गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और इस मौके की शुरुआत गणपति बप्पा की स्थापना से होती है। 2024 में गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। गणेश स्थापना (Ganesh Sthapana 2024) का यह समय परिवार और पूरे समाज के लिए सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है। आइए, जानते हैं गणेश स्थापना 2024 के बारे में विस्तार से।
गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 2024 में, गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर को सुबह 11:09 बजे से 1:40 बजे के बीच रहेगा। यह समय भगवान गणेश की स्थापना (Ganesh Sthapana 2024) के लिए सबसे उत्तम माना गया है। इसके अलावा, यदि यह समय आपके लिए संभव न हो, तो आप प्रातःकाल या प्रदोष काल (शाम के समय) में भी स्थापना कर सकते हैं।
• गणेश स्थापना (ganapati sthapana pooja)के लिए निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:
• गणेश जी की मूर्ति: यह मिट्टी की हो तो उत्तम माना जाता है।
• कलश और जल: कलश को जल से भरकर उसके ऊपर नारियल रखें।
• मौली (कलावा): इसे कलश और गणेश जी की प्रतिमा पर बांधें।
• सिंदूर और हल्दी: गणपति की पूजा में विशेष महत्व है।
• चंदन और गुलाल: गणेश जी को तिलक लगाने के लिए।
• अक्षत (चावल): पूजा में प्रयोग किए जाते हैं।
• पुष्प और माला: गणेश जी को अर्पित करने के लिए।
• धूप और दीपक: आरती के लिए।
• मिष्ठान्न: विशेष रूप से मोदक या लड्डू।
• दूर्वा (घास): गणेश जी को अर्पित करने के लिए।
• गणेश स्थापना की प्रक्रिया बहुत ही सरल होती है, लेकिन इसे सही तरीके से करना आवश्यक है:
• स्नान और शुद्धिकरण: सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।
• पूजा स्थल तैयार करना: जिस स्थान पर गणेश जी की स्थापना करनी है, वहां सफाई करके एक स्वस्तिक बनाएं और उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं।
• कलश स्थापना: अब कलश को जल से भरकर उसमें मौली बांधें और उसके ऊपर नारियल रखें। कलश को पूजा स्थल के दाहिने तरफ रखें।
• गणेश जी की स्थापना: गणेश जी की मूर्ति को स्वस्तिक के ऊपर स्थापित करें। मूर्ति को ध्यान से रखें और मूर्ति को हल्के से सिंदूर का तिलक करें।
• पूजन सामग्री अर्पण: गणेश जी को चंदन, हल्दी, सिंदूर, गुलाल, और अक्षत अर्पित करें। इसके बाद फूल और माला अर्पित करें।
• धूप और दीपक जलाना: गणेश जी के सामने धूप और दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें।
• प्रसाद अर्पण: गणेश जी को मिष्ठान्न (मोदक, लड्डू) अर्पित करें और दूर्वा (घास) चढ़ाएं।
• आरती और प्रार्थना: अंत में गणेश जी की आरती करें और उनके आशीर्वाद की कामना करें। प्रार्थना करें कि गणपति बप्पा आपके जीवन से सभी विघ्नों को दूर करें और आपको सुख-समृद्धि प्रदान करें।
गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi sthapana) से अनंत चतुर्दशी तक गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। इन 10 दिनों के दौरान घर में गणेश जी की विशेष पूजा और आराधना की जाती है। इस समय गणेश जी की उपस्थिति से घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली बनी रहती है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ इस पवित्र पर्व का समापन होता है।
गणेश स्थापना 2024 (Ganesh Sthapana 2024) का पर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आएगा। इस पर्व का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी अवसर प्रदान करता है। गणेश चतुर्थी के इस पवित्र अवसर पर विधि-विधान से गणपति की पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल बनाएं।
(यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)