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Chhath Puja 2022: पहली बार छठ पूजा का व्रत रख रही महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान

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सुविचार, प्रेम, भक्ति व सदाचार से परिपूर्ण छठ का यह त्यौहार भारत के लोकप्रिय त्यौहारों में से एक माना जाता है। छठ पूजा को लेकर वैसे तो बहुत सी मान्यताएं बताई जाती है। लेकिन उन सभी मान्यताओं में से सूर्य देव को अर्ग्य देने की परंपरा को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। छठ-पूजा के समय ऐसी बहुत सी बातें है, जिनका हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Chhath Puja 2022: पहली बार छठ पूजा का व्रत रख रही महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान

भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में धूमधाम से मनाएं जाने वाले दीपावली के कुछ दिन बाद ही छठ का पर्व मनाया जाता है। चार दिनों तक मनाएं जाने वाले इस महापर्व का प्रारंभ नहाय-खाय से होता है। छठ के व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत ज्यादातर महिलाओं द्वारा परिवार की सुख-शांति और मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे है, जो पहली बार छठ का व्रत कर रही महिलाओं को विशेष तौर पर ध्यान रखनी चाहिए। तो आइये जानते है-


तांबे के लौटे से ही दें अर्घ्य

छठ के व्रत में सूर्य देव की पूजा का सर्वाधिक महत्व माना जाता है। चार दिवसीय छठ महापर्व में उगते हुए सूर्योदय के साथ ही सूर्यास्त के समय अर्ग्य देने की परंपरा होती है। ऐसे में छठ का व्रत रख रही महिलाओं को का इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की वे तांबे के लौटे से ही सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के लिए स्टील व अन्य धातु से निर्मित कलश का प्रयोग करने से बचना चाहिए।


साफ-सफाई का रखें ध्यान

छठ महापर्व के समय साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। छठ का व्रत रख रही महिलाओं को घर में स्वछता के साथ ही शुद्धता का भी खास ख्याल रखना चाहिए। चार दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कपड़ो से लेकर घर सब स्वच्छ होने चाहिए अन्यथा व्रत का शुभ फल नहीं मिलता है।


व्रत के दौरान फर्श पर ही सोएं

छठ के व्रत को हिन्दू धर्म के कुछेक कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। ऐसे में इस व्रत के दौरान कुछ बातों का परहेज रखना चाहिए। व्रत के दौरान चारपाई और पलंग पर सोना वर्जित माना जाता है। बताया जाता है की छठ का व्रत कर रही महिलाओं को व्रत खोलने तक जमीन पर कपड़ा बिछाकर ही सोना चाहिए।


तामसिक भोजन से करें परहेज

छठ पूजा के दौरान व्रत कर रही महिलाओं के घर में सात्विक भोजन ही बनना चाहिए। चार दिन के महापर्व के दौरान भोजन बनाते समय प्याज, लहसुन इत्यादि का प्रयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इन चार दिनों में मांसाहारी भोजन से भी परहेज करना चाहिए। माना जाता है की व्रत के दौरन मांस आदि के सेवन छठी मईया रुष्ट हो जाती है।


बांस से बने सूप का करें प्रयोग 

छठ पूजा के समय इस्तेमाल किए जाने वाली पूजन सामग्री का खास धयान रखना चाहिए। वैसे तो छठ पूजन के समय बहुत सी सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, लेकिन इन सब सामग्रियों में से सूप का महत्व अधिक माना जाता है। पूजा के समय आप पीतल व बांस से बने सूप का इस्तेमाल कर सकते है, लेकिन बांस से बने सूप या टोकरी का प्रयोग करना ज्यादा शुभ माना जाता है।

छठ पूजा के समय इन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है की विधि-विधान से छठ का व्रत रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है साथ छठी मैय्या का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश समेत पूर्वांचल के अधिकांश हिस्सों में बहुत धूमधाम से छठ का यह पर्व मनाया जाता है।

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