भाई बहनों का दुलारा होता है, उनकी आंखों का तारा होता है। हिन्दू धर्म भाई-बहन के इसी अटूट रिश्ते को समर्पित बहुत से त्यौहार मनाएं जाते है। भाईदूज का त्यौहार भी उन्ही में से एक है। इस दिन बहने अपनी भाई के तिलक लगाती है और भाई उन्हें साथ रहने और उम्र भर उनकी रक्षा करने का वचन देते है। ऐसे में आज हम आपको इसी त्यौहार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। साल 2022 में 26 अक्टूबर के दिन लगभग दोपहर 2 बजे से इस तिथि का प्रारंभ होगा, जिसका समापन 27 अक्टूबर दोपहर 12:45 तक होगा। 26 और 27 दोनों ही दिन भाईदूज की तिथि होने के कारण असमंजस्य की स्थिति बनी हुई थी, जिस पर अंकुश लगाते हुए अनुभवी ज्योतिषी ने 27 अक्टूबर 2022 को भाईदूज मनाने की सलाह दी है। भाईदूज पर सदियों से तिलक लगाने की परंपरा चली आ रही है। यहां हम तिलक लगाने से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण नियम बताने जा रहे है:-
1. भाई को तिलक लगाने के लिए रोली या चंदन का ही प्रयोग करना चाहिए।
2. भाई को तिलक लगाते समय बहन का मुख हमेशा पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
3. भाई -दूज का तिलक लगाने से पहले बहन को किसी प्रकार का अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।
4. भाई-दूज का तिलक करने के बाद बहन के द्वारा भाई को नारियल देने की भी परंपरा बताई जाती है।
5. इस पावन दिन पर भाई का तिलक करने के बाद भाई को मिठाई खिलाकर उनकी आरती भी की जाती है।
• भाई दूज के दिन सबसे पहले भाई दूज की व्रत कथा पढ़े।
• अब भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाएं और रोली व अक्षत से उसका तिलक करें।
• भाई-दूज का तिलक लगाने के बाद भाई के हाथ में कलावा बांधें और उसे मिठाई खिलाएं।
• भाई को तिलक आदि करने के बाद भगवान से अपने भाई के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना करें।