आजकल के दौर में घर गृह क्लेश एक आम समस्या बनती जा रही है। ऐसे में घर जो कभी सुकून की जगह हुआ करता था, अब कई लोगों के लिए तनाव का कारण बन गया है। रोज रोज के झगड़ों से तंग आकर लोग घर से दूर भागने की कोशिश करते है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि आखिर परिवारों में झगड़े बढ़ क्यों रहे हैं? इसके पीछे केवल हालात नहीं, बल्कि कुछ ज्योतिषीय कारण भी छिपे हैं। इस ब्लॉग में हम इन्हीं कुछ कारण और गृह क्लेश से बचने के कुछ शक्तिशाली उपाय के बारे में बताएंगे-
वैसे तो गृह क्लेश के बहुत से कारण हो सकते है, लेकिन इनमें कुछ कारण ऐसे हैं, जो आमतौर पर देखने को मिलते है-
अक्सर देखा जाता है की जब परिवार के सदस्यों के बीच आपसी तालमेल नहीं होता, तो समझ की कमी के चलते छोटी-छोटी बातों पर भी झगड़ा शुरू हो जाता हैं।
कुंडली में चंद्रमा के अशुभ प्रभाव या कमजोर स्थिति होने के चलते व्यक्ति अक्सर तनाव और मानसिक अशांति महसूस करता है, जिससे घर का वातावरण भी अशांत और तनावपूर्ण हो जाता है।
जिस भी घर में स्त्रियों को सम्मान नहीं किया जाता, वहां न तो शांति रहती है और न ही कभी धन या सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह गृह क्लेश का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है।
पितृ दोष भी गृह कलेश के मुख्य कारण में से एक है। यदि पूर्वजों के लिए निमित्त कर्म न किए जाए तो वह आपसे नाराज हो सकते है, जिससे घर परिवार में अक्सर तनाव की स्थिति देखने को मिलती है।
घर या किसी भी भवन निर्माण में वास्तु का विशेष महत्व होता है। घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष नेगेटिव एनर्जी को आकर्षित करता है, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच तनाव और मनमुटाव बढ़ता है।
शराब व अन्य खराब आदतें अक्सर घरों में झगड़ें का प्रमुख कारण बनता है। शराब या किसी भी प्रकार का नशा, अपमान, गुस्से और झगड़ों को जन्म देता है। जिसके चलते आपसी मनमुटाव, झगड़ें और क्लेश की स्थिति बनी रहती है।
जिस भी व्यक्ति की कुंडली में राहु, शनि या केतु के अशुभ प्रभाव होते है, तो इसका सीधा असर घर के माहौल पर पड़ता है। इस कारण से छोटी-छोटी बातों पर भी बहस बढ़ जाती है और पारिवारिक शांति भंग हो जाती है।
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इन कुछ प्रमुख कारणों के जरिए हमने समझा की गृह क्लेश के मुख्य कारण क्या हो सकते है, आइए अब देखते है क्या है वह शक्तिशाली गृह क्लेश के उपाय (Grah kalesh ke upay), जो आपको इस प्रकार की परेशानियों से छुटकारा दिलाने में सहायक होंगे-
कहा जाता है की अन्न में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है, ऐसे में बिस्तर पर खाना खाने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो सकती है माना जाता है कि यह आदत न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि घर में नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करती है। ऐसे में बिस्तर पर भूलकर भी खाना नहीं खाना चाहिए।
हनुमान चालीसा भगवान हनुमान को समर्पित एक शक्तिशाली स्तुति है, जो सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा के खिलाफ सुरक्षा कवच की तरह काम काम करता हैं। गृह क्लेश या परिवार में चल रहे तनाव से मुक्ति पाने के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत प्रभावशाली उपाय है।
अपने पितरों के निमित्त तर्पण या दान-पुण्य करना न केवल एक कर्तव्य है, बल्कि यह हमारे जीवन में शांति और स्थिरता भी लाता है। अगर आपके घर में भी अक्सर तनाव या क्लेश की स्थिति बनी रहती है तो अमावस्या के दिन विशेष रूप से अपने पूर्वजों को नमन करें और उनके निमित्त किसी गाय को भोजन कराएं।
अक्सर देखा जाता है की कुछ लोग घर की छत को स्टोर रूम बना लेते हैं और घर का सारा कबाड़, पुराने और बेकार सामान वहां रख देते हैं। हालांकि वास्तु शास्त्र में ऐसा करना बिल्कुल गलत बताया गया है। माना जाता है की छत को गंदा और भारी रखने से मानसिक बोझ और क्रोध बढ़ता है। ऐसे में घर की छत को हमेशा साफ रखें ताकि घर में सुख-शान्ति बनी रहे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का ईशान कोण, जिसे उत्तर-पूर्व दिशा जाता है, घर का सबसे पवित्र स्थान होता है। यही वजह है कि ज्योतिष विशेषज्ञ हमेशा इसी दिशा में मंदिर या पूजन स्थल बनाने का सुझाव देते है। ऐसे में जब मंदिर किसी अन्य दिशा में होता है तो, यह मानसिक अशांति और रोज़ाना झगड़ो को बढ़ावा दे सकता हैं। ऐसे में ध्यान रखें की पूजन स्थल सही दिशा में ही स्थापित हो।
सत्यनारायण भगवान की कथा, घर के वातावरण को शुद्ध और संतुलित करने का एक अद्भुत उपाय माना जाता है। भगवान विष्णु को समर्पित यह पौराणिक कथा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, जिससे पारिवारिक रिश्तों में भी मधुरता आती है और मानसिक शांति बनी रहती है।
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आप भी अगर पिछले कुछ समय से घर में चल रहे क्लेश या मनमुटाव से परेशान है तो घर में पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा का आयोजन करें।