देशभर में 24 अक्टूबर 2022 को दीपवाली का पर्व मनाया जाएगा। दिवाली का यह पावन पर्व धन की देवी, माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन अधिकांश हिन्दू घरों में देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। दिवाली का यह त्यौहार पांच दिनों तक मनाया जाता है और इन पांच दिवसीय त्यौहारों के दौरान बाजारों व मंदिरों की सजावट देखती ही बनती है।
वैसे तो भारत के अधिकतर मंदिरों में दिवाली के समय चहल-पहल रहती है। लेकिन इस दौरान देवी महालक्ष्मी के मंदिर में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। ऐसे में आज हम आपको भारत के 5 प्रसिद्ध मां लक्ष्मी मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है, जहां दिवाली के समय दर्शन करने से भक्तों की सभी मुरादें पूर्ण होती है।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित देवी महालक्ष्मी का यह मंदिर भारत के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। मान्यता है की जो भी व्यक्ति श्रद्धाभाव से इस मंदिर में आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस मंदिर में देवी महालक्ष्मी के साथ महाकाली और महासरस्वती की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई है। देवी आदिशक्ति के यह तीन स्वरूप दर्शनार्थियों को बहुत आकर्षक प्रतीत होती है।
भारत के प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिरों की सूचि में अब जिस मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे है, वह मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में स्थित है। रतलाम में बसे इस मंदिर की ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी व्याप्त है। दीपवाली के पावन अवसर पर देवी लक्ष्मी को स्वर्ण आभषणों से सजाया जाता है। इसके अलावा धनतेरस से दिवाली तक मंदिर परिसर की सजावट पैसों से की जाती है।
विश्वभर में लोकप्रिय देवी लक्ष्मी को समर्पित यह पद्मावती मंदिर, आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है।आंध्र प्रदेश के तिरुचानूर में बसे इस मंदिर की वास्तुकला लाखों दर्शार्थियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसा कहा जाता है की यदि कोई व्यक्ति तिरुपति बालाजी मंदिर जाता है, तो उसे श्री पद्मावती मंदिर भी दर्शन के लिए भी अवश्य जाना चाहिए। यहां देवी लक्ष्मी को 'अलवेलु मंगम्या' नाम से भी सम्बोधित किया जाता है।
दीपावली के पर्व पर राजधानी दिल्ली में स्थित श्री लक्ष्मी नारयण मंदिर की शोभा देखते ही बनती है। दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक, इस मंदिर के बारे यह मान्यता है की सच्चे मन से मांगने पर देवी महालक्ष्मी सबकी मुरादें पूर्ण करती है। जैसा की हमें नाम से भी स्पष्ट होता है, लक्ष्मी नारायण के इस मंदिर में देवी लक्ष्मी के साथ नारायण यानी भगवान विष्णु की प्रतिमा भी विराजमान है। माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण साल 1662 में महाराजा वीरसिंह देव द्वारा करवाया गया था ।
भारत के दक्षिण भारत में स्थित इस मंदिर का निर्माण सोने से किया गया है। श्रीपुरम मंदिर तमिलनाडु के थिरुमलाइकोडी में स्थित है। बताया जाता है की इस मंदिर के निर्माण में लगभग 15000 किलों सोने का प्रयोग किया गया है। दीपावली के समय इस मंदिर में भव्य सजावट देखने को मिलती है और सम्पूर्ण मंदिर परिसर रोशनी से जगमगा उठता है। कहा जाता है की इस मंदिर में दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
देशभर के विभिन्न राज्यों में स्थित उपरोक्त बताए गए इन सभी महालक्ष्मी मंदिरों का विशेष महत्व है। दीपावली के समय इन मंदिरों का एक अलग ही स्वरूप देखा जाता है। ऐसे में इस त्यौहार के दौरान एक बार आपको इन मंदिरों में दर्शन हेतु अवश्य जाना चाहिए।
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