वट सावित्री व्रत एक खास त्यौहार है, जो विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। अगर आप भी पहली बार वट सावित्री व्रत कर रही हैं, तो एक बार यहां दी गई पूजन विधि ज़रूर पढ़े-
वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat Puja Vidhi) सुहागिन और विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। इस व्रत का महत्व शास्त्रों में भी बताया गया है। माना जाता है कि महिलाएं इसे अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए रखती हैं। देश के कई हिस्सों में इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। बरगद का पेड़ शक्ति, स्थिरता और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है।
व्रत कथा सुनना इस दिन का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। लेकिन इस व्रत का सही फल तभी मिलता है जब पूजा विधि-विधान से की जाए। तो आइए जानते है वट सावित्री व्रत की सम्पूर्ण पूजन (How to perform Vat Savitri Puja) विधि-
इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। अब लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें।
स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अच्छे से श्रृंगार करें। अब पूजा सामग्री एक जगह इकट्ठा कर थाली तैयार करें।
बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा स्थापित करें।
पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं, साथ ही फूल, अक्षत, अनाज, गुड़ और मिठाई अर्पित करें।
अब सूत लेकर बरगद के पेड़ के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें। हाथ जोड़कर वट वृक्ष को प्रणाम करें।
अब हाथ में अन्न लेकर वट सावित्री व्रत कथा (vat savitri vrat katha) का श्रवण करें।
वट पूजा पूरी होने अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना करें। पूजन विधि संपन्न होने के बाद ब्राह्मणों को फल और वस्त्र दान करें।