हिंदू धर्म में मां अन्नपूर्णा को भोजन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है की जिस भी घर में माता अन्नपूर्णा की कृपा होती है, वहां अन्न भंडार सदा भरे रहते है। साथ ही उनकी कृपा से व्यक्ति के घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती है। हमारे घर में रसोईघर को मां अन्नपूर्णा का स्थल माना जाता है। ऐसे में अन्नपूर्ण जयंती के अवसर पर इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि वह कौन-से विशेष उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर आप मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
आइए जानते है- इस साल कब मनाया जाएगा अन्नपूर्ण जयंती (annapurna jayanti 2024) का पर्व, अन्नपूर्णा जयंती शुभ मुहूर्त और इस दिन किए जाने वाले विशेष उपाय-
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष महीने में आने वाली पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती का पर्व मनाया जाता है। मां आदिशक्ति का ही एक स्वरुप देवी अन्नपूर्णा को 'मां शाकुम्भरी' के नाम से भी जाना जाता है। इस साल, रविवार 15 दिसंबर 2024 (annapurna jayanti date 2024) के दिन अन्नपूर्णा जयंती का त्यौहार मनाया जाएगा।
इसके साथ ही, साल 2024 में मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 14 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है। साथ ही, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती रविवार, 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।
अन्नपूर्णा जयंती 2024 तिथि का समय, शुभ व चौघड़िया मुहूर्त (annapurna jayanti 2024 choghdiya muhurat) इस प्रकार से है-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ समय (annapurna jayanti 2024 start time)
14 दिसंबर, दोपहर 03:28 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन समय (annapurna jayanti 2024 end time)
15 दिसंबर, दोपहर 01:01 मिनट तक
अन्नपूर्णा जयंती चौघड़िया मुहूर्त (annapurna jayanti choghadiya muhurat)
प्रातः 10:59 से दोपहर 12:16 (अमृत मुहूर्त)
अन्नपूर्णा जयंती शुभ मुहूर्त ( annapurna jayanti shubh muhurat)
दोपहर 01:34 से 02:51 तक
अन्नपूर्णा जयंती हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो देवी अन्नपूर्णा के सम्मान में मनाया जाता है। देवी अन्नपूर्णा को अन्न की देवी के रूप में पूजा जाता है, जिनका नाम 'अन्न' (भोजन) और 'पूर्ण' (पूर्णता) शब्दों से लिया गया है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब पृथ्वी पर भोजन की कमी होने लगी, तब भगवान ब्रह्मा और विष्णु सहित सभी देवताओं ने भगवान शिव से मदद की प्रार्थना की थी। इसके बाद, देवी पार्वती मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को देवी अन्नपूर्णा के रूप में प्रकट हुईं (devi annapurna birth story) और धरती पर भोजन का संकट दूर किया। तभी से यह दिन अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है, और यह विश्वास किया जाता है कि देवी अन्नपूर्णा अपने भक्तों को पर्याप्त भोजन और जीविका प्रदान करती हैं।
अन्नपूर्णा जयंती के दिन, जीवन में यश-कीर्ति के लिए मां अन्नपूर्णा के सामने गेहूं या अन्य किसी अन्न की ढेरी पर घी का एक दीपक जलाएं। फिर धन-धान्य बनाएं रखने के लिए प्रार्थना करें।
इस पवित्र दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। इससे न केवल मां अन्नपूर्णा (annapurna jayanti ke upay) का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आर्थिक समृद्धि का संचार होता है।
रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का निवास स्थान माना जाता है। ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोई को पूरी तरह से साफ करें, फिर वहां एक दीपक जलाकर देवी अन्नपूर्णा की पूजा करें। ऐसा करने से अन्न की देवी आपके प्रसन्न होगी और घर में धन-धान्य का आगमन होता है।
यदि आप जीवन में प्रचुर धन और समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो देवी अन्नपूर्णा की पूजा के बाद उनका विशेष मंत्र "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवति माहेश्वरि अन्नपूर्णे स्वाहा" का जाप करें। माना जाता है की इस मंत्र का 108 बार जाप करने से आपके जीवन में धन की कमी दूर होगी।
यदि आप जीवन में आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो अन्नपूर्णा जयंती के दिन आप देवी मां के सामने 5 सफेद कौड़ियां रखकर उनकी विधि विधान से पूजा करें। पूजन संपन्न करने के बाद इन सभी कौड़ियों को उठाकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से आपको जल्द ही धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
अन्नपूर्णा जयंती (annapurna jayanti 2024) का दिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा को समर्पित है, साथ ही यह हमारे जीवन में अन्न, धन और समृद्धि का आशीर्वाद भी लाता है। इस दिन किए गए उपाय (annapurna jayanti ke upay)और पूजा से जीवन में आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति और यश की प्राप्ति होती है। इस अन्नपूर्णा जयंती पर हम प्रार्थना करते हैं कि देवी अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से हमारा घर और परिवार हमेशा अन्न से परिपूर्ण रहे।
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