ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है। उसी प्रकार जब सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति को अन्य 12 संक्रांतियों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। आइये जानते है, मकर सक्रांति 2024 से जुड़ें महत्वपूर्ण तथ्य-
मकर संक्रांति के शुभ दिन पर, भक्त पवित्र नदियों में स्नान करते है। इस दिन दान-धर्म का भी बहुत महत्व बताया जाता है। इस दिन पितरों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए बहते जल में तिलांजलि अर्पित की जाती है। यह पर्व भी नई फसल और नई ऋतु का भी प्रतीक है। यही कारण है कि कई राज्यों में मकर संक्रांति को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पंजाब और अन्य क्षेत्रों में मकर संक्रांति को लोहड़ी भी कहते है।
इस साल 2024 में, अधिकांश लोग मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) की तारीख को लेकर असमंजस में हैं। ऐसे में आज के इस ब्लॉग में हम आपको मकर संक्रांति 2024 तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान के बारे में बताने जा रहे है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 15 जनवरी सोमवार को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति उस दिन मनाई जाती है जिस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024, ( Makar Sankranti 2024 Date) सोमवार को मनाई जाएगी।
इस साल 2024 में, 15 जनवरी 2023, सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्यदेव इस दिन प्रातः 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस तिथि का शुभ मुहूर्त इस प्रकार से है-
मकर संक्रान्ति पुण्य काल - 07:15 AM से 18:21 PM
अवधि - 11 घण्टे 06 मिनट
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - 07:15 AM से 09:06 AM
अवधि - 01 घण्टा 51 मिनट
• मकर संक्रांति के दिन महिलाएं गुरु तिल और अन्य मिठाइयां बनाती हैं और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को खिलाती है। इस दिन सभी ओर हर्षोल्लास का माहौल रहता है।
• मकर संक्रांति के दौरान, हजारों तीर्थयात्री पारंपरिक रूप से इलाहाबाद में तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर पवित्र प्रार्थना स्नान करते हैं, जिसे त्रिवेणी संगम के रूप में जाना जाता है।
• मकर संक्रांति के दौरान, हजारों तीर्थयात्री पारंपरिक रूप से इलाहाबाद में तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर पवित्र प्रार्थना स्नान करते हैं, जिसे त्रिवेणी संगम के रूप में जाना जाता है।
• प्राचीन मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति पर लोगों को सूर्य की किरणों से रूबरू कराने के लिए पतंग उड़ाने की परंपरा निभाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन धूप से सर्दियों में होने वाले त्वचा संक्रमण और बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024)का यह उत्सव आमतौर पर दो से चार दिनों तक चलता है। इस त्योहार के दौरान लोग सूर्य देव को श्रद्धांजलि देते हैं। वे पुण्य प्राप्त करने या पिछले दुष्कर्मों के लिए क्षमा मांगने के लिए गंगा, यमुना और गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में भी स्नान करते हैं। इसके साथ ही सूर्य पूजा और शनिदेव की पूजा के अलावा गायत्री मंत्र और सूर्य मंत्र का जाप भी किया जाता है।
डाउनलोड ऐप