समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
blog inner pages top

ब्लॉग

Char Dham Temples of Uttarakhand: गंगोत्री से बद्रीनाथ धाम तक, जानें उत्तराखंड के चार धाम मंदिरों की पूरी जानकारी!

Download PDF

चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजनीय तीर्थयात्राओं में से एक माना गया है। देवभूमि उत्तराखंड में बसे यह पवित्र चारधाम मोक्ष प्रदान करने वाले माने गए हैं। इन चार धामों में मुख्य रूप से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल है। सभी मंदिर 2,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसा कहा जाता है कि जीवन में एक बार चार धाम की तीर्थयात्रा पूरी करने से पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है।

Char Dham Temples of Uttarakhand: गंगोत्री से बद्रीनाथ धाम तक, जानें उत्तराखंड के चार धाम मंदिरों की पूरी जानकारी!

तो आइए जानते है, इस यात्रा को इतना महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है और चार धाम से जुड़ें कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

About Char Dham Yatra: क्या है चार धाम यात्रा?

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा हिंदुओं के लिए एक प्रमुख आध्यात्मिक यात्रा मानी जाती है। यह यात्रा गढ़वाल हिमालय में स्थित चार पवित्र मंदिरों तक जाती है। इस यात्रा में, यमुनोत्री और गंगोत्री देवी यमुना और गंगा को समर्पित हैं। वहीं, केदारनाथ और बद्रीनाथ भगवान शिव और बद्रीनारायण को समर्पित हैं। चार धाम यात्रा को पूर्ण करने में करीब 10-11 दिन लगते हैं। यह यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर बद्रीनाथ में संपन्न होती है।

चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ हो चुका है। यात्रियों के सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सड़कों की स्थिति सुधारने से लेकर, मंदिरों के जीर्णोद्धार तक हर पहलू पर ध्यान दिया गया है। पर्यटकों के लिए सुविधाओं का भी खास ध्यान रखा गया है, ताकि इस पवित्र यात्रा में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।


Char Dham Temples of Uttarakhand : उत्तराखंड के चारधाम मंदिरों का परिचय

1. गंगोत्री मंदिर, उत्तरकाशी (Gangotri Temple, Uttarkashi)

गंगोत्री, उत्तरकाशी जिले में लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह तीर्थ स्थल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। हर साल लाखों की संख्या में भक्त अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। गंगोत्री से गंगा नदी का प्रवाह होता है। गौमुख में गंगोत्री ग्लेशियर इस पवित्र नदी का स्रोत है, जिसे भागीरथी कहा जाता है। यह पवित्र भागीरथी नदी देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा में मिल जाती है। श्रद्धालु यहां पहुंचकर गंगा के जल में डुबकी लगाते हैं और पापों से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करते है।

गंगोत्री मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह 18वीं शताब्दी में स्थापित हुआ था। यह सफेद ग्रेनाइट से बना 20 फीट ऊंचा एक भव्य मंदिर है। गंगोत्री की यात्रा के लिए मई से अक्टूबर तक का समय उपयुक्त होता है। यहां आकर श्रद्धालु मां गंगा के दिव्य आशीर्वाद का अनुभव कर सकते हैं।


2. यमुनोत्री मंदिर, उत्तरकाशी (Yamunotri Temple, Uttarkashi)

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में लगभग 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। मां यमुना को समर्पित यमुनोत्री धाम, चारधाम के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहां से यमुना नदी की शुरुआत होती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए, श्रद्धालुओं को ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से एक दिन की यात्रा करनी होती है। इन रूट्स में से सबसे लोकप्रिय रूट हनुमान चट्टी से यमुनोत्री तक है। यह ट्रेक लगभग 13 किमी लंबा है।

यमुनोत्री धाम, चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है। बता दें की यह मई से अक्टूबर तक तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है। यह यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, फिर केदारनाथ और बद्रीनाथ तक जाती है। यमुनोत्री मंदिर, यमुनोत्री ग्लेशियर के पास स्थित मां यमुना को समर्पित है। यमुनाजी को गंगा के बाद भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी माना जाता है। कहा जाता है कि यमुनाजी में डुबकी लगाने से आकस्मिक मृत्यु से रक्षा मिलती है।


3. बद्रीनाथ मंदिर,चमोली (Badrinath Temple, Chamoli)

बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित हैं। बद्रीनारायण मंदिर राज्य के चार धामों में से एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। हर साल लाखों तीर्थयात्री इस मंदिर दर्शन के लिए आते है। बद्रीनाथ मंदिर गढ़वाल हिमालय में अलकनंदा नदी के किनारे 3415 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदि रनर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा हुआ है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां बद्री पेड़ के नीचे हजारों वर्षों तक ध्यान किया था। यही कारण है कि इस स्थान का नाम 'बद्रीनाथ' पड़ा।

मंदिर के गर्भगृह में स्थित भगवान विष्णु की मूर्ति शालिग्राम से बनी है। भगवान विष्णु कि यह दिव्य और अलौकिक मूर्ति ध्यान मुद्रा में हैं। मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने किया था। जो भी इच्छुक श्रद्धालु है वह हरिद्वार, ऋषिकेश और कोटद्वार से आसानी से बद्रीनाथ धाम तक पहुंच सकते हैं।

बद्रीनाथ के पास कई आकर्षक स्थल हैं, जैसे माना गांव, वसुधारा झरना, हेमकुंड साहिब, जोशीमठ और औली। इसके साथ ही आप लोकप्रिय तीर्थ स्थल नारद कुंड और तप्त कुंड भी दर्शन के लिए जा सकते हैं।


4. केदारनाथ मंदिर, रुद्रप्रयाग (Kedarnath Temple, Rudraprayag)

बाबा केदारनाथ के धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित हैं। बाबा का यह धाम ऋषिकेश से लगभग 221 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गढ़वाल हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों पर बसा हुआ है और भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

केदारनाथ मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इसे 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने बनवाया था। इस मंदिर के पास बहती मंदाकिनी नदी, बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ श्रद्धालुओं को एक शांत और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।

मंदिर में स्थापित अलौकिक शिवलिंग त्रिभुजाकार में है, जो इसे अन्य शिव मंदिरों से अलग बनाता है। वही गर्भगृह में भोलेबाबा और माता पार्वती के साथ भगवान कृष्ण, पांच पांडव और उनकी पत्नियाँ द्रौपदी, नंदी और वीरभद्र की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। ध्यान रखें कि केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना के दौरान भैरो नाथ मंदिर में जाना भी जरूरी है। भैरो नाथ को केदारनाथ जी का रक्षक माना जाता है। इसलिए, पूजा के आरंभ और समापन पर श्रद्धालुओं को भैरो नाथ मंदिर में भी दर्शन करना अनिवार्य है।


How to Reach Chardham? कैसे करें चार धाम यात्रा?

चार धाम यात्रा के लिए आप हवाई, सड़क या रेलवे मार्ग का चयन कर सकते हैं-

हवाई मार्ग (By Air)

देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, चार धाम के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। यहां पहुंचने के बाद, आप आगे की यात्रा बस, कार या प्राइवेट टैक्सी से कर सकते है। हाल ही में, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी शुरू की गई हैं।

रेल मार्ग (By Train)

यमुनोत्री
निकटतम रेलवे स्टेशन - देहरादून (180 km)

गंगोत्री
निकटतम रेलवे स्टेशन - ऋषिकेश (260 km)

केदारनाथ
निकटतम रेलवे स्टेशन - ऋषिकेश

बद्रीनाथ
निकटतम रेलवे स्टेशन - ऋषिकेश (289 km)

सड़क मार्ग (By Road)

चार धाम यात्रा के लिए बस से जाने के लिए, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून से नियमित राज्य परिवहन बसें उपलब्ध हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ तक बसें जाती हैं। इन बसों से आप गौरीकुंड या बद्रीनाथ तक पहुंच सकते हैं। जहां से पैदल यात्रा करनी होती है।


चार धाम यात्रा (Char Dham yatra 2025) उत्तराखंड की प्रमुख धार्मिक यात्रा है। इस यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। यह यात्रा मोक्ष के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। चारों मंदिर 2,700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं। तीर्थयात्रा में लगभग 10-11 दिन लगते हैं और यह हरिद्वार से शुरू होकर बद्रीनाथ में समाप्त होती है। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार चार धाम यात्रा का अनुभव अवश्य करना चाहिए।

डाउनलोड ऐप