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पूजन विधि

Vat Savitri Vrat Puja Vidhi: वट सावित्री व्रत पर वट वृक्ष की पूजा कैसे करें? यहां जानें आसान विधि

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वट सावित्री व्रत एक खास त्यौहार है, जो विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। अगर आप भी पहली बार वट सावित्री व्रत कर रही हैं, तो एक बार यहां दी गई पूजन विधि ज़रूर पढ़े-

Vat Savitri Vrat Puja Vidhi: वट सावित्री व्रत पर वट वृक्ष की पूजा कैसे करें? यहां जानें आसान विधि

वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat Puja Vidhi) सुहागिन और विवाहित महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। इस व्रत का महत्व शास्त्रों में भी बताया गया है। माना जाता है कि महिलाएं इसे अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए रखती हैं। देश के कई हिस्सों में इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। बरगद का पेड़ शक्ति, स्थिरता और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है।

व्रत कथा सुनना इस दिन का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। लेकिन इस व्रत का सही फल तभी मिलता है जब पूजा विधि-विधान से की जाए। तो आइए जानते है वट सावित्री व्रत की सम्पूर्ण पूजन (How to perform Vat Savitri Puja) विधि-


Vat Savitri Vrat Pujan Saamgri List | वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री सूची

  • सुहाग का सामान (चूड़ी, बिंदी, कुमकुम, मेहंदी आदि)
  • दो-बांरा पंखा (डंडियों से बना हुआ पारंपरिक पंखा)
  • अन्न का दान देने हेतु कुछ अनाज
  • वट सावित्री व्रत कथा की पुस्तक
  • सुपारी (गणेश जी का प्रतीक)
  • पांच-कच्चे सूत की माला
  • कच्चा सूत (12 धागे या कलावा)
  • बरगद के 12 पत्ते
  • पवित्र रक्षासूत्र या धागा
  • दक्षिणा
  • हवन सामग्री
  • हल्दी पाउडर
  • रोली और अक्षत
  • लाल कपड़ा
  • लाल सिंदूर
  • धूप और दीप
  • एक कलश
  • कपूर

Vat Savitri Puja Vidhi | वट सावित्री व्रत पूजन विधि

सुबह की तैयारी

इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। अब लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें।

पूजा सामग्री तैयार करें

स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अच्छे से श्रृंगार करें। अब पूजा सामग्री एक जगह इकट्ठा कर थाली तैयार करें।

प्रतिमा स्थापना

बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा स्थापित करें।

जल और पुष्प अर्पित करें

पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं, साथ ही फूल, अक्षत, अनाज, गुड़ और मिठाई अर्पित करें।

परिक्रमा और प्रणाम

अब सूत लेकर बरगद के पेड़ के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें। हाथ जोड़कर वट वृक्ष को प्रणाम करें।

वट सावित्री वट कथा पढ़े

अब हाथ में अन्न लेकर वट सावित्री व्रत कथा (vat savitri vrat katha) का श्रवण करें।

दान और समापन

वट पूजा पूरी होने अपने पति की लंबी आयु की प्रार्थना करें। पूजन विधि संपन्न होने के बाद ब्राह्मणों को फल और वस्त्र दान करें।

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