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Satyanarayan Vrat 2023: जानें साल 2023 के लिए सत्यनारायण पूजा-व्रत की लिस्ट, पूजन विधि व महत्व

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श्री सत्यनारायण का व्रत, भगवान विष्णु को समर्पित सबसे पवित्र व्रतों में से एक है। भगवान सत्यनारायण का यह व्रत हर महीने की शुक्ल पूर्णिमा की तिथि को रखा जाता है। इस दिन खास तौर पर भगवान विष्णु के भक्तों के द्वारा सत्यनारायण का व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में सत्यनारायण पूजा एवं व्रत का विशेष महत्व बताया जाता है।

Satyanarayan Vrat 2023:  जानें साल 2023 के लिए सत्यनारायण पूजा-व्रत की लिस्ट, पूजन विधि व महत्व

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु के शुभ अवतार की पूजा करने के लिए सत्यनारायण पूजा की जाती है। मान्यता है की जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु के सत्यनारायण अवतार की पूजा करता है, उसे स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। सत्यनारायण व्रत (satyanarayan vrat) के दिन घर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ होता है। वैसे तो पूर्णिमा तिथि के दिन आप किसी भी समय यह पूजा कर सकते है, लेकिन शाम या सायं-काल का समय सत्यनारायण पूजा के लिए सबसे उत्तम होता है।

आज के इस ब्लॉग में, हम साल 2023 सत्यनारायण व्रत (satyanarayan vrat 2023) की सम्पूर्ण सूचि के बारे में जानकारी देने जा रहे है, लेकिन उससे पहले आइये जानते है, सत्यनारायण व्रत का धार्मिक महत्व व पूजन विधि-


Satyanarayan Vrat ka Mehatv : सत्यनारायण व्रत का महत्व

• सत्यनारायण व्रत के दिन बड़ी संख्या में भक्तगण, विष्णु मंदिरों में जाते है और हाथ जोड़कर अपने और अपने परिवार वालों के लिए प्रार्थना करते है।

• सत्यनारायण व्रत को विधि-विधान से करने से व्यक्ति के जीवन में शान्ति एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी प्रकार के दुख-दरिद्र व कष्टों से भी मुक्ति मिलती है।

• जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान सत्यनारायण का यह व्रत रखता है और व्रत कथा (Satyanarayan vrat katha) का श्रवण करता है, उसकी रक्षा स्वयं भगवान विष्णु करते है।

• धर्म शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण व्रत कथा का श्रवण करने से हजार यज्ञ करने के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है की इस व्रत में भगवान विष्णु के सत्य स्वरूप के बारे में वर्णन किया गया है।

• पूर्णिमा का यह हिंदुओं के बीच एक महान धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चांदनी आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ा सकती है जो सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।


List of Satyanarayan Vrat 2023: सत्यनारायण व्रत 2023 की सूची

तिथि (Date) सत्यनारायण व्रत
06 जनवरी 2023(शुक्रवार) श्री सत्यनारायण व्रत (पौष पूर्णिमा)
05 फरवरी (रविवार) श्री सत्यनारायण व्रत (माघ पूर्णिमा)
07 मार्च (मंगलवार) श्री सत्यनारायण व्रत (फाल्गुन पूर्णिमा)
06 अप्रैल (गुरुवार) श्री सत्यनारायण व्रत (चैत्र पूर्णिमा)
05 मई (शुक्रवार)) श्री सत्यनारायण व्रत (वैशाख पूर्णिमा)
04 जून (रविवार) श्री सत्यनारायण व्रत (ज्येष्ठ पूर्णिमा)
03 जुलाई (सोमवार) श्री सत्यनारायण व्रत (आषाढ़ पूर्णिमा)
01 अगस्त (मंगलवार) श्री सत्यनारायण व्रत (आषाढ़ पूर्णिमा)
31 अगस्त(गुरुवार) श्री सत्यनारायण व्रत (श्रावण पूर्णिमा)
29 सितंबर (शुक्रवार) श्री सत्यनारायण व्रत (भाद्रपद पूर्णिमा)
28 अक्टूबर (शनिवार) श्री सत्यनारायण व्रत (अश्विन पूर्णिमा)
27 नवंबर (सोमवार) श्री सत्यनारायण व्रत (कार्तिक पूर्णिमा)
26 दिसंबर (मंगलवार) श्री सत्यनारायण व्रत (मार्गशीर्ष पूर्णिमा)

Satyanarayan Vrat Pujan Vidhi: सत्यनारायण व्रत पूजन विधि

1. पूर्णिमा तिथि के दिन भक्त सुबह जल्दी उठे और पवित्र स्नान करें।

2. एक लकड़ी की चौकी लें और श्री यंत्र के साथ भगवान श्री सत्यनारायण की मूर्ति रखें। अपने घर के मंदिर को केले के पत्तों से सजाएं।

3. अब पीले पुष्प, कुमकुम, हल्दी अक्षत इत्यादि भगवान को चढ़ाएं और फिर जल से भरा कलश रखें और देसी घी का दीपक जलाएं।

4. भगवान सत्यनारायण की पूजा के लिए शाम के मुहूर्त का ही चयन करें।

5. अब भक्त भुने हुए आटे, सफेद बूरा से बना प्रसाद तैयार करें। इस प्रसाद में केले के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर मिलाएं।

6. पंचामृत (दूध, दही, शहद, चीनी और घी का मिश्रण) तैयार करें और पंचामृत में तुलसी पत्र डालकर भगवान सत्यनारायण को भोग लगाएं।

7. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पत्र महत्वपूर्ण है और ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पत्ते के बिना पूजा संपन्न नही होती है।

8. सत्यनारायण पूजा के दौरान सत्यनारायण कथा का पाठ करें।

9. सत्यनारायण कथा पूरी करने के पश्चात "जय लक्ष्मी रमना" और "जय जगदीश हरे" की आरती गाएं पाठ।

10. भक्त देवता का सम्मान करने के लिए चंद्रमा को जल (अर्घ्य) देते हैं, उसके बाद भक्त सात्विक भोजन करके व्रत तोड़ सकते है।

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