंचमी के रूप में भी जाना जाता है।

Rang Panchami 2025: कब मनाई जाएगी रंग पंचमी 2025? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त!

आज के ब्लॉग में आइए जानते कि इस साल भारत में देवताओं को समर्पित रंग पंचमी कब मनाई जाएगी, साथ ही इसे मनाने का धार्मिक महत्व क्या है।

शास्त्रों के अनुसार रंग पंचमी का पर्व राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण के साथ रंग-गुलाल की होली खेलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन, देशभर के विभिन्न मंदिरों में रंगोत्सव और विशेष झांकियों का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

रंग पंचमी 2025 (Rang Panchami 2025) तिथि, समय और शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-


When is Rang Panchami 2025? कब है रंग पंचमी 2025?

पंचांग के अनुसार, होली के पांच दिन बाद पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की तिथि पर रंग पंचमी का त्यौहार बुधवार, 19 मार्च (rang panchami 2025 date) को मनाया जाएगा।

रंग पंचमी 2025 तिथि का समय (rang panchami 2025 time) इस प्रकार है-

रंग पंचमी प्रारंभ समय - मार्च 18, 2025 12:39 PM से
रंग पंचमी समापन समय - मार्च 19, 2025 03:06 PM तक


Rang Panchami 2025 Shubh Muhurat | रंग पंचमी शुभ मुहूर्त

रंग पंचमी 2025 के दिन शुभ व चौघड़िया मुहूर्त (rang panchami muhurat) देखने का विशेष महत्व है। इस दिन का मुहूर्त निम्नलिखित है:

लाभ उन्नति मुहूर्त

प्रातः 07:01 से 08:31 तक

अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त

प्रातः 08:31 से 10:02 तक

शुभ उत्तम मुहूर्त

प्रातः11:33 से दोपहर 01:04 तक


Rang Panchami ka Mehtav: हिन्दू धर्म में रंग पंचमी 2025 का महत्व?

1.अबीर-गुलाल की परंपरा

पुराणों के अनुसार, रंग पंचमी (rang panchami 2025 significance) वही दिन है जब भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। इस दिन देवी-देवता आकाश से फूलों की बारिश करते हैं, जिस कारण रंग पंचमी के अवसर पर अबीर-गुलाल उड़ाने का विशेष अनुष्ठान संपन्न किया जाता है।


2. दैवीय और सकारात्मक ऊर्जा

यह माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन मंदिर में होने वाले विशेष उत्सव और रंगों में देवताओं का आशीर्वाद होता है, जिसके प्रभाव से जीवन में आने वाली सभी कष्ट एवं बाधाएं दूर होती हैं। जिससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।


3. माता लक्ष्मी का पूजन पूजा

रंग पंचमी का पर्व खास तौर पर राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में विधि-विधान से मनाया जाता है। इस दिन राधारानी और भगवान कृष्ण को गुलाल चढ़ाई जाती है, जबकि कुछ स्थानों पर देवी महालक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना का अनुष्ठान भी संपन्न किया जाता है।

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